सेंसेक्स शुक्रवार को 792 अंक का गोता लगाकर छह महीने के न्यूनतम स्तर 34,376.99 पर बंद हुआ.
मुंबई: स्थानीय शेयर बाजारों में तेज गिरावट का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा तथा बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स और 792 अंक का गोता लगाकर छह महीने के न्यूनतम स्तर 34,376.99 अंक पर बंद हुआ.
डॉलर के मुकाबले रुपये के 74 को पार करने तथा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में बाजार की दृष्टि से अप्रत्याशित रुख अपनाए जाने के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में गिरावट के संकेतों बीच बाजार में यह तेज गिरावट रही.
रिजर्व बैंक ने अपनी नीतिगत ब्याज दर स्थिर रखी है लेकिन अपने नीतिगत रुख को ‘तटस्थ’ की जगह ‘नपे-तुले तरीके से कड़ा करने’ की घोषणा की है. केंद्रीय बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा.
कारोबारियों के अनुसार वैश्विक बाजार में बिकवाली का असर घरेलू बाजार पर भी दिखा. अमेरिकी बांड बाजार में रिटर्न कई साल के उच्च स्तर पर पहुंचने तथा मजबूत आर्थिक आंकड़ों के बीच फेडरल रिजर्व की टिप्पणी से महंगाई दर बढ़ने की आशंका बढ़ी है. आरबीआई की मौद्रिक नीति के तुरंत बाद अमेरिकी डालर के मुकाबले घरेलू रुपया कारोबार के दौरान 74.23 पर पहुंच गया.
तीस शेयरों वाला सूचकांक पूरे सत्र के दौरान नकारात्मक दायरे में रहा. आरबीआई के प्रमुख नीतिगत दर को यथावत रखने लेकिन अपने रुख को आने वाले समय में सधे हुए ढंग से कड़ा किये जाने के निर्णय से बिकवाली गतिविधियां तेज हुई. सेंसेक्स एक समय 34,202.22 तक चला गया लेकिन अंत में 792.17 अंक या 2.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 34,376.99 अंक पर बंद हुआ.
यह 23 अप्रैल के बाद सेंसेक्स का निचला स्तर है. उस दिन यह 34,450.77 अंक पर बंद हुआ था. रुपये में गिरावट तथा कच्चे तेल के दाम में उछाल के बीच तीन दिन में सेंसेक्स 2149.15 अंक टूट चुका है.
नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी भी 282.80 अंक या 2.67 प्रतिशत की गिरावट के साथ 10,316.45 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 10,261.90 के न्यूनतम स्तर तक चला गया था.
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने 5:1 के बहुमत से यथास्थिति बनाये रखने का समर्थन किया. समिति के एकमात्र सदस्य चेतन घाटे ने रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाने का समर्थन किया. बाजार यह उम्मीद कर रहा था कि छह सदस्यीय एमपीसी मौद्रिक नीति समीक्षा में कम-से-कम 0.25 प्रतिशत की वृद्धि करेगी.
रुपया 74.13 प्रति डॉलर के नए न्यूनतम स्तर पर
अंतर बैंक विदेशी विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया शुक्रवार को कारोबार के दौरान पहली बार 74 प्रति डॉलर से नीचे चला गया. केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद रुपया 55 पैसे टूटकर 74.13 प्रति डॉलर के नए सर्वकालिक निचले स्तर पर पहुंच गया.
कच्चे तेल के दाम बढ़ने के बीच निवेशकों में विदेशी कोषों की निकासी तथा चालू खाते के घाटे को लेकर चिंता बनी हुई है. शुरुआती कारोबार रुपया 73.56 प्रति डॉलर पर मजबूती के साथ खुला. लेकिन यह शुरुआती मजबूती को कायम नहीं रख पाया और जल्द 74 प्रति डॉलर के स्तर से नीचे चला गया.
बृहस्पतिवार को रुपया 24 पैसे के नुकसान के साथ 73.58 प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था. दोपहर के कारोबार में बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स भी 584.53 अंक या 1.66 प्रतिशत टूटकर 34,584.63 अंक पर आ गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)