बारिश और बाढ़ से केरल में 54.11 लाख प्रभावित हुए और उनमें से 12.47 लाख लोगों ने 5,645 राहत शिविरों में शरण ली है. कोच्चि हवाई अड्डे को 220 करोड़ रुपये का नुकसान. 26 अगस्त से शुरू हो सकती हैं उड़ाने.
कोच्चि/नई दिल्ली: केरल में इस साल 30 मई से मानसूनी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन की विभिन्न घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 373 हो गई है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) ने मंगलवार को एक बयान में यह जानकारी दी.
राज्य के सभी 14 ज़िले बाढ़ से प्रभावित हैं. बाढ़ के कारण कुल 87 लोग घायल भी हुए हैं और 32 अन्य लापता हैं.
विशेषज्ञों ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के कम दबाव के दो क्षेत्रों के साथ मिलने और दक्षिण-पूर्व अरब सागर में मॉनसून के ज़ोर पकड़ने के चलते केरल में इस महीने भारी बारिश हुई.
वहीं गृह मंत्रालय ने राज्य में आई भीषण बाढ़ को ‘गंभीर प्रकृति की आपदा’ घोषित किया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘केरल में आई बाढ़ और भूस्खलन की प्रबलता को देखते हुए यह सभी व्यवहारिक उद्देश्यों के लिए गंभीर प्रकृति की एक आपदा है.’
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर जारी बयान के अनुसार केरल में मानूसनी बारिश के कारण 30 मई से कुल 373 लोगों की मौत हो चुकी है और 32 अन्य लापता हैं.
इसमें कहा गया है कि भीषण बाढ़ के कारण केरल में 54.11 लाख प्रभावित हुए हैं और उनमें से 12.47 लाख लोगों ने 5,645 राहत शिविरों में शरण ली है.
बचाव और राहत कार्यों के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने 59 टीमों और 207 नौकाओं को तैनात किया है वहीं सेना ने 23 टीमों और 104 नौकाओं को तैनात किया है. नौसेना ने 94 टीमें तैनात की है.
नौसेना ने एक मेडिकल टीम, नौ हेलीकॉप्टर, दो विशेष विमान, 94 नौकाएं भी तैनात की है. तटरक्षक बल ने 36 टीमें, 49 नौकाएं, दो हेलीकॉप्टर, 23 विशेष हेलीकॉप्टर तैनात की है.
Rail routes between Thiruvananthapuram & Nagarcoil section, Ernakulam & Kottayam, Ernakulam & Shoranur, Palakkad & Shoranur, Shoranur & Kozhikkode, Kollam & Punalur section declared fit. Work underway to restore traffic on Punalur-Senkottai-Thrissur-Gururvayur branch lines.
— ANI (@ANI) August 21, 2018
वायुसेना ने 22 हेलीकॉप्टर और 23 विशेष विमान वहीं सीआरपीएफ ने 10 टीमें तैनात की है.
भारतीय रेलवे ने केरल में बाढ़ की वजह से ख़राब महत्वपूर्ण रेल ट्रैकों को सुधार लिया है. दक्षिण रेलवे के तीन डिवीजनों में अधिकांश भारी बारिश, बाढ़, भूस्खलन और पहाड़ गिरने की वजह से प्रभावित हुए थे.
रेलवे की ओर तिरुवनंतपुरम और नागरकोइल, एर्णाकुलम और कोट्टायम, एर्णाकुलम और शोरानूर, पलक्कड़ और शोरानूर, शोरानूर और कोझिकोड, कोल्लम और पुनालुर के बीच के रेल खंड का ठीक पाया है. पुनालुर-सेनकाट्टई-त्रिशूर, गुरुरवयुर के बीच की लाइनों पर काम जारी है.
दक्षिण पूर्वी अरब सागर में मॉनसून का ज़ोर पकड़ना केरल के लिए घातक साबित हुआ
विशेषज्ञों ने कहा है कि बंगाल की खाड़ी में हवा के कम दबाव के दो क्षेत्रों के साथ मिलने और दक्षिण-पूर्व अरब सागर में मॉनसून के जोर पकड़ने के चलते केरल में इस महीने भारी बारिश हुई.
पश्चिमी घाट से लगे तटीय राज्य में अभूतपूर्व बारिश होने से 223 से अधिक लोगों की मौत हुई है. 10 लाख से अधिक लोगों को अपना घर बार छोड़ने को मजबूर होना पड़ा और हज़ारों करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा है.
मौसम विभाग ने कहा है कि जून और जुलाई में राज्य में सामान्य से क्रमश: 15 फीसदी और 16 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि एक अगस्त से 19 अगस्त के बीच 164 फीसदी अधिक बारिश दर्ज की गई.
