भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की कथित संलिप्तता वाले मामले में मृतक के परिवार का कहना है कि उनकी मौत लंबी बीमारी के चलते हुई. हालांकि, शव दफ़नाने से पहले पोस्टमॉर्टम न कराए जाने पर विवाद हो गया है.
उन्नाव: उन्नाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की कथित संलिप्तता वाले बलात्कार और हत्या के मामले के एक गवाह की कथित तौर पर बीमारी से मौत हो गई है.
मृतक का नाम युनुस है और कथित बलात्कार पीड़िता के चाचा के मुताबिक युनुस पीड़िता के पिता को भाजपा विधायक के भाई तथा अन्य लोगों द्वारा बेरहमी से पीटा जाने का गवाह था.
सफीपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी विवेक रंजन राय ने गुरूवार को बताया कि युनुस की पिछली 18 अगस्त को मौत हो गई थी. वह लीवर सिरोसिस से पीड़ित था और उसके परिजन द्वारा प्रस्तुत किए गए इलाज संबंधी पर्चों से यह पता चलता है कि उसे लीवर की यह बीमारी थी.
युनुस का कानपुर, उन्नाव तथा लखनऊ में इलाज किया गया था. उसके परिवार के लोग उसके शव का पोस्टमार्टम नहीं कराना चाहते थे. परिजनों का कहना है कि युनुस पिछले करीब तीन महीने से बीमार था और घर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.
राय ने बताया कि एक लड़की से कथित तौर पर बलात्कार और उसके पिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले की जांच कर रही सीबीआई युनुस का बयान पहले ही रिकॉर्ड कर चुकी है.
इस बीच कथित बलात्कार पीड़ित लड़की के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर आरोप लगाया कि युनुस के शव को पोस्टमॉर्टम कराए बगैर दफना दिया गया. उसके शव को कब्र खोदकर निकलवाया जाना चाहिए और पोस्टमॉर्टम कराया जाना चाहिए ताकि उसकी मौत का असली कारण पता लग सके.
हालांकि, युनुस के भाइयों रईस और जान मोहम्मद ने गुरूवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय जाकर बताया कि उनके भाई की मौत लीवर की बीमारी की वजह से हुई है.
मालूम हो कि उन्नाव की 17 वर्षीय नाबालिग ने भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर तथा उनके भाई तथा उनके अन्य साथियों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था. इसी दौरान उसके पिता की कथित रूप से पुलिस की हिरासत में पिटाई के बाद मौत हो गई थी.
इस मामले को लेकर सरकार को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था जिसके बाद प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 12 अप्रैल को पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी थी.
राहुल गांधी ने मौत को साजिश करार दिया
प्रत्यक्षदर्शी की मौत की इस घटना पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि इसके पीछे साजिश की बू नजर आ रही है.
वहीं, कथित बलात्कार मामले की जांच कर रही सीबीआई ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा राज्य पुलिस की जिम्मेदारी है और यह केंद्रीय एजेंसी के कार्यक्षेत्र में नहीं आता.
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस संबंध में सीबीआई के साथ जानकारी साजा कर दी है. पुलिस ने कहा है कि युनुस नामक गवाह पिछले कुछ समय से कथित तौर पर बीमार चल रहा था. वह माखी गांव में एक परचून की दुकान चलाता था. पीड़िता और विधायक भी इसी गांव में रहते हैं. उसे कुछ दिनों से लीवर संबंधी बीमारी थी और पिछले हफ्ते उसकी मौत हो गई थी.
जर्मनी में मौजूद राहुल गांधी ने घटना से जुड़ी एक खबर के हवाले से आरोप लगाया कि मामले के मुख्य गवाह की रहस्यमय परीस्थितियों में मौत हुई है और शव का पोस्टमॉर्टम किए बिना ही उसे जल्दबाजी में दफनाया गया.
राहुल ने खबर को रिट्वीट करते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की संलिप्तता वाले उन्नाव बलात्कार एवं हत्या मामले के मुख्य प्रत्यक्षदर्शी की रहस्यमय ढंग से हुई मौत और शव को पोस्टमॉर्टम के बिना जल्दबाजी में दफनाए जाने से साजिश की बू आती है. क्या हमारी बेटियों के लिए न्याय का आपका यही तरीका है, श्रीमान 56?’
युनुस सीबीआई के उस मामले में एक गवाह था जो विधायक अतुल सिंह सेंगर के भाई और चार अन्य द्वारा बलात्कार पीड़िता के पिता की बुरी तरह पिटाई करने से जुड़ा है. इस पिटाई की वजह से पीड़िता के पिता की मौत हो गई थी.
गौरतलब है कि बलात्कार पीड़िता के पिता की जेल में मौत हो गई थी जहां उसे आर्म्स एक्ट के कथित झूठे आरोपों के तहत रखा गया था.
उत्तर प्रदेश पुलिस के सूत्रों ने बताया कि युनुस के परिवार ने पुलिस को बयान दिया है कि वह 2013 से लीवर की बीमारी से ग्रस्त था और उसकी मौत बीमारी की वजह से हुई.
उन्होंने बताया कि युनुस द्वारा कराए जा रहे इलाज संबंधी दस्तावेज भी पुलिस ने बरामद कर लिए हैं.
शुक्रवार को बलात्कार पीड़िता के चाचा ने उन्नाव के पुलिस अधीक्षक को एक पत्र लिखकर शव के पोस्टमॉर्टम की मांग की थी ताकि मौत की सही वजह पता चल सके.
वहीं, युनुस के परिवार इस संबंध में किसी भी षड्यंत्र से न सिर्फ इनकार किया है बल्कि पीड़िता के चाचा पर ही आरोप लगाया है कि उसने युनुस के शरीर को कब्र से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजने के लिए पैसे की पेशकश की है.
युनुस के भाई जन मोहम्मद ने कहा, ‘उन्होंने हमें पैसों की पेशकश की लेकिन हमने ठुकरा दी. हम किसी भा हालत में अपने भाई के शरीर को खोदकर नहीं निकालने वाले. ‘
हालांकि, पीड़िता के चाचा का कहना है कि युनुस का परिवार धमकियों का सामना कर रहा था. चाचा ने कहा, ‘उन्हें सेंगर द्वारा धमकाा जा रहा था और इसलिए वे ऐसा कह रहे हैं. वह बहुत ताकतवर और और किसी को भी यहां डरा-धमका सकता है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)