भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद जेल से हुए रिहा

लगभग 16 महीने से सहारनपुर जेल में बंद चंद्रशेखर को 1 नवंबर 2018 को रिहा किया जाना था. निकलकर कहा, 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे.

लगभग 16 महीने से सहारनपुर जेल में बंद चंद्रशेखर को 1 नवंबर 2018 को रिहा किया जाना था. निकलकर कहा, 2019 में भाजपा को सत्ता से बाहर करेंगे.

Chandrashekhar Bhim Army ANI
चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ रावण (फोटो: एएनआई)

लखनऊ: भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आज़ाद उर्फ रावण को सहारनपुर की जेल से रिहा कर दिया गया है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक रावण को शुक्रवार सुबह 2:24 बजे जेल से रिहा किया गया.

पांच मई 2017 को सहारनपुर के शब्बीरपुर गांव में दलित और ठाकुर समुदाय के बीच जातीय हिंसा हुई थी. घटना के बाद चंद्रशेखर का नाम सामने आया था.

पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ कई धाराओं के तहत मुक़दमा दर्ज किया था. उसके बाद वह भूमिगत हो गए थे. कुछ महीने बाद आठ जून 2017 को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने हिमाचल प्रदेश से उन्हें गिरफ्तार किया था.

दो नवंबर, 2017 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने चंद्रशेखर उर्फ रावण को जमानत दे दी थी. लेकिन उसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाकर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था.

राष्ट्रीय सुरक्षा कानून, 1980 के तहत किसी व्यक्ति को पहले तीन महीने के लिए गिरफ्तार किया जा सकता है. फिर आवश्यकतानुसार तीन-तीन महीने के लिए गिरफ्तारी की अवधि बढ़ाई जा सकती है. एक बार में तीन महीने से अधिक की अवधि नहीं बढ़ाई जा सकती है.

बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने चंद्रशेखर उर्फ रावण की जेल से जल्दी रिहाई का आदेश दिया था. चंद्रशेखर को 1  नवंबर 2018 को जेल से रिहा किया जाता. राज्य सरकार का कहना है कि रावण की मां के आवेदन पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करते हुए उनकी समय से पहले रिहाई का फैसला लिया गया है.

जेल से निकलने पर चंद्रशेखर ने कहा, ‘सरकार इस बात से डर गई थी कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से फटकार मिल सकती है. इसलिए उन्होंने खुद को बचाने के लिए जल्दी रिहा का आदेश दिया.’

उन्होंने आगे कहा, ‘मुझे विश्वास है कि वे 10 दिनों के भीतर मेरे खिलाफ कुछ आरोप लगाएंगे. मैं अपने लोगों कहूंगा कि वे 201 9 में भाजपा को सत्ता से बाहर कर दें.’