मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में दलित चौकीदार की ज़मीन पर दबंगों ने साल 2005 से क़ब्ज़ा कर रखा था. पुलिस ने 13 लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया.
शिवपुरी: मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले के बामौरकलां पुलिस थानांतर्गत खिसलौनी गांव में ज़मीन विवाद के चलते एक दलित कोटवार की बीते सोमवार को 13 लोगों ने कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी.
गांव के सरकारी चौकीदार को मध्य प्रदेश में कोटवार कहते हैं.
बामौरकलां थाना प्रभारी रामराजा तिवारी ने बताया, ‘दलित कोटवार रामसेवक परिहार की 13 लोगों ने पीट-पीट कर हत्या कर दी.’
उन्होंने कहा कि हत्या की वारदात के बाद सभी आरोपी फरार हो गए.
तिवारी ने बताया, ‘पुलिस ने चार लोगों को नामज़द करके 13 लोगों के ख़िलाफ़ हत्या एवं एससी-एसटी अत्याचार निरोधक कानून के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है.’
मृतक रामसेवक के पुत्र सतेंद्र परिहार ने कहा, ‘मेरे पिताजी ने जनसुनवाई में पुलिस एवं प्रशासन के आला अधिकारियों को अपनी हत्या की आशंका जताते हुए सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी. लेकिन इस ओर प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया और दबंगों ने मेरे पिताजी की हत्या कर दी.’
प्राप्त जानकारी के अनुसार दलित कोटवार रामसेवक परिहार को कांग्रेस शासन के समय ज़मीन का पट्टा मिला था, जिस पर क़ब्ज़े का विवाद चल रहा था. दबंग इसकी भूमि को जोत रहे थे.
इस विवाद के चलते उच्च न्यायालय ने भी कोटवार के पक्ष में फैसला दिया था. लेकिन, अदालत के आदेश के बावजूद उसे स्वयं की ज़मीन का क़ब्ज़ा नहीं मिल सका.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, रामसेवक परिहार को साल 2002 में 10-10 बीघा ज़मीन के दो पट्टे मिले थे. साल 2005 में इन पर गांव के ही कुछ दबंगों ने क़ब्ज़ा कर लिया था.
साल 2012 में 29 अगस्त को जनसुनवाई में रामसेवक ने इसकी शिकायत की थी. अक्टूबर 2012 में तहसील की ओर से जारी फैसले में ज़मीन रामसेवक की बताई थी. रिपोर्ट के अनुसार दबंगों ने इस फैसले के बाद भी क़ब्ज़ा नहीं छोड़ा.
मृतक रामसेवक परिहार के भाई धर्म सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि कल्लू यादव, काशीराम यादव, दखीराम यादव, महेश यादव, शंकर यादव समेत 13 लोगों ने उन्हें इतना पीटा कि वे गंभीर रूप से घायल हो गए. गांव के नज़दीक इलाज कराने के बाद उन्हें शिवपुरी ज़िला अस्पताल रिफर कर दिया गया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)