सबरीमाला में आने वाली महिलाओं के दो टुकड़े कर दिए जाने चाहिए: मलयाली अभिनेता तुलसी

केरल के कोल्लम में भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अभिनेता कोल्लम तुलसी ने कहा कि सबरीमाला में प्रवेश करने वाली महिलाओं के दो टुकड़े करके एक टुकड़ा दिल्ली भेज देना चाहिए और दूसरा मुख्यमंत्री कार्यालय में फेंक देना चाहिए.

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केरल के कोल्लम में भाजपा द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए अभिनेता कोल्लम तुलसी ने कहा कि सबरीमाला में प्रवेश करने वाली महिलाओं के दो टुकड़े करके एक टुकड़ा दिल्ली भेज देना चाहिए और दूसरा मुख्यमंत्री कार्यालय में फेंक देना चाहिए.

Kollam Thulasy Facebook
मलयाली अभिनेता और भाजपा सदस्य कोल्लम तुलसी (फोटो साभार: फेसबुक/Kollam Thulasy)

कोल्लम: सुप्रीम कोर्ट द्वारा सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश की अनुमति देने के फैसले का विरोध कम होता नज़र नहीं आ रहा है. केरल के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न समूहों द्वारा शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन भी जारी हैं.

बुधवार को ऐसे ही एक कार्यक्रम में मलयाली अभिनेता और भाजपा सदस्य कोल्लम तुलसी ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं के दो टुकड़े कर दिए जाने चाहिए. एक टुकड़ा दिल्ली भेज दिया जाना चाहिए और दूसरा तिरुवनंतपुरम में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय में फेंक दिया जाना चाहिए.

मालूम हो कि केरल सरकार ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दिए गए अदालत के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दायर करने से इनकार किया था. सरकार का कहना था कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करती है.

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने भी कहा कि सरकार सबरीमाला जाने वाली महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा और उन्हें मिलने वाली सुविधाएं सुनिश्चित करेगी.

वहीं भाजपा शीर्ष अदालत के इस फैसले के खिलाफ है. इस क्रम में पार्टी द्वारा केरल के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यकम और मार्च किये जा रहे हैं.

शुक्रवार को कोल्लम में भी ऐसी ही एक मार्च हुई थी, जहां मलयाली अभिनेता ने महिलाओं के बारे यह बयान दिया. इस कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पीएस श्रीधरन पिल्लई भी मौजूद थे.

तुलसी भाजपा के सदस्य हैं और 2016 विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़े थे.

‘सबरीमाला रक्षा’ के लिए भाजपा नेतृत्व वाली यह रैलीराज्य की राजधानी में 15 अक्टूबर को खत्म होगी. श्रीधरन पिल्लई ने इस मौके पर माकपा नेतृत्व वाली एलडीएफ सरकार के अदालत के आदेश को लागू करने के फैसले की आलोचना की.

तुलसी इसी रैली को संबोधित कर रहे थे. द न्यूज़ मिनट की खबर के अनुसार तुलसी ने यहां तक कहा कि वो 4 जज जिन्होंने सबरीमाला पर यह फैसला दिया है, वो बेवकूफ हैं.

उन्होंने कहा, ‘ये बुजुर्ग महिलाएं जो इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रही हैं, उन्हें सबरीमाला जाना चाहिए. फिर इन महिलाओं को उन महिलाओं के टुकड़े कर देने चाहिए, जो मंदिर में जाने की कोशिश करें.’

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक तुलसी यहीं नहीं रुके. उन्होंने लोगों से कहा कि अयप्पा का नाम इतनी तेज़ आवाज़ में जपें कि ‘विजयन के कान फट जाएं’. साथ ही, ‘सुप्रीम कोर्ट में बैठे बेवकूफों तक भी यह जाप पहुंचे’.

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक तुलसी की इस टिप्पणी पर पुलिस ने शनिवार को मामला दर्ज कर लिया है.

फैसले के खिलाफ प्रदर्शन जारी

तिरुवनंतपुरम: केरल में विपक्षी दल भाजपा और कांग्रेस के सदस्यों ने भगवान अय्यप्पा के श्रद्धालुओं के प्रति एकजुटता दिखाते हुए शुक्रवार को प्रदर्शन किया.

वहीं माकपा नेतृत्व वाले एलडीएफ की प्रमुख समर्थक भाकपा ने कहा कि सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का ‘राजनीतिकरण’ करने की कोशिश की जा रही है.

दूसरी तरफ भाजपा ने कहा कि प्रदर्शन केरल तक सीमित नहीं रहेगा और इसे दक्षिण भारत के अन्य राज्यों तक ले जाया जाएगा. भाकपा के राज्य सचिव कन्नम राजेंद्रन ने कहा, ‘एलडीएफ श्रद्धालुओं के खिलाफ नहीं है. सरकार उच्चतम न्यायालय के आदेश को लागू करने को बाध्य है और वह वही कर रही है. मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश की जा रही है.’

महिलाओं सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने ‘त्रावणकोर देवाश्म बोर्ड’ के कार्यालय के सामने धरना दिया और ‘सबरीमाला मंदिर की रक्षा करें’ के नारे लगाएं. ज्ञात हो कि यह बोर्ड मंदिर की देखरेख करता है.

केपीसीसी अभियान समिति के अध्यक्ष के मुरलीधरन ने कहा कि राज्य सरकार को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करनी चाहिए.

वहीं, विरोध मार्च निकाल रही भाजपा पर तंज कसते हुए मुरलीधरन ने कहा कि यदि केंद्र सरकार मंदिर के रीति-रिवाजों और परंपराओं में अदालत के हस्तक्षेप को रोकने के लिए कानून ले आए तो यह मामला सुलझ सकता है.

अदालत के फैसले के बावजूद भगवान अय्यप्पा की महिला भक्तों ने ली परंपरा का पालन करने की शपथ

चेन्नई: शीर्ष अदालत ने भले ही सबरीमाला मंदिर में सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की अनुमति दे दी हो, लेकिन महिला श्रद्धालु मंदिर की पुरानी परंपरा के ही पालन करने पर तुली हुई हैं.

चेन्नई के वेल्लुवर कोट्टम में भगवान अय्यप्पा की महिला भक्तों ने शुक्रवार को मंदिर की परंपरा का पालन करने की शपथ ली.

सबरीमाला अय्यप्पा सेवा समाजम के तत्त्वाधान में महिला श्रद्धालुओं ने यहां वल्लुवर कोट्टम में ‘चेंदा मेलम’ के साथ एक पूजा समारोह के बाद यह शपथ ली.

श्रद्धालु बैनर और पोस्टर लिये हुये थे, जिन पर लिखा था- ‘परंपरा बचाओ’ और भगवान अय्यप्पा एक ‘ब्रह्मचारी’ थे और इसलिए यह परंपरा बन गयी कि मासिक धर्म की अवधि वाली उम्र को पार करने के बाद ही महिलाएं मंदिर में जा सकेंगी.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)