प्रशांत किशोर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा, 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन की ओर से प्रचार कर चुके हैं.
पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में उनकी पार्टी जदयू में शामिल हो गए.
पटना के एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को जदयू की सदस्यता ग्रहण करने की रसीद सौंपी और जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने पार्टी चुनाव चिह्न वाले पट्टीनुमा अगंवस्त्रम उनके गले में डाले.
जदयू की राज्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री के दाहिनी कुर्सी पर प्रशांत और बायीं सीट पर वशिष्ठ बैठे हुए थे.
इससे पहले एक ट्वीट कर प्रशांत किशोर में कहा है, ‘बिहार से अपनी नई यात्रा शुरू होने से उत्साहित हूं.’ 41 वर्षीय प्रशांत किशोर बिहार के बक्सर जिले के निवासी हैं.
प्रशांत किशोर को जदयू में पार्टी स्तर पर क्या ज़िम्मदारी सौंपी जाएगी, इस बारे में तत्काल स्पष्ट नहीं हो पाया है. लेकिन लोकसभा चुनाव से पूर्व उनके पार्टी में शामिल होने पर उनके 2019 के लोकसभा चुनाव में उतरने को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशांत किशोर ने ख़ुद के राजनीति में शामिल होने के संकेत पिछले हफ्ते में ही दे दिए थे. हैदराबाद में इंडियन स्कूल आॅफ बिज़नेस (आईबीएस) में हुए एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि वह 2019 के चुनाव में किसी भी पार्टी के प्रचार नहीं करना चाहते है.
Excited to start my new journey from Bihar!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) September 16, 2018
उन्होंने गुजरात या बिहार में अपनी जड़ों की और लौटने की बात कही थी. हालांकि इस बारे में उन्होंने विस्तार से कोई बात नहीं की.
मालूम हो कि प्रशांत किशोर ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा, 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजद, जदयू और कांग्रेस महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार अभियान किया था. हालांकि, उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को प्रशांत किशोर जीत दिलाने में असफल रहे थे पर पंजाब में वे उसे जीत दिलाने में सफल रहे थे.
वर्ष 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव और 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रशांत किशोर को नरेंद्र मोदी के चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाना गया था. कहा जाता है कि 2014 में भाजपा के प्रचार को ‘मोदी लहर’ में बदलने के पीछे उनकी बड़ी भूमिका थी.
प्रशांत ने बाद में भाजपा के धुर विरोधियों से हाथ मिला लिया और 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में जदयू के चुनावी रणनीतिकार की भूमिका निभाते हुए महागठबंधन को भारी जीत दिलायी थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन पॉलीटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) की स्थापना करने वाले किशोर में भाजपा से अलग होने के बाद साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान जदयू के लिए प्रचार किया था.
चुनाव में जदयू, राजद और कांग्रेस महागठबंधन की सफलता के बाद नीतीश कुमार ने योजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए प्रशांत किशोर का अपना सलाहकार बना लिया. उस वक़्त किशोर कैबिनेट मंत्री का दर्जा रखते थे.
हालांकि पिछले साल जदयू ने राजद और कांग्रेस महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा से हाथ मिला लिया था.