ज़िला अस्पताल के मेडिकल वार्ड में बुखार और हादसे में घायल भर्ती मरीजों को नर्स ने सिरिंज बदले बिना इंजेक्शन लगा दिए जिससे 25 मरीजों की हालत बिगड़ गई जिनमें एक की मौत हो गई.
दतिया: एक ओर तो सरकारें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं का दम भरती हैं तो दूसरी ओर गाहे- बगाहे देश भर से चिकित्सीय लापरवाही की ऐसी खबरें सामने आती रहती हैं जहां मरीजों को अपनी जान तक गंवानी पड़ती है.
ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के दतिया जिला अस्पताल से सामने आया है. जहां नर्स ने एक ही सिरिंज का उपयोग करके कई मरीजों को इंजेक्शन लगा दिए जिसके परिणामस्वरूप एक मरीज की मौत हो गई और 25 अन्य मरीजों की तबीयत बिगड़ने से अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई.
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक, इंजेक्शन लगाए जाने के बाद मरीजों को कंपकंपी और घबराहट महसूस होने लगी. उसी घबराहट में 52 वर्षीय इमरत सिंह की मौत हो गई. इमरत कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष सरनाम सिंह राजपूत के चचेरे भाई हैं. वहीं, बाकी मरीजों की हालत स्थिर बनी हुई है. घटना सोमवार शाम छह बजे की है.
सिविल सर्जन डॉक्टर पीके शर्मा के अनुसार, नर्स ने मेडिकल वार्ड में भर्ती बुखार और हादसे में घायल मरीजों के सिरिंज बदले बिना इंजेक्शन लगा दिए. वार्ड प्रभारी कमला वर्मा के आदेश पर पुरुष नर्स डी. गौतम ने इंजेक्शन लगाए.
उन्होंने बताया, ‘इंजेक्शन लगने के बाद तीन वार्डों में भर्ती मरीजों को घबराहट होने लगी और वे कांपने लगे और 5 से 7 मिनट बाद ही ग्राम कुम्हैड़ी निवासी इमरत सिंह की मौत हो गई.’
इमरत को सोमवार सुबह ही बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
बताया जाता है कि जब मरीजों की हालत बिगड़ी को डॉ. शर्मा ने सभी मरीजों को डेकडेन इंजेक्शन लगवाया, तब मरीजों की हालत स्थिर हुई.
पत्रिका के मुताबिक, घटना के बाद अस्पताल में भर्ती मरीज घबराकर अस्पताल से छुट्टी लिए बिना ही अस्पताल छोड़कर अपने घर भाग गए.
वहीं, मरीजों के परिजनों ने ड्यूटी डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किए जाने पुलिस को आवेदन दिया है.