उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले का मामला. सीएमओ ने कहा कि ऐसा कोई मामला संज्ञान में नहीं है. मामले का पता लगाकर जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में एक गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है. मृतक महिला के परिवारवालों का कहना है कि आधार कार्ड न होने की वजह से अस्पताल ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया, जिसके बाद उनकी मौत हो गई.
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, फर्रूखाबाद में मऊदरवाजा थाना क्षेत्र के ऊगरपुर गांव के तोताराम की 21 वर्षीय पत्नी संता अपने मायके हरदोई ज़िले के लोनार कोतवाली के बरसोहिया गांव आई हुई थीं. संता गर्भवती थीं.
बीते सात सितंबर को प्रसव पीड़ा के बाद संता के पिता संतपाल कश्यप 102 एंबुलेंस से उन्हें हरदोई ज़िले के हरदयालपुर स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) ले गए थे. यह मामला बीते 10 सितंबर को सामने आया है.
संतपाल ने बताया, ‘प्रसव पीड़ा के बाद बेटी को अस्पताल लेकर गया तो वहां के कर्मचारियों ने उसका आधार कार्ड मांगा. आधार कार्ड न होने की बात बताने पर कर्मचारियों ने भर्ती करने से मना कर दिया.’
संतपाल ने बताया, ‘मेरी बेटी रात दो बजे तक अस्पताल में ही स्ट्रेचर पर तड़पती रही. रात को उसे घर लेकर आया और अगले दिन प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने के लिए पैसों का इंतज़ाम करने लगा, लेकिन रात में ही उसकी मौत हो गई.’
संतपाल का कहना है कि सीएचसी वाले भर्ती कर लेते तो उनकी जान बचाई जा सकती थी.
अमर उजाला से बातचीत में सीएचसी के अधीक्षक डॉ. आनंद पांडेय का कहना है कि संता नाम की कोई मरीज़ सीएचसी में नहीं पहुंची है. वहीं मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमओ) डॉ. एके रावत का कहा कि ऐसी कोई घटना संज्ञान में नहीं है. मामले का पता लगाकर जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होगा उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
इससे पहले उत्तर प्रदेश के जौनपुर में एक अन्य गर्भवती महिला को अस्पताल ने भर्ती करने से मना कर दिया था, क्योंकि उनके पास भी आधार कार्ड नहीं था. बाद में अस्पताल के गेट पर ही उन्होंने एक बच्चे को जन्म दिया था.
मामला जौनपुर ज़िले शाहगंज कस्बे में इसी साल जनवरी में सामने आया था. डीएनए की रिपोर्ट के अनुसार, कूड़ा बीनने वाली चंदा को उनके पति अजय कुमार प्रसव पीड़ा होने के बाद सीएचसी शाहगंज लेकर गए थे.
अजय का कहना था, ‘अस्पतालवालों ने आधार या राशन कार्ड मांगा था. जब मैंने कहा कि कोई दस्तावेज़ नहीं है तो उन लोगों ने भर्ती करने से मना कर दिया गया.’