मध्य प्रदेश में अवैध खनन रोकने पर डिप्टी रेंजर को कुचलकर मार डाला, ट्रैक्टर चालक गिरफ़्तार

मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले का मामला. इससे पहले चंबल क्षेत्र में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र सिंह, वन रक्षक नरेंद्र शर्मा, कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र चौहान और पत्रकार संदीप शर्मा की हत्या में खनन माफियाओं का हाथ होने की बात सामने आई है.

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मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले का मामला. इससे पहले चंबल क्षेत्र में आईपीएस अधिकारी नरेंद्र सिंह, वन रक्षक नरेंद्र शर्मा, कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र चौहान और पत्रकार संदीप शर्मा की हत्या में खनन माफियाओं का हाथ होने की बात सामने आई है.

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मुरैना: मध्य प्रदेश में चंबल क्षेत्र के मुरैना में वन विभाग के एक डिप्टी रेंजर को अवैध रेत उत्खनन रोकने पर कथित रूप से जानबूझकर ट्रैक्टर-ट्राली से कुचलकर मार डाला गया. घटना बीते शुक्रवार को है. पुलिस ने शनिवार को 35 वर्षीय आरोपी ट्रैक्टर चालक को गिरफ़्तार कर लिया है.

मुरैना वन मंडल में तैनात 58 वर्षीय डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह कुशवाह की रेत माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर सात सितंबर की सुबह करीब आठ बजे हत्या कर दी थी.

जिला पुलिस अधीक्षक अमित सांघी ने बताया कि पुलिस आरोपी ट्रैक्टर चालक देवेंद्र गुर्जर को पकड़ने के लिए उसके गांव गई थी, लेकिन उसने पुलिसकर्मियों पर ही गोली चला दी. हालांकि इससे कोई हताहत नहीं हुआ.

उन्होंने कहा, ‘हमने अवैध रेत से लदी ट्रैक्टर-ट्राली जब्त कर ली है और देवेंद्र गुर्जर को हत्या और भारतीय दंड संहिता की अन्य धाराओं में गिरफ़्तार किया है.’

दैनिक भास्कर ने पुलिस के हवाले से बताया है कि मुरैना स्थित नेशनल हाइवे-3 पर बनी चेक पोस्ट पर सूबेदार सिंह ड्यूटी पर तैनात थे. वे अन्य कर्मचारियों के साथ अवैध खनन कर रहे वाहनों की चेकिंग कर रहे थे.

सात सितंबर की करीब आठ बजे उन्होंने एक ट्रैक्टर को रोकने की कोशिश की, लेकिन पीछे से आ रहे दूसरे ट्रैक्टर ने उन्हें कुचल दिया.

इसके बाद पुलिस ने ट्रैक्टर चालक का पीछा किया. नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, 12 किलोमीटर भागने के बाद ट्रैक्टर चालक ट्रैक्टर छोड़कर फरार हो गया था, जिसे अब गिरफ़्तार कर लिया गया है.

उनका शव गृहनगर भिंड रवाना कर दिया गया. प्रशासन ने उनके परिवार को 50 हज़ार रुपए की तत्काल राशि मुहैया कराई. साथ ही 10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि जारी की गई. विभाग ने राज्य शासन से कुशवाह को शहीद का दर्जा देने की मांग की है.

घटना के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ‘शिवराज सरकार में प्रदेश में रेत माफियाओं के हौसले बुलंद. पूर्व में रेत माफियाओं के द्वारा मुरैना में एक आईपीएस नरेंद्र कुमार की हत्या, फिर मुरैना में डिप्टी रेंजर सूबेदार सिंह की रेत माफियायों द्वारा हत्या की ख़बर. आख़िर प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन और निर्दोषों की हत्या कब रुकेगी?’

वहीं मध्य प्रदेश के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य सरकार दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करेगी.

मालूम हो कि इससे पहले आठ मार्च 2012 को आईपीएस अधिकारी नरेंद्र सिंह की हत्या खनन माफियाओं ने ट्रैक्टर से कुचलकर कर दी थी. नरेंद्र सिंह अवैध खनन की सूचना मिलने पर कार्रवाई करने पहुंचे थे, जहां चालकों ने उन पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया था.

एक समाचार चैनल के पत्रकार संदीप शर्मा (35) ने चंबल क्षेत्र में पुलिस और अवैध खनन माफिया के बीच गठजोड़ का खुलासा किया था. इसी साल मार्च में भिंड ज़िले में एक डंपर से कुचलकर उन्हें मार डाला गया.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईएएस अधिकारी सोनिया मीणा को पिछले साल जान से मारने की धमकी दी गई थी. छतरपुर में उप संभागीय मजिस्ट्रेट के तौर पर कार्यरत उस वक़्त मीणा ने बेतवा नदी के किनारे अवैध खनन रोकने के लिए चेकिंग कर रही थीं.

साल 2016 में राष्ट्रीय राजमार्ग 3 में मुरैना-ग्वालियर रूट पर तैनात वन रक्षक नरेंद्र शर्मा को भी एक ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर मार डाला गया था. साल 2015 में कॉन्स्टेबल धर्मेंद्र चौहान की भी एक वाहन द्वारा खनन माफियाओं ने कुचलकर हत्या कर दी थी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)