स्काईमेट प्रमुख (मौसम विज्ञान) जीपी शर्मा ने बताया कि कोंकण से केरल तक लगे पश्चिमी घाट में कम दबाव का क्षेत्र, बंगाल की खाड़ी में हवा का कम दबाव का क्षेत्र, सोमाली जेट परिघटना ने पश्चिमी घाट में बारिश ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
सोमाली जेट धाराएं वे हवाएं हैं जो मेडागास्कर के पास बनती हैं और पश्चिमी घाट की ओर आती हैं. इन सभी कारकों के मिल जाने से राज्य में अभूतपूर्व बारिश हुई.
निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान एवं जलवायु परिवर्तन) ने बताया कि राज्य में मॉनसून पहले से सक्रिय था और कोंकण गोवा से लेकर केरल तक तटीय कम दबाव का क्षेत्र रहा.
उन्होंने बताया कि दक्षिण पूर्व अरब सागर में एक चक्रवाती परिसंचरण रहा, जिसने केरल और दक्षिण तटीय कर्नाटक को प्रभावित किया.
इसके अलावा ओडिशा तट के पास सात अगस्त और 13 अगस्त को हवा के कम दबाव के दो क्षेत्र बने. कम दबाव के इस क्षेत्र ने अरब सागर से हवाओं को अपनी ओर खींचा.
मौसम विभाग के अतिरिक्त निदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि कम दबाव के इन क्षेत्रों ने अरब सागर से पूर्वी पवनों को अपनी ओर खींचा और इसकी वजह से पश्चिमी घाट के ऊपर बादल बने जिससे केरल में बारिश आई.
कई मौसमी पद्धतियों के साथ मिलने से बड़े पैमाने पर तबाही हुई और जानमाल को नुकसान पहुंचा.
कोच्चि हवाई अड्डे पर 26 अगस्त उड़ान शुरू होने की उम्मीद
केरल में भारी बारिश और बाढ़ से कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (सायल) को 220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है. हालांकि हवाईअड्डे पर उड़ानों का परिचालन 26 अगस्त से फिर से शुरू होने की उम्मीद है.
उल्लेखनीय है कि देश के सबसे व्यस्ततम हवाई अड्डों में से एक कोच्चि पर 14 अगस्त से उड़ानों का परिचालन रद्द है.
सायल के प्रवक्ता ने कहा, ‘बाढ़ से प्रभावित कोच्चि हवाई अड्डे से जुड़ी समस्याओं को तेजी से निपटाने के लिए हम कड़ी मेहनत कर रहे हैं. हमें 26 अगस्त से परिचालन फिर शुरू कर लेने की उम्मीद है.’
उन्होंने कहा कि बाढ़ का पानी रनवे, टैक्सीवे और पार्किंग में पूरी तरह पहुंच गया था. रनवे को ठीक करने की ज़रूरत है जिसे अगले दो दिन में पूरा कर लिया जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा को पुख़्ता करने के लिए रनवे की सभी 800 लाइटों को हटाकर उनकी जांच की गई और उन्हें फिर से लगाया गया है.’
सायल प्रबंधन ने बाढ़ से तबाह हुए बुनियादी ढांचे को फिर से बनाना शुरू किया है. इसमें हवाई अड्डे की 2.6 किलोमीटर लंबी चाहरदिवारी भी शामिल है जो पेरियार नदी में जलस्तर बढ़ने के चलते बह गई थी. इसका निर्माण शुरू कर दिया गया है.
इसी के समानांतर सुरक्षा नियमों को ध्यान में रखते हुए उपयोग के लिए तैयार ढांचों को खड़ा किया जा रहा है, ताकि समयसीमा के भीतर काम कर सकें.
अधिकारी ने बताया कि बाढ़ से रनवे, विमानों के खड़े होने के स्थान टैक्सीवे, सीमाशुल्क मुक्त दुकानों के साथ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टर्मिनलों के कई क्षेत्रों को नुकसान पहुंचा है. इसके अलावा रनवे की प्रकाश व्यवस्था समेत इलेक्ट्रिकल उपकरण को भी क्षति पहुंची है.
उन्होंने कहा कि दुनिया के पहले पूरी तरह सौर ऊर्जा संचालित इस हवाई अड्डे का सौर बिजली संयंत्र भी बाढ़ से प्रभावित हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘हमने क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे को फिर से बनाने के प्रयास युद्धस्तर पर शुरू कर दिये हैं. हमारा शुरुआती आकलन है कि बाढ़ से हवाई अड्डे को 220 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. टर्मिनल की इमारतों को साफ करने के लिए लगभग 200 कर्मचारियों को तैनात किया गया है.’
