बलात्कार मामले में आरोपी जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने पोप फ्रांसिस को पत्र लिखकर अस्थायी तौर पर पद छोड़ने की पेशकश की. विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों और ननों के एक समूह का कोच्चि में पिछले 10 दिन से विरोध प्रदर्शन जारी.
नई दिल्ली/कोच्चि: राष्ट्रीय महिला आयोग ने केरल की एक नन के साथ कथित बलात्कार के मामले में सोमवार को राज्य पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए और कहा कि पुलिस ‘राजनीतिक दबाव’ में काम कर रही है.
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने यह भी कहा कि आयोग पीड़िता के बारे में अपमानजनक टिप्पणी करने वाले निर्दलीय विधायक के खिलाफ उचित कार्रवाई सुनिश्चित कराएगा.
उन्होंने कहा, ‘नन के साथ बलात्कार मामले में लंबे समय तक पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया. हमने पुलिस और राज्य प्रशासन को कार्रवाई के लिए लिखा, लेकिन उसने कुछ नहीं किया. पुलिस राजनीतिक दबाव में काम रही है.’
इधर, मामले में आरोपी वरिष्ठ कैथोलिक पादरी फ्रैंको मुलक्कल ने पोप को पत्र लिखकर जालंधर डायोसीस के बिशप पद से अस्थाई रूप से हटने की पेशकश की है. बिशप इस मामले की जांच में शामिल होने के लिए उन्हें भेजे गए समन के जवाब में 19 सितंबर को केरल पुलिस की एसआईटी के सामने पेश होंगे.
पीड़िता के बारे में आपत्तिजनक बयान देने वाले केरल के पूंजर से निर्दलीय विधायक पीसी जॉर्ज को महिला आयोग ने 20 सितंबर को समन किया है.
इस बारे में रेखा शर्मा ने कहा , ‘विधायक ने अपने बयान पर अब तक माफी नहीं मांगी है. इस मामले में हम उचित कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे ताकि यह दूसरे लोगों के लिए मिसाल बन सके.’
गौरतलब है कि विधायक ने जालंधर के बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाने वाली नन के चरित्र पर ही सवाल खड़े कर दिये थे. इतना ही नहीं विधायक ने नन के बारे में एक बेहद ही अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल किया था.
नन ने पादरी पर 2014 से 2016 के बीच उसके साथ 13 बार बलात्कार करने का आरोप लगाया है. यह घटना जालंधर डायोसीस द्वारा कोट्टायम ज़िले में संचालित कॉन्वेंट के बिशप के दौरे के दौरान हुई.
हालांकि बिशप ने इन आरोपों को आधारहीन बताकर खारिज किया है. उन्होंने जालंधर में बीते 11 सितंबर को टीवी चैनलों से कहा था, ‘मैं अगर दोषी पाया गया, जो कि मैं नहीं हूं, तो मुझे दंडित किया जा सकता है… यदि मुझे बुलाया जाता है तो मैं पुलिस के समक्ष पेश हो जाऊंगा. मैं कानून का पालन करने वाला नागरिक हूं.’
बिशप ने नन पर उन्हें ब्लैकमेल करने का आरोप भी लगाया था. उन्होंने उनके ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर भी निशाना साधा था.
पादरी के ख़िलाफ़ कार्रवाई के लिए नन ने वेटिकन से लगाई गुहार
नन ने हाल ही में न्याय के लिए वेटिकन (ईसाइयों की सर्वोच्च संस्था) से फौरन हस्तक्षेप करने की मांग की है. उन्होंने फ्रैंको को हटाने की मांग करते हुए कहा था कि चर्च सच्चाई के प्रति आंखें क्यों मूंदे हुए है, जबकि उन्होंने अपनी पीड़ा सार्वजनिक करने का साहस दिखाया है.
नन ने वेटिकन को लिखे एक पत्र में यह भी कहा था कि क्या चर्च उन्हें वह सब वापस कर सकता है, जो उन्होंने खोया है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बिशप फ्रैंको मुलक्कल अपने खिलाफ मामले को दबाने के लिए राजनीतिक पहुंच और धन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
वेटिकन के ‘एपोस्टोलिक ननसियो’ (एक राजयनिक मिशन) जियामबटिस्ता डीक्वात्रो को लिखे गए पत्र में पादरी फ्रैंको पर 2014 और 2016 के बीच बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार का आरोप लगाने वाली नन ने कहा कि उसने इंसाफ के लिए चर्च के अधिकारियों का रुख़ किया है.
नन ने वेटिकन से गुहार लगाते हुए कहा, ‘भारत में ‘होली सी’ के प्रतिनिधि के नाते आपसे इस मामले में तत्काल दखल की गुहार लगा रही हूं.’
आठ सितंबर को लिखे गए इस पत्र की प्रतियां कैथलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कार्डिनल ओस्वाल्ड ग्रेसियस और दिल्ली मेट्रोपॉलिटन के आर्चबिशप अनिल कूटो सहित 21 अन्य को भेजी गई हैं.
इस बीच, विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों और ननों के एक समूह का कोच्चि शहर में विरोध प्रदर्शन सोमवार को 10वें दिन में प्रवेश कर गया. बिशप पर आरोप लगाने वाली नन की बहन भी न्याय की मांग को लेकर इस प्रदर्शन में शामिल हुईं.
