अटल बिहारी वाजपेयी की भतीजी और कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला ने कहा कि अटल की अंतिम यात्रा में पांच किलोमीटर चलने के बजाय अगर नरेंद्र मोदी उनके दिखाए गए मार्ग पर चलें तो देश के लिए अच्छा होगा.
रायपुर: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन के बाद उनकी भतीजी और कांग्रेस नेता करुणा शुक्ला ने एक वीडियो संदेश जारी कर भाजपा पर वोट लेने के लिए अटल बिहारी वाजपेयी का नाम इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है.
एबीपी न्यूज़ की खबर के मुताबिक शुक्ला ने इस मामले को लेकर भाजपा की निंदा की. उन्होंने कहा, ‘अटल बिहारी वाजपेयी के देहावसान के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की कैबिनेट ने अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर कई सारी योजनाओं का नामकरण किया. मुझे इस बात को लेकर बहुत क्षुब्धता है, खेद है.’
नया रायपुर से लेकर विश्वविद्यालय का नामकरण वाजपेयी के नाम पर रखने पर शुक्ला ने आगे कहा, ‘रमन सिंह ने कभी भी इससे पहले किसी कार्यक्रम में उनके नाम का ज़िक्र तक नहीं किया. कभी उनके नाम पर किसी चीज की घोषणा नहीं की. जबकि दिल्ली से लेकर छत्तीसगढ़ तक भाजपा की सरकार है. पिछले 10 वर्षों में जो चुनाव हुए थे वहां उनकी उपलब्धि का उल्लेख नहीं किया गया और न ही उनका नाम लिया गया. मुख्यमंत्री रमन सिंह को पिछले दस बरसों में कितनी बार वह याद आए उन्हें बताना चाहिए.’
वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री ने कहा है कि जनता भाजपा के आडंबर को जानती है और समझ रही है.
करुणा शुक्ला ने इसे लेकर नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर भी निशाना साधा है. उन्होंने कहा, ‘अटल की अंतिम यात्रा में 5 किलोमीटर चलने के बजाय अगर नरेंद्र मोदी दो कदम भी उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते तो देश के लिए अच्छा होगा.’
शुक्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भी अपमानित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इसे लेकर मैं बहुत दुखी और व्यथित हूं.
उन्होंने कहा, ‘मोदी, अमित शाह और रमन सिंह को लग रहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी का देहावसान उनके लिए डूबते को तिनके का सहारा मिलने जैसा है.’
उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों से वाजपेयी को भाजपा ने परिदृश्य से पूरी तरह से गायब कर दिया था. इन दस वर्षों में जिन राज्यों में चुनाव हुए वहां भी वाजपेयी का नाम लेना तो दूर किसी पोस्टर या बैनर में उनकी तस्वीर तक नहीं लगाई गई.
शुक्ला ने कहा कि भाजपा आने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में अटल बिहारी वाजपेयी का नाम इस्तेमाल करके सहानुभूति बटोरना चाहती है, लेकिन इसमें ये कामयाब नहीं हो पाएंगे. जनता भाजपा के इस चाल को समझती है.
Chhattisgarh CM Raman Singh and Bihar Deputy Chief Minister Sushil Kumar Modi take part in 'Asthi Kalash Yatra' of former prime minister #AtalBihariVajpayee, in Raipur and Patna, respectively. pic.twitter.com/xnr0uPfx3X
— ANI (@ANI) August 22, 2018
शुक्ला ने कहा है कि अटल बिहारी वाजपेयी अजातशत्रु थे और उनसे हर कोई स्नेह रखते थे, सब उनका सम्मान करते है. जवाहर लाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी तक से उनके कितने आत्मीय संबंध रहे यह इतिहास में दर्ज है. लेकिन भाजपा तो मानवीय संबंधों का सम्मान करना भूल चुकी है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण लालकृष्ण आडवाणी जैसे वरिष्ठ नेता का पार्टी में हो रहा अपमान है.
उन्होंने कहा है कि वाजपेयी की भतीजी होने के नाते उन्हें इस घटनाक्रम से ज़्यादा दुख हो रहा है. वाजपेयी के भाई अवध बिहारी की बेटी होने के कारण उन्हें भाजपा की इस करतूत से पीड़ा हो रही है.
उल्लेखनीय है कि करुणा शुक्ला भाजपा से इस्तीफ़ा देने के बाद 2014 में कांग्रेस में शामिल हो गई थी. शुक्ला छत्तीसगढ़ के जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा की सांसद रही हैं तथा अविभाजित मध्यप्रदेश में बलौदा बाज़ार विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रही हैं.
शुक्ला भाजपा में वरिष्ठ पदों पर रही हैं. राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने शुक्ला को 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान बिलासपुर सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. इस चुनाव में वह भाजपा के लखनलाल साहू से हार गई थी.
इस बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्य में पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता ने कहा है कि करुणा शुक्ला की वाजपेयी पर यदि श्रद्धा होती तो वह उनकी पार्टी नहीं छोड़ती.
गुप्ता ने कहा कि शुक्ला ने राजनीतिक स्वार्थ के लिए संबंधों को भी दरकिनार कर दिया. छत्तीसगढ़ में अटल विहार और अटल आवास योजना बरसों से लागू है. इसलिए यह कहना उचित नहीं है कि वाजपेयी को यहां भुला दिया गया था.
उन्होंने कहा, ‘हम सब अटल जी के सिद्धांतों के अनुरूप जनता की सेवा कर रहे हैं. देश में प्रधानमंत्री से लेकर भाजपा के बूथ स्तर तक का कार्यकर्ता अटल जी के जाने से दुखी और द्रवित हैं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)