हवाई अड्डे के अगले हफ्ते फिर से चालू होने की उम्मीद है. बीते 20 अगस्त से कोच्चि के नौसैनिक हवाई अड्डे आईएनएस गरुड़ से नागरिक विमानों का परिचालन शुरू किया जा चुका है.
अभी एयर इंडिया की अनुषांगी एलायंस एयर वहां से एक उड़ान बेंगलुरु और एक कोयंबटूर के लिए परिचालित कर रही है. आज इंडिगो ने भी वहां पर अपने विमान का परीक्षण किया है और उसका उड़ान परिचालन आज से शुरू हो सकता है.
बाढ़ का पानी घटने के बाद घरों में लौट रहे लोगों का ज़हरीले सांपों से सामना
केरल में भीषण मानसून और बाढ़ के बाद पानी घट रहा है तो लोग अपने घरों को लौट रहे हैं. ऐसे में उन्हें कोबरा और अन्य ज़हरीले सांपों के खौफ से दो-चार होना पड़ रहा है जो शौचालयों, आलमारियों और वाश बेसिन में जमे हुए हैं.
पिछले पांच दिनों में राज्य के विभिन्न हिस्सों से सर्पदंश की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. ऐसे में प्रशासन वन्यजीवन संरक्षणवादी और सांप विशेषज्ञ वावा सुरेश की मदद मांग रहे हैं.
समीप के अंगमाली के एक निजी अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि 15-20 अगस्त के दौरान डॉक्टरों ने सर्पदंश के 53 मामले देखे हैं.
अंगमाली लिटिल फ्लावर अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि नाग, करैत आदि ज़हरीले सांप बाढ़ के पानी के साथ जंगल से बहकर आ गए और उन्होंने इन वीरान घरों में घर जमा लिया.
डॉक्टर ने कहा, ‘ये सरीसृप पानी में डूबे घरों और अन्य ढांचों में पहुंच गए. इसलिए, जो लोग पानी घटने के बाद साफ सफाई के लिए अपने घरों में प्रवेश करते हैं उन्हें सावधानी बरतना चाहिए.’
राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने इस संबंध में सोशल मीडिया पर अभियान चलाया है. ऐसे ही एक अभियान में सुरेश ने लोगों से सांपों को देखकर नहीं घबराने, अपनी चीज़ें डंडे के सहारे ढूंढ़ने और फर्श को किरोसिन वाले पानी से पोछने की सलाह दी है. माना जाता है कि किरोसिन की गंध से सांप भाग जाते हैं.
बाढ़ प्रभावित केरल में बीमा दावों के 1,000 करोड़ रुपये से ऊपर जाने की संभावना
बीमा कंपनियों का अनुमान है कि बाढ़ प्रभावित केरल में बीमा दावों के 1,000 करोड़ रुपये से ऊपर जा सकते हैं.
एक बीमा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दावों का आकलन केरल में स्थिति के सामान्य होने पर किया जाएगा. दावों के प्राप्त होने पर चार-पांच दिन में सब कुछ साफ हो जाएगा.
अधिकारी ने कहा कि प्राथमिक आधार पर हमारा आकलन है कि कार, गृह और उद्योग से जुड़े साधारण बीमा दावे 1,000 करोड़ रुपये से भी अधिक होंगे.
केंद्र सरकार ने बीते 20 अगस्त को राज्य को भेजी जाने वाली राहत सामग्री को सीमाशुल्क और अंतरराज्यीय कर से छूट प्रदान कर दी थी.
ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एवी गिरजाकुमार ने कहा कि अभी से दावों का अनुमान लगाना बहुत जल्दबाज़ी होगी. हालात बेहतर होने पर अगले चार-पांच दिन में स्थिति और साफ हो जाएगी.
नेशनल इंश्योरेंस, न्यू इंडिया एश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और युनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों ने बाढ़ प्रभावित केरल में दावों के तेज़ी से निपटान के प्रबंध किए हैं.
गिरजाकुमार ने कहा कि कंपनियों की अपनी एक प्रणाली है और वह बीमा दावा फॉर्म को और आसान बना रही हैं.
उन्होंने कहा कि 22 अगस्त को बीमा कंपनियों के तकनीकी विभागों के प्रमुख और महाप्रबंधकों की बैठक है. यह मौजूदा दिशानिर्देशों के तहत होगी और केरल की बाढ़ के संदर्भ में सभी उपयुक्त प्रबंध करेंगे.
दावा निपटान प्रक्रिया की निगरानी क्षेत्रीय स्तर पर की जाएगी.
भारतीय जीवन बीमा निगम ने कहा कि वह सहयोगी बैंकों के साथ काम कर रही है ताकि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत आने वाले बीमित व्यक्तियों के दावों का तेज़ी से निपटान किया जा सके.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)