किसान क्रांति यात्रा: किसानों को दिल्ली में घुसने से रोका गया, बरसाए गए आंसू गैस के गोले

बीते सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसानों की हुई बैठक विफल रही और किसानों ने दिल्ली आने के निर्णय को वापस नहीं लिया.

New Delhi: Police use water cannons to disperse farmers at Delhi-UP border during 'Kisan Kranti Padyatra', in New Delhi, Tuesday, Oct 2, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI10_2_2018_000026B)
New Delhi: Police use water cannons to disperse farmers at Delhi-UP border during 'Kisan Kranti Padyatra', in New Delhi, Tuesday, Oct 2, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI10_2_2018_000026B)

बीते सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसानों की हुई बैठक विफल रही और किसानों ने दिल्ली आने के निर्णय को वापस नहीं लिया.

New Delhi: Police use water cannons to disperse farmers at Delhi-UP border during 'Kisan Kranti Padyatra', in New Delhi, Tuesday, Oct 2, 2018. (PTI Photo/Ravi Choudhary)(PTI10_2_2018_000026B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: दिल्ली में अपनी मांग को लेकर आ रहे हज़ारों की संख्या में किसानों को दिल्ली-यूपी के बॉर्डर पर रोक लिया गया और उनके ऊपर आंसू गैस के गोले छोड़े गए. किसानों के ऊपर पानी की बौछार और लाठीचार्ज भी की गई.

बता दें कि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की अगुवाई में उत्तर प्रदेश के हज़ारों किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली आज किसान घाट पर पहुंचने वाले थे लेकिन सरकार उन्हें रोकने की कोशिश कर रही है. दिल्ली के कई जगहों पर धारा 144 लागू कर दी गई है.

पूर्वी दिल्ली में पुलिस उपायुक्त (पूर्व) पंकज सिंह ने भारतीय दंड संहिता की धारा 144 के तहत आदेश जारी किया जो आठ अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा. इस आदेश के अंतर्गत प्रीत विहार, जगतपुरी, शकरपुर, मधु विहार, गाजीपुर, मयूर विहार, मंडावली, पांडव नगर, कल्याणपुरी और न्यू अशोक नगर पुलिस थानाक्षेत्र आते हैं.

बीते सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ किसानों की हुई बैठक विफल रही और किसानों ने दिल्ली आने के निर्णय को वापस नहीं लिया. भारतीय किसान यूनियन ने कहा कि आश्वासन से किसान का पेट नही भरता है. किसान को स्थायी समाधान चाहिए.

योगी आदित्यनाथ से हिंडन एयर फोर्स स्टेशन पर किसानों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल के बीच करीब दो घंटे चली वार्ता विफल रही और प्रतिनिधिमंडल के लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने की मांग पर अड़े रहे जिस पर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत की.

बताया जा रहा है कि अब केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह किसानों से मुलाकात करेंगे.

किसानों की मांग है कि देश के किसानों को सभी फसलों का वैधानिक उचित और लाभकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), जो कि स्वामिनाथन कमेटी द्वारा प्रस्तावित है, दिया जाना चाहिए. ईंधन के दामों में कमी, ऋण मांफी और गन्ना बकाया का तरंत भुगतान किया जाए. इनकी ये भी मांग है कि एमएसपी घोषित होने के बाद शत-प्रतिशत खरीद की गारंटी दी जानी चाहिए.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का कहना है कि किसानों को क्यों बॉर्डर पर रोका गया है, उन्हें दिल्ली आने की बिल्कुल इजाजत दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘किसानों को दिल्ली में आने की इजाजत दी जानी चाहिए. उन्हें आने से क्यों रोका जा रहा है. ये बिल्कुल गलत है. हम किसानों के साथ हैं.’

वहीं स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, ‘किसान क्रांति मार्च पर आंसू गैस, वॉटर केनान, लाठीचार्ज की घटना बेहद निंदनीय है. मोदी सरकार देश की सबसे किसान विरोधी सरकार है. इसकी कीमत आगामी चुनाव में चुकानी पड़ेगी.’

गौरतलब है कि भाकियू अध्यक्ष राकेश टिकैत बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ हरिद्वार से नई दिल्ली के किसान घाट तक किसान क्रांति यात्रा पर हैं.

यह मार्च पतंजलि (उत्तराखंड) से मुजफ्फरनगर, दौराला, परतापुर, मोदीनगर/मुरादनगर, हिंडन घाट होते हुए किसान घाट (दिल्ली) तक आयोजित किया जा रहा है. 23 सितंबर को शुरू हुआ यह मार्च दो अक्टूबर को संपन्न होगा.