समाचार एजेंसी भाषा को बिहार के पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुडे़ कुल 15,784 मामले सामने आए थे. वहीं साल 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले सामने आए हैं.
पटना: बिहार में महिलाओं के साथ बलात्कार, छेड़छाड़, अपहरण, दहेज के लिए हत्या एवं प्रताड़ना के मामलों में वृद्धि देखी गई है.
पिछले साल हर दिन जहां बलात्कार की तीन से ज्यादा घटनाएं हुईं, वहीं अपहरण के 18 से ज्यादा मामले हर रोज दर्ज किए गए. इस वर्ष की पहली छमाही के आंकड़े भी कुछ ऐसे ही हैं.
राज्य के पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, साल 2017 के दौरान प्रदेश में महिला अपराध से जुडे़ कुल 15,784 मामले सामने आए थे. इनमें बलात्कार के 1199, अपहरण के 6817, दहेज हत्या के 1081, दहेज प्रताड़ना के 4873 और छेड़खानी के 1814 मामले शामिल हैं.
वहीं साल 2018 के जून तक बिहार में महिला अपराध के कुल 7683 मामले समाने आए. इनमें बलात्कार के 682, अपहरण के 2390, दहेज हत्या के 575, दहेज प्रताड़ना के 1535, छेड़खानी के 890 और महिला प्रताड़ना के 1611 मामले शामिल हैं.
मुंबई स्थित टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस द्वारा बीते 27 अप्रैल को सौंपी गयी सोशल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर मुजफ्फरपुर जिले में स्थित एक बालिका गृह में 34 लड़कियों के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था. पीड़ित लड़कियों में से कुछ के गर्भवती होने की भी ख़बर सामने आई थी.
इस मामले में बालिका गृह के संचालक ब्रजेश ठाकुर, जिसका एनजीओ आश्रयगृह संचालित करता था, सहित कुल 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने मामले की जांच शुरू कर दी है और नए सिरे केस दर्ज किया है.
एक अन्य फरार दिलीप कुमार वर्मा की गिरफ्तारी के लिए इश्तेहार दिए गए हैं और कुर्की की कार्रवाई की जा रही है.
इसी मामले के चलते सामाजिक कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफ़ा भी देना पड़ा था, मामले में विपक्षी पार्टियों ने मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा की संलिप्तता का दावा किया था, जिसे मंजू वर्मा ने ख़ारिज कर दिया था.
इसी तरह वैशाली जिले के एक अल्पावास गृह में महिलाओं के यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया.
बीते 20 अगस्त को भोजपुर जिले के बिहिया थाना क्षेत्र में एक युवक की हत्या के संदेह में भीड़ ने एक महिला को कथित तौर पर निर्वस्त्र करके घुमाया था. पहले भीड़ ने महिला के कपड़े फाड़ दिए और उसके बाद उसे बिना कपड़ों के चारों तरफ घुमाया. इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.
इस बीच बिहार के कैमूर, जहानाबाद, नालंदा, सहरसा, दरभंगा आदि जिलों में लड़कियों के साथ छेड़खानी के वीडियो वायरल होने, अश्लील फोटो एवं वीडियो अपलोड करने के मामले भी सामने आए हैं.
बहरहाल, राज्य सरकार ने प्रदेश में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उन्हें पंचायती राज संस्थानों और स्थानीय निकाय चुनाव में 50 फीसदी आरक्षण, शिक्षकों की नियुक्ति में आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने, पुलिस सहित अन्य नौकरियों में 35 प्रतिशत का आरक्षण, बाल विवाह और दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान छेड़ने के सहित कई कदम उठाए हैं.
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए उन्हें रोजगार देने के लिए प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)