क्या भारतीय सेना अगले पांच सालों में डेढ़ लाख पदों की कटौती करने वाली है?

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो सालों में 50,000 सैनिकों को कम किए जाने की संभावना है. वहीं 2022-23 तक 100,000 और कर्मचारियों को कम किया जा सकता है. भारतीय सेना कैडर समीक्षा के तहत ऐसा कर सकती है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो सालों में 50,000 सैनिकों को कम किए जाने की संभावना है. वहीं 2022-23 तक 100,000 और कर्मचारियों को कम किया जा सकता है. भारतीय सेना कैडर समीक्षा के तहत ऐसा कर सकती है.

Pallanwal: Army soldiers patrol near the highly militarized Line of Control dividing Kashmir between India and Pakistan, in Pallanwal sector, about 75 kilometers from Jammu on Tuesday.PTI Photo(PTI10_4_2016_000284B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: भारतीय सेना अगले चार से पांच सालों में 150,000 से अधिक सैनिकों की कटौती करने वाला है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस कदम से परिचित दो अधिकारियों ने रविवार को कहा कि भारतीय सेना अत्यधिक प्रभावशाली कैडर समीक्षा के तहत अगले चार से पांच वर्षों में 150,000 से अधिक सैनिकों को कटौती कर सकता है.

सेना के अधिकारियों का कहना है कि ऐसा फोर्स की प्रभावशीलता को तेज करने और उन्हें भविष्य में युद्धों के लिए तैयार करने के लिए किया जा रहा है.

21 जून को कैडर समीक्षा के लिए दिए गए आदेश में 12 लाख सशक्त कर्मियों को कम करने और इसके कामकाज को अनुकूलित करने जैसे विभिन्न कार्यक्षेत्र के विलय सहित व्यापक मुद्दों को शामिल किया गया है.

सैन्य सचिव लेफ्टिनेंट जनरल जेएस संधू की अध्यक्षता में एक 11 सदस्यीय पैनल कैडर समीक्षा कर रहा है और नवंबर में अपनी अंतिम रिपोर्ट जमा करने से पहले महीने के अंत तक सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट देने की उम्मीद है.

हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में अधिकारी ने कहा, ‘कुछ तर्कसंगत भूमिकाओं के विलय की वजह से अगले दो सालों में 50,000 सैनिकों को कम करने की संभावना है. 2022-23 तक 100,000 और कर्मियों को कम किया जा सकता है. लेकिन यह सब अभी समीक्षा के चरण में है.’

वहीं दूसरे अधिकारी ने कहा, ‘सैन्य मुख्यालय, रसद इकाइयों, संचार प्रतिष्ठानों, मरम्मत सुविधाओं और अन्य प्रशासनिक और सहायता क्षेत्रों में निदेशकों सहित विभिन्न क्षेत्रों को संशोधित करके सेना की संख्या कम करने का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.’

कैडर समीक्षा आदेश ने ये चिंता खड़ी कर दी है कि सिस्टम में प्रौद्योगिकी के आने के बावजूद पिछले कई सालों में सेना के अलग-अलग क्षेत्रों में कैसे इतना ज्यादा विस्तार हो गया है.

सैनिकों की कटौती के अलावा, समीक्षा में सेना की भविष्य की जरूरतों, अधिकारियों की करियर प्रगति, सेना इकाइयों में अधिकारियों की कमी, गैर-सूचीबद्ध अधिकारियों के करियर प्रबंधन, सेवा छोड़ने से संबंधित प्रावधान, और अधिकारियों की दक्षता और मनोबल में सुधार शामिल है.

कैडर समीक्षा ब्रिगेडियर के रैंक को खत्म करने की संभावना की जांच कर रही है ताकि आसान करियर प्रगति सुनिश्चित हो सके और एकीकृत ब्रिगेड के साथ डिवीजन मुख्यालयों को बदलने पर विचार किया जा सके.

अगस्त 2017 में, सरकार ने सेना के युद्ध क्षमता को तेज करने के लिए 57,000 सैनिकों को फिर से तैनात करने के लिए सेना के व्यापक पुनर्गठन की घोषणा की थी. यह सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने और राजस्व व्यय को कम करने के लिए शेकटकार समिति द्वारा की गई सिफारिशों के बाद किया गया था.

समिति ने दिन-प्रतिदिन के खर्चों को कम करने और हथियारों और उपकरणों के लिए अधिक पैसा उपलब्ध कराने के लिए बजट लाने के उपायों की जानकारी दी थी.