बेरोज़गारी, नोटबंदी और जीएसटी से उपजे गुस्से के कारण हो रही लिंचिंग: राहुल गांधी

जर्मनी के हैम्बर्ग में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने विकास की प्रक्रिया से आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को बाहर रखा है. यह एक ख़तरनाक बात बन सकती है.

जर्मनी के हैम्बर्ग में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार ने विकास की प्रक्रिया से आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को बाहर रखा है. यह एक ख़तरनाक बात बन सकती है.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फोटो: फेसबुक/राहुल गांधी)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया कि भारत में भीड़ द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने की घटनाएं बेरोजगारी और सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा नोटबंदी एवं जीएसटी को ‘खराब तरीके से लागू’ किए जाने से छोटे कारोबारों के ‘चौपट’ हो जाने की वजह से उपजे ‘गुस्से’ के कारण हो रही हैं.

जर्मनी के हैम्बर्ग में अपने संबोधन में गांधी ने आईएसआईएस के बनने का जिक्र करते हुए आगाह किया या कि अगर विकास की प्रक्रिया से लोगों को बाहर रखा गया तो इसी तरह के हालात देश में पैदा हो सकते हैं.

उन्होंने कहा, ‘लोगों को बाहर रखना 21वीं सदी में बेहद खतरनाक है. अगर 21वीं सदी में आप लोगों को नजरिया नहीं देते हैं तो कोई और देगा.’

उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विकास प्रक्रिया से आदिवासियों, दलितों और अल्पसंख्यकों को बाहर रखने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘और हमारी विकास प्रक्रिया से बड़ी संख्या में लोगों को बाहर रखने का वही असली खतरा है.’

उन्होंने कहा कि दुनिया में जो बदलाव हो रहे हैं उसके लिए लोगों को कुछ निश्चित सुरक्षा की आवश्यकता है. उन्होंने भारत की मौजूदा सरकार पर उनसे ये सुरक्षा छीनने और नोटबंदी और जीएसटी के जरिये अनौपचारिक अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने का आरोप लगाया जिससे लोगों में गुस्सा पैदा हो रहा है और भीड़ हत्या की घटनाएं हो रही हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘वे (भाजपा सरकार) महसूस करते हैं कि आदिवासी, गरीब किसानों, निचली जाति के लोगों और अल्पंसख्यकों को अमीरों के समान लाभ नहीं मिलना चाहिए.’

उन्होंने कहा, ‘यही एकमात्र नुकसान उन्होंने नहीं किया है. उससे कहीं अधिक कुछ खतरनाक बातें हैं.’

उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ वर्ष पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था का विमुद्रीकरण किया और सभी छोटे और मझोले कारोबार के लिए नकदी के प्रवाह को तबाह कर दिया जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए.

गांधी ने कहा, ‘उन्होंने खराब अवधारणा वाली जीएसटी थोप दी, जिसने जीवन को और जटिल बना दिया.’

उन्होंने कहा, ‘छोटे कारोबार में काम करने वाले बड़ी संख्या में लोग गांव लौटने पर मजबूर हुए और ये तीन काम जो सरकार ने किये हैं उसने भारत में आक्रोश पैदा किया है.’

गांधी ने कहा, ‘और आपको वही समाचार पत्रों में पढ़ने को मिलता है. जब आप भीड़ के लोगों की पीट-पीटकर हत्या करने की बात सुनते हैं, जब आप भारत में दलितों पर हमले के बारे में सुनते हैं और जब आप भारत में अल्पसंख्यकों पर हमले के बारे में सुनते हैं तो उसकी वजह यही है.’

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि संसद में जब उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गले लगाया था तो उनकी ही पार्टी के कुछ सदस्यों को यह पसंद नहीं आया था. गांधी ने यह भी कहा कि भारत में नौकरी की बड़ी समस्या है, लेकिन प्रधानमंत्री इसे नहीं देखना चाहते हैं.

उन्होंने कहा, ‘समस्या का समाधान करने के लिये आपको उसे स्वीकार करना होगा.’

गांधी ने भारत और पिछले 70 वर्षों में उसकी प्रगति के बारे में भी बोला. संसद में पिछले महीने मोदी सरकार पर तीखे हमले करने के बाद प्रधानमंत्री को गले लगाने के वाकये का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, ‘जब संसद में मैंने प्रधनमंत्री मोदी को गले लगाया तो मेरी पार्टी के भीतर कुछ लोगों को यह पसंद नहीं आया.’

गांधी ने अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में भी बोला. उन्होंने कहा, ‘जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा. मैंने उसके रोते हुए बच्चों में खुद को देखा.’

लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरण राजीव गांधी की हत्या के लिये जिम्मेदार था. उसे श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में मार गिराया था.