बोधगया के प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में पढ़ने के लिए असम से आए थे बच्चे. पीड़ितों की उम्र 6 से 13 साल के बीच. मेडिकल जांच में कुछ बच्चों के शरीर पर घाव और अंदरूनी अंगों के साथ छेड़छाड़ के निशान पाए गए.
गया: बोधगया के मस्तीपुर स्थित प्रज्ञा ज्योति बुद्धिस्ट नोविस स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में बच्चों के साथ मारपीट और यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है. संस्था के प्रभारी सुजॉय उर्फ भंते संघप्रिय नाम के एक बौद्ध भिक्षु को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है.
प्रभात खबर की रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला तब सामने आया जब बच्चों के परिजनों को संस्था में संचालक द्वारा बच्चों के साथ अनैतिक काम किये जाने की जानकारी मुंबई में रहने वाले एक भंते ने दी.
बता दें कि इस सेंटर में असम के देहाती क्षेत्र से पढ़ने के लिए बच्चे आकर रहा करते हैं. पीड़ित बच्चों की उम्र छह से 13 साल की है.
संस्था में बच्चों के साथ हुए दुराचार के मामले में प्राथमिक जांच के बाद स्थिति को गंभीर मानते हुए आरोपी सुजॉय के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बोधगया और विष्णुपद थाने की पुलिस की देखरेख में 32 बच्चों को जयप्रकाश नारायण अस्पताल लाकर मेडिकल जांच की गयी, 15 बच्चों को असम भवन से और 17 बच्चों को बोधगया से मेडिकल जांच के लिए अस्पताल लाया गया था.
अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि कुछ बच्चों के शरीर पर घाव के निशान और शरीर के अंदरूनी अंगों के साथ भी छेड़छाड़ के निशान पाए गए हैं.
#Bihar: A Buddhist monk of Bodh Gaya's Prajna Jyoti Buddhist School & Meditation Centre was taken into police custody y'day for allegedly sexually abusing children of the school. DSP Gaya says 'Children told us they were thrashed,mistreated&sexually abused. We are investigating.' pic.twitter.com/PyvLtQzZwY
— ANI (@ANI) August 29, 2018
बोधगया थानाध्यक्ष शिवकुमार महतो ने बताया कि पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए भंते को बुधवार की रात गिरफ्तार कर लिया गया था. गुरुवार को आरोपी को अदालत में पेश किया गया था.
कोर्ट ने आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. इस मामले में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट की धारा 4,6,8,10,12 और आईपीसी की धारा 341, 323, 377, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
महतो ने बताया कि संस्थान से जुड़े अन्य बौद्ध भिक्षुओं के बारे में पुलिस पड़ताल शुरू कर दी गई है.
प्रभात खबर के मुताबिक इस मामले के सूचक असम के बलमफाड़ थाना क्षेत्र के रहने वाले अरुण विकास चकमा ने अपनी प्राथमिकी में कहा है कि असम के तीन-चार परिवार ने अपने बच्चों को प्रज्ञा ज्योति वेलफेयर ट्रस्ट के तहत चलने वाले स्कूल, जो बोधगया के मस्तिपुर गांव में है, में बुद्धिस्ट की पढ़ाई करने के लिए भेजा था.
25 अगस्त को सदानंद भिक्षु ने मुंबई से सूचना दी कि आपके बच्चों के साथ बोधगया में गलत किया जा रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि 28 अगस्त को बोधगया पहुंचा तो बच्चों ने बताया कि अनके साथ गंदा काम किया जा रहा है. इसके बाद वहां के संचालक से बात की तो वे भड़कते हुए बोले कि तुम अपने गांव के आसपास के सभी बच्चों को ले जाओ.
इसके बाद बिना कपड़े के ही बच्चों को गमछा और टी-शर्ट में बाहर निकाल दिया.