अंबानी को राफेल सौदे की जानकारी देकर प्रधानमंत्री ने गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन किया: कांग्रेस

कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री को सामने करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए.

New Delhi: Senior Congress leader Anand Sharma addresses a press conference at AICC headquarters, in New Delhi, Sunday, Sept 23, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9_23_2018_000056B)
New Delhi: Senior Congress leader Anand Sharma addresses a press conference at AICC headquarters, in New Delhi, Sunday, Sept 23, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9_23_2018_000056B)

कांग्रेस ने राफेल विमान सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि इस मुद्दे पर वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री को सामने करने की बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जवाब देना चाहिए.

New Delhi: Senior Congress leader Anand Sharma addresses a press conference at AICC headquarters, in New Delhi, Sunday, Sept 23, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9_23_2018_000056B)
नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय पर रविवार को आनंद शर्मा ने राफेल विमान सौदे को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: राफेल सौदे को लेकर भाजपा नीत केंद्र की मोदी सरकार पर कांग्रेस का हमला लगातार जारी है. रविवार को आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस ने आरोप लगाया कि रिलायंस डिफेंस के प्रमुख अनिल अंबानी से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की ख़रीददारी की जानकारी साझा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन किया है.

राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता आनंद शर्मा ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने मंत्रियों को सामने करने की बजाय ख़ुद पर लगे आरोपों के संबंध में जवाब देना चाहिए.

कांग्रेस नेता शर्मा ने कहा, ‘मेरा आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन किया है. सिर्फ वहीं अनिल अंबानी की बता सकते है कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) सौदे से बाहर हो गई है और वह 36 राफेल विमानों की ख़रीद में शामिल हो सकते हैं. इसके बाद वह (अंबानी) राफेल विमान बनाने वाले डास्सो एविएशन से बात करने पहुंचे थे.’

मालूम हो कि विपक्षी कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर उंगली उठाई है और साथ ही रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के इस्तीफे की मांग की है.

पिछले हफ्ते राफेल सौदे ने उस वक़्त तूल पकड़ लिया जब फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने दावा करते हुए कहा था कि राफेल लड़ाकू जेट निर्माता कंपनी डास्सो ने आॅफसेट भागीदार के रूप में अनिल अंबानी की रिलायंस डिफेंस को इसलिए चुना क्योंकि भारत सरकार ऐसा चाहती थी.

हालांकि, बाद में फ्रांस की वर्तमान सरकार और डास्सो एविएशन ने ओलांद के बयान को गलत ठहराया है. फ्रांस की सरकार ने कहा कि फ्रांसीसी कंपनियों को भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी करने की खुली छूट है.

उधर, केंद्र की मोदी सरकार ने भी इस आरोप का झूठा क़रार दिया था. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा रद्द करने से इनकार करते हुए कहा है कि फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद इस सौदे पर विरोधाभासी बयान दे रहे हैं.

जेटली ने रविवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि न भारत और न ही फ्रांस सरकार की डास्सो (Dassault) द्वारा रिलायंस को भागीदार चुनने में कोई भूमिका रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल मुद्दे पर रविवार को अरुण जेटली पर पलटवार करते हुए कहा कि समय आ गया है कि वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री झूठ बोलना बंद करें. इसके साथ ही राहुल ने सच्चाई सामने लाने के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच पर बल दिया.

राहुल ने ट्वीट किया, ‘श्री जेटली को सच या झूठ को घुमाने में महारत हासिल है. उनका सच झूठा होता है और वह उसके बचाव में उतरते हैं जिसका बचाव करना असंभव होता है.’

आनंद शर्मा ने कहा, ‘हम रक्षा मंत्री और वित्त मंत्री से कोई जवाब नहीं चाहते हैं. इस मामले में जिसे (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) बोलना चाहिए वह मौन व्रत रखे हुआ है. प्रधानमंत्री का राफेल सौदे को लेकर उठे सवालों का जवाब देना चाहिए.’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस के प्रवक्ता आनंद शर्मा ने एक प्रेस वार्ता में राफेल विमान सौदे को शताब्दी का सबसे बड़ा घोटाला बताया. उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली सरकार के बचाव की कोशिश कर रहे हैं लेकिन उनके हर बयान से केंद्र सरकार और ज्यादा घिरती जा रही है.

शर्मा ने कहा कि देश की रक्षा मंत्री अहंकार में डूबी हैं और कड़वी जवान रखती हैं. वह शहीदों और नेताओं का अपमान करती हैं. आनंद शर्मा ने रक्षा मंत्री पर झूठ बोलने का भी आरोप लगाया.

रिलायंस समूह ने भी कांग्रेस की ओर से लगाए जा रहे आरोपों का खंडन किया है. समूह ने कहा है कि डास्सो के साथ हुए आॅफसेट समझौते में केंद्र सरकार शामिल नहीं है.

मालूम हो कि वर्ष 2016 में भारत ने फ्रांस के साथ 58,000 करोड़ रुपये में 36 राफेल लड़ाकू विमान ख़रीदने का समझौता किया था. उस समय ओलांद फ्रांस के राष्ट्रपति थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल 2015 को पेरिस में तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के साथ बातचीत के बाद 36 राफेल विमानों की ख़रीद का ऐलान किया था. करार पर अंतिम रूप से 23 सितंबर 2016 को मुहर लगी थी.

(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)

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