राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मामले और सामने आए. ज़्यादातर मामले जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके में दर्ज किए गए हैं. गर्भवती महिलाओं को शास्त्री नगर न जाने की सलाह. फॉगिंग एवं अन्य एहतियाती उपाय जारी.
जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में ज़ीका वायरस के 13 और नए मामले सामने आने के बाद इससे संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 55 हो गयी है.
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने बीते शनिवार को इस बारे में हुई समीक्षा बैठक के बाद यह नया आंकड़ा जारी किया. बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव (चिकित्सा व स्वास्थ्य) वीनू गुप्ता ने की.
बैठक में ज़ीका के संक्रमण के मामले सामने आने के बाद हालात पर काबू पाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की गयी.
राजधानी में ज़ीका वायरस संक्रमण के ज़्यादातर मामले शास्त्री नगर इलाके में सामने आए हैं जहां फॉगिंग एवं अन्य एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं.
विभाग ने एक परामर्श भी जारी किया जिसमें इलाके से बाहर गयी तीन माह की गर्भवती महिलाओं से कहा गया है कि वे फिलहाल बाहर ही रहें.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित 55 लोगों में से 11 महिलाएं हैं जो कि गर्भवती हैं. राष्ट्रीय मलेरिया शोध संस्थान (एनआईएमआर) की एक टीम जयपुर के विभिन्न स्थानों से मच्छरों के नए सैंपल ले रही है.
मालूम हो कि यह वायरस गर्भवती महिलाओं के लिए काफी ख़तरनाक होता है क्योंकि इसकी वजह से जन्म लेने वाले बच्चों को माइक्रोसिफेली की समस्या हो सकती है. यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें बच्चे का अनुमान से बहुत छोटा हो जाता है.
स्वास्थ्य विभाग ने गर्भवती महिलाओं के लिए कुछ सलाह जारी किए हैं. ऐसी महिलाओं से कहा गया है कि वे जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके में न जाएं. इसके अलावा नेशनल सेंटर फॉर डिजीज़ कंट्रोल में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है.
इसके अलावा जयपुर में निगरानी दल की संख्या 50 से बढ़ाकर 170 कर दिया गया है.
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हीराबाग प्रशिक्षण केंद्र में ज़ीका वायरस से प्रभावितों के लिए एक अलग वार्ड बनाया गया हैं. यहां भर्ती 38 प्रभावितों के स्वास्थ्य सुधार नज़र आ रहा है.
अधिकारियों के मुताबिक सबसे पहले मामला 23 सितंबर को सामने आया था, जिसके बाद हुए परीक्षणों में एडीज एजीप्टी नाम के मच्छरों में वायरस होने का पता चला है.
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में ज़ीका वायरस का पहला मामला जनवरी 2017 में अहमदाबाद में पाया गया था. दूसरा मामला उसी साल जुलाई में तमिलनाडु के कृष्णागिरि ज़िले में समाने आया था.
ज़ीका वायरस से प्रभावित होने वाले लोगों को बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते, कनजक्टिवाइटिस और पेशियों व जोड़ों में दर्द होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक ज़ीका वायरस और इससे संबंधित बीमारियों का अभी इलाज मौजूद नहीं है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)