कैथोलिक पादरियों के एक समूह ने विभिन्न कैथोलिक सुधार संगठनों द्वारा नन के लिए न्याय की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन को अपना समर्थन दिया था. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे तब तक अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक पादरी के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो जाती.
उधर, ‘मिशनरीज़ ऑफ जीसस’, शिकायतकर्ता नन जिससे जुड़ी रही हैं, ने आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के ख़िलाफ़ सफेद झूठ फैलाने के आरोप लगाए. कुछ दिन पहले भी मिशनरीज़ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उसमें पीड़ित नन, उनकी पांच साथी ननों और चार अन्य पर बिशप के ख़िलाफ़ साजिश रचने का आरोप लगाया था.
जालंधर के बिशप ने पोप को पत्र लिखा, अस्थाई रूप से पद छोड़ने की पेशकश
नन के साथ बलात्कार के आरोपी वरिष्ठ कैथोलिक पादरी फ्रैंको मुलक्कल ने पोप को पत्र लिखकर जालंधर डायोसीस के बिशप पद से अस्थाई रूप से हटने की पेशकश की है. बिशप ने नन बलात्कार मामले में बुधवार को केरल पुलिस के समक्ष पेश होने से पहले यह चिट्ठी लिखी है.
डायोसीस के प्रवक्ता ने सोमवार को बताया कि बिशप ने रविवार को पोप को चिट्ठी लिखी.
जालंधर डायोसीस की ओर से जारी बयान के अनुसार, ‘बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने होली फादर पोप फ्रांसिस को पत्र लिखकर अस्थाई रूप से पद छोड़ने की पेशकश की है और उन्हें डायोसीस के प्रशासनिक कार्यों से मुक्त करने का अनुरोध किया है.’
बिशप इस मामले की जांच में शामिल होने के लिए उन्हें भेजे गए समन के जवाब में 19 सितंबर को केरल पुलिस की एसआईटी के सामने पेश होंगे.
पत्र में दावा किया गया कि केरल उच्च न्यायालय ने बिशप फ्रैंको के पक्ष में राय जाहिर करते हुए कहा है कि बिशप की गिरफ्तारी के पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं. इसमें कहा गया कि बिशप को भरोसा है कि वेटिकन द्वारा उनके आग्रह को स्वीकार किया जाएगा.
इससे पहले बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने जालंधर डायोसीस की अपनी प्रशासनिक ज़िम्मेदारी एक वरिष्ठ पादरी को सौंप दी थी. बिशप मुलक्कल ने एक सर्कुलर में कहा था, ‘मेरी अनुपस्थिति में मोन्साइनोर मैथ्यू कोक्कन्डम सामान्य रूप से ही डायोसीस का प्रशासन देखेंगे.’
यह सर्कुलर 13 सितंबर को जारी किया गया. इससे एक दिन पहले केरल पुलिस ने 19 सितंबर को उन्हें जांच टीम के समक्ष पेश होने को कहा था.
मुलक्कल के ख़िलाफ़ कार्रवाई शुरू करने के लिए पुलिस पर बढ़ रहे दबाव के बीच बिशप को समन भेजने का फैसला पुलिस महानिरीक्षक (एर्णाकुलम रेंज) सखारे की अध्यक्षता में हुई एक बैठक के बाद लिया गया. इस बैठक में कोट्टायम जिला पुलिस अधीक्षक हरिशंकर और वायकॉम के पुलिस उपाधीक्षक के. सुभाष भी शामिल थे.
सर्कुलर में बिशप ने कहा कि मामले की जांच कर रही पुलिस द्वारा उनके खिलाफ एकत्रित किए गए सबूतों में बहुत से विरोधाभास हैं.
बिशप के साथ नन की तस्वीर जारी करने के मामले में मिशनरीज़ ऑफ जीसस के ख़िलाफ़ केस दर्ज
जालंधर डायसिस के बिशप पर बलात्कार का आरोप लगाने वाली नन की एक तस्वीर जारी करने के मामले में केरल पुलिस ने बीते 14 सितंबर को मिशनरीज़ ऑफ जीसस के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज की.
मिशनरीज़ ऑफ जीसस ने नन के आरोपों की जांच करने वाले आयोग के निष्कर्षों को प्रकाशित करने के लिए मीडिया को जारी विज्ञप्ति में उनकी बिशप के साथ बैठे हुए तस्वीर जारी की. इसके कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने मामला दर्ज किया.
भारतीय कानून में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के पीड़ितों की पहचान उजागर करने पर पाबंदी है.
हालांकि मिशनरीज़ ने तस्वीर प्रकाशित नहीं करने को लेकर आगाह करते हुए कहा कि अगर प्रेस नियम का उल्लंघन करती है तो मिशनरीज़ को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाना चाहिए.
मिशनरीज ऑफ जीसस ने दावा किया कि 23 मई, 2015 को तस्वीर उस वक़्त ली गई जब नन बिशप फ्रेंको मुलक्कल के साथ एक निजी समारोह में भाग ले रही थीं.
उन्होंने दावा किया कि नन ने मुलक्कल के साथ ऐसे कई कार्यक्रमों में भाग लिया था. शिकायत दाखिल करने के बाद नन कभी सार्वजनिक रूप से या मीडिया के सामने पेश नहीं हुई.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)