प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस दीपक मिश्रा का कार्यकाल दो अक्टूबर को पूरा हो जाएगा. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश की है.
नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने परंपरा का पालन करने और अगले प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस रंजन गोगोई के नाम की सिफारिश करने का मन बना लिया है जो वरिष्ठता में उनके बाद आते हैं.
यह बात शनिवार को उच्च पदस्थ सूत्रों ने कही. बहरहाल, सूत्रों ने कहा कि इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि क्या प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) ने अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश करने के लिए उन्हें केंद्र द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि संभावना है कि अगले सीजेआई की नियुक्ति के लिए सिफारिश के बारे में सरकार को जल्द सूचित किया जाएगा.
सीजेआई के रूप में जस्टिस मिश्रा का कार्यकाल दो अक्टूबर को पूरा हो जाएगा. विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल में जस्टिस मिश्रा से अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करने को कहा था. सूत्रों ने कहा था कि सीजेआई को पत्र हाल में मिला था.
अगले सीजेआई के रूप में जस्टिस गोगोई की नियुक्ति के बारे में तब अटकलें लगने लगी थीं जब जस्टिस गोगोई सहित उच्चतम न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों ने इस साल जनवरी में अभूतपूर्व ढंग से संवाददाता सम्मेलन बुलाकर विभिन्न मुद्दों, खासकर खास पीठों को मामलों के आवंटन के मुद्दे पर जस्टिस मिश्रा की आलोचना की थी.
जस्टिस जे. चेलमेश्वर (अब सेवानिवृत्त), जस्टिस मदन बी. लोकुर और जस्टिस कुरियन जोसेफ संवाददाता सम्मेलन करने वालों में शामिल थे. भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ था.
उच्च न्यायापालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित प्रक्रिया पत्रक के अनुसार भारत के प्रधान न्यायाधीश के पद के लिए शीर्ष अदालत के वरिष्ठतम न्यायाधीश को उपयुक्त माना जाना चाहिए.
इसमें कहा गया है कि विधि मंत्री उचित समय पर निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश से अगले सी जे आई की नियुक्ति के बारे में सिफारिश मांगेंगे.
इस प्रक्रिया के तहत सीजेआई की नियुक्ति की सिफारिश मिलने के बाद विधि मंत्री इसे प्रधानमंत्री के समक्ष रखते हैं. इसके बाद प्रधानमंत्री संबंधित मामले में राष्ट्रपति को सलाह देते हैं.
दस्तावेज कहता है, ‘जब भी प्रधान न्यायाधीश के पद के लिए वरिष्ठतम न्यायाधीश की उपयुक्तता के बारे में कोई संदेह हो तो अगले प्रधान न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए अन्य न्यायाधीशों से विमर्श किया जाएगा.’