सीबीआई ने पत्र लिखकर कहा था- माल्या के बारे में चुपचाप बताएं, हिरासत में लेने की ज़रूरत नहीं

23 नवंबर 2015 को सीबीआई को ये जानकारी दी गई थी कि विजय माल्या 24 नवंबर को दिल्ली आ रहे हैं और 24 नवंबर को ही सीबीआई ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर कहा कि माल्या को हिरासत में न लिया जाए.

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London: F1 Force India team boss Vijay Mallya smiles as he arrives to attend a hearing at Westminster Magistrates Court in London, Wednesday, Sept. 12, 2018. Investigators have accused the 62-year-old of paying $200,000 to a British firm for displaying his company Kingfisher's logo during the Formula One World Championships in London and some European countries in the 1990s. AP/PTI(AP9_12_2018_000201B)
विजय माल्या. (फोटो: एपी/पीटीआई)

23 नवंबर 2015 को सीबीआई को ये जानकारी दी गई थी कि विजय माल्या 24 नवंबर को दिल्ली आ रहे हैं और 24 नवंबर को ही सीबीआई ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर कहा कि माल्या को हिरासत में न लिया जाए.

London: F1 Force India team boss Vijay Mallya smiles as he arrives to attend a hearing at Westminster Magistrates Court in London, Wednesday, Sept. 12, 2018. Investigators have accused the 62-year-old of paying $200,000 to a British firm for displaying his company Kingfisher's logo during the Formula One World Championships in London and some European countries in the 1990s. AP/PTI(AP9_12_2018_000201B)
विजय माल्या (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: सीबीआई ने मुंबई पुलिस को लिखित में कहा था कि हमें विजय माल्या के बारे में चुपचाप बता देना, उन्हें हिरासत में लेने की ज़रूरत नहीं है. इंडियन एक्सप्रेस को मिले कुछ गोपनीय दस्तावेजों के जरिए इसका खुलासा हुआ है.

बता दें कि पिछले हफ्ते सीबीआई ने कहा था कि शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ 2015 के लुकआउट सर्कुलर को ‘हिरासत’ से बदलकर उसके आवागमन के बारे में केवल ‘सूचना’ देना निर्णय की त्रुटि (एरर ऑफ जजमेंट) थी.

रिपोर्ट के मुताबित 16 अक्टूबर 2015 कोअपने पहले लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) के फॉर्म में सीबीआई ने ‘व्यक्ति को भारत छोड़ने से रोका जाए’ के बॉक्स को भरा था.

वहीं माल्या के खिलाफ दूसरा लुकआउट नोटिस 24 नवंबर 2015 को जारी किया गया और इस बार सीबीआई ने फॉर्म में ‘व्यक्ति के आने/जाने के बारे में सूचित करें’ वाले बॉक्स को भरा था.

इसमें मुंबई पुलिस की विशेष शाखा को भेजा गया एक सीलबंद पत्र भी था. गोपनीय दस्तावेज ये दर्शाते हैं कि सीबीआई द्वारा मुंबई पुलिस को ये कहा गया कि विजय माल्या को हिरासत में लेने की ज़रूरत नहीं है. बल्कि जब वो कहीं दिखें तो उनके बारे में सूचित किया जाए.

इस नोटिस के चार महीने बाद, दो मार्च 2016 को, विजय माल्या देश छोड़कर लंदन चले गए और अब उन्हें ब्रिटेन से प्रत्यर्पित कराने की कार्यवाही चल रही है.

23 नवंबर 2015 को सीबीआई को एडवांस पैसेंजर इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एपीआईएस) के जरिए जानकारी दी गई थी कि माल्या 24 नवंबर को दिल्ली के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आ रहे हैं.

24 नवंबर को ही सीबीआई ने मुंबई पुलिस को नए एलओसी के साथ एक लंबा-चौड़ा पत्र लिखा और कहा, ‘माल्या को अभी हिरासत में लेने की ज़रूरत नहीं है. अगर कभी इसकी ज़रूरत पड़ेगी तो इसके बारे में अलग से जानकारी दी जाएगी.’

रिपोर्ट के मुताबिक गोपनीय दस्तावेजों से ये भी पता चलता है कि एपीआईएस के जरिए एलर्ट दिए जाने के बाद भी सीबीआई अनजान बनी रही. मुंबई पुलिस को भेजे पत्र पर सीबीआई की एसपी हर्षिता अट्टालुरी के हस्ताक्षर हैं और ये पत्र मुंबई के आईपीएस ऑफिसर अस्वती दोर्जे को भेजा गया था.

पत्र में कहा गया है, ‘लुकआउट सर्कुलर जारी करते हुए हमारी विनती है कि विषय (विजय माल्या) के बारे में भारत से आने/जाने की जानकारी दी जाए. हिरासत में लेने के संदर्भ में कहा गया कि आरोप के पहुंचने के बारे में पहले से ही जानकारी नहीं होती है. लेकिन जब व्यक्ति इमिग्रेशन पोस्ट पर आने/जाने के लिए चेक-इन करता है तो उस समय की जानकारी हमें मिल सकती है. इसलिए हमने लिखा था कि आरोपी को हिरासत में लिया जा सकता है.’

हालांकि अपने पुराने सर्कुलर में बदलाव करते हुए पत्र में आगे लिखा गया, ‘अगर हमें ये जानकारी होती कि आपके डेटा-बेस/रिकॉर्ड्स में पहले की भी जानकारी उपलब्ध होती है तो हमने अलग तरीके से अनुबंध को तैयार किया होता. हम आपको अनुरोध करते हैं कि हमें विषय (माल्या) के आगमन/प्रस्थान की जानकारी दे. इस समय माल्या को हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है.’

इस मामले में सीबीआई अधिकारी अट्टालुरी और संयुक्त निदेशक एके शर्मा नें कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.

बता दें कि भारतीय शराब कारोबारी विजय माल्या ने बीते हफ्ते दावा किया है कि देश से बाहर जाने से पहले उसने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी.

62 वर्षीय माल्या के खिलाफ लंदन की वेस्टमिंस्टर अदालत में सुनवाई चल रही है कि क्या उन्हें प्रत्यर्पित कर भारत भेजा जा सकता है या नहीं, ताकि उनके खिलाफ वहां की अदालत बैंकों के साथ धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सुनवाई कर सके.

माल्या के खिलाफ करीब 9,000 करोड़ रुपये के कर्जों की धोखाधड़ी और हेराफेरी का आरोप है.