छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले में हुए हादसे में मकान मालिक की पत्नी की भी मौत, वहीं दिल्ली में सीवर में गिरे 27 वर्षीय युवक की मौत. हाल ही में दिल्ली के मोती नगर स्थित डीएलएफ की कैपिटल ग्रीन्स सोसाइटी में भी सफाई के दौरान पांच लोगों की मौत हो गई थी.
रायपुर: छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में एक मकान के सेप्टिक टैंक में संदिग्ध रूप से दम घुटने के कारण रविवार को एक महिला सहित पांच लोगों की मौत हो गई. स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि रायपुर से 450 किलोमीटर दूर स्थित पंदरीपानी गांव में सेप्टिक टैंक में दो सफाईकर्मी उतरे लेकिन वे बाहर बाहर नहीं आए.
इसके बाद उन्हें देखने के लिए दो और लोग टैंक में उतरे लेकिन वे भी बाहर नहीं निकले. इसके बाद नवनिर्मित सेप्टिक टैंक में मकान मालिक की पत्नी उतरी और वो भी बाहर नहीं आ पाईं.
उन्होंने बताया कि जब कोई भी बाहर नहीं आया तो पड़ोसी के बच्चे ने शोर मचाया जिसके बाद ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे. अधिकारियों ने बताया कि पांच लोगों को बाद में सेप्टिक टैंक से बाहर निेकाला गया और स्थानीय अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.
अधिकारी ने बताया कि मृतकों की पहचान सावित्री (45), बदु ताम (60), परमजीत पैकरा (19), रामजीवन राम (35) और ईश्वर साई (40) के रूप में की गई है. उन्होंने बताया कि प्रथम दृष्टया संदेह है कि इन लोगों की मौत दम घुटने के कारण हुई है.
पुलिस ने इस घटना के संबंध में मामला दर्ज कर लिया है.
दिल्ली में फिर हुई सीवर में गिरने से मौत
दिल्ली के द्वारका में सीवर की सफाई करने उतरे युवक की रस्सी कमजोर होने से टूट गई और युवक सीवर में जा गिरा. मौके पर पहुंची पुलिस और दमकल विभाग के कर्मचारियों ने युवक को बाहर निकाल कर उन्हें दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
27 वर्षीय अनिल की मौत के बाद पुलिस ने ठेकेदार काला के खिलाफ लापरवाही की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
ठेकेदार काला के दूसरे कर्मचारी रमेश का कहना है कि उन्होंने ठेकेदार से बोला था कि रस्सी कमजोर है. यह कभी भी टूट सकती है, लेकिन ठेकेदार ने बात को अनसुनी कर दिया.
गौरतलब है कि बीते रविवार को पश्चिम दिल्ली के मोती नगर इलाके में सीवेज टैंक साफ करते समय दम घुटने की वजह से पांच लोगों की मौत हो गई थी. यह घटना डीएलएफ कैपिटल ग्रीन्स आवासीय परिसर के केपी टावर में हुई थी. इस मामले में प्रत्यक्षदर्शियों का आरोप है कि मैनेजमेंट ने हाउसकीपिंग के लिए रखे गए कर्मचारियों को टैंकों की सफाई के लिए मजबूर किया गया था.
बता दें कि सीवर टैंक की सफाई के दौरान विशेष सूट, ऑक्सीजन सिलेंडर, मास्क, गम शूज, सेफ्टी बेल्ट व आपातकाल की अवस्था के लिए एंबुलेंस को पहले सूचित करने जैसे नियमों का पालन करना होता है. हालांकि ऐसे कई सारे मामले सामने आ चुके हैं जिसमें ये पाया गया है कि न तो सरकारी और न ही निजी एजेंसियां इन नियमों का पालन कर रही हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)