फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे 66 छात्रों पर राजद्रोह का मुक़दमा

पंजाब विश्वविद्यालय में उग्र हुए प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस में टकराव. पुलिस ने भांजी लाठियां, 22 पुलिसकर्मियों समेत 40 लोग घायल.

पंजाब विश्वविद्यालय में उग्र हुए प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस में टकराव. पुलिस ने भांजी लाठियां, 22 पुलिसकर्मियों समेत 40 लोग घायल.

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प्रदर्शनकारी छात्रों और पुलिस के बीच टकराव. (फोटो साभार: इंडियन एक्सप्रेस/साहिल वालिया)

चंडीगढ़ स्थित पंजाब विश्वविद्यालय में फीस बढ़ोत्तरी के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे 66 छात्रों के विरुद्ध पुलिस ने राजद्रोह का मुक़दमा दर्ज किया है. फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ गुस्साए छात्र विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे थे.

छात्र संगठन एसएफएस, एनएसयूआइ और पीयूएसयू ने फीस वृद्धि के ख़िलाफ़ पंजाब विश्वविद्यालय बंद का संयुक्त आह्वान किया था. आंदोलन कर रहे छात्र मंगलवार को उग्र हो गए जिसमें 22 पुलिसकर्मियों समेत क़रीब 40 लोग घायल हो गए. देर शाम तक 52 छात्रों को गिरफ़्तार किया गया था. बुधवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.

अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, ‘यूनिवर्सिटी के मुख्य सुरक्षा अधिकारी अश्विनी कौल का कहना है कि उनकी शिकायत की ग़़लत व्याख्या की गई है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की तरफ से हमने शिकायत दर्ज कराई थी कि छात्र ‘स्टेट’ के ख़िलाफ़ नारे लगा रहे हैं. ‘स्टेट’ से मेरा मतलब था मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) और पंजाब विश्वविद्यालय (पीयू). प्रदर्शनकारी छात्र ‘पीयू मुर्दाबाद’, ‘एमएचआरडी मुर्दाबाद’, ‘यूजीसी मुर्दाबाद’ के नारे लगा रहे थे. पुलिस ने इसकी ग़लत व्याख्या की और राजद्रोह के आरोप में मामला दर्ज कर लिया. हमने सीसीटीवी फुटेज देख का परीक्षण किया है और चंडीगढ़ पुलिस को स्थिति साफ की है.’

फोटो: एएनआई फुटेज
फोटो: एएनआई फुटेज

ख़बर के मुताबिक, ‘एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर पुख़्ता सबूत नहीं पाए जाते हैं तो आरोप वापस ले लिए जाएंगे. चंडीगढ़ पुलिस के एसएसपी ईश सिंघल ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, ‘पुलिस ने छात्रों पर राजद्रोह का केस दर्ज किया है. जांच की जाएगी, अगर कोई पुख़्ता सबूत नहीं पाया जाता है तो केस वापस ले लिया जाएगा.’

हिंदी अख़बार जनसत्ता ने लिखा है, ‘फीस वृद्धि के फ़ैसले पर भड़के छात्रों का धरना-प्रदर्शन मंगलवार को तब हिंसक हो गया, जब आंदोलनकारी वहां तैनात पुलिस से भिड़ गए. छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ीं. इस पूरे मामले में में दोनों पक्षों को चोटें आर्इं. पुलिस ने 52 विद्यार्थियों को हिरासत में लिया है. 66 विद्यार्थियों के ख़िलाफ़ राजद्रोह के अलावा लूटपाट व सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला भी दर्ज किया है.’

आंदोलनकारी छात्र पंजाब विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार ग्रोवर के साथ बातचीत करने गए थे. कुलपति ने छात्रों को कार्यालय में नहीं बुलाया, जिसके बाद गुस्साए छात्रों ने जबरन उनके कार्यालय में जबरन घुसने का प्रयास किया और अफरा-तफरी मच गई.

फोटो: एएनआई फुटेज
विश्वविद्यालय में प्रदर्शन करते छात्र. (फोटो: एएनआई फुटेज)

ख़बर के अनुसार, ‘पुलिस ने हालात क़ाबू में करने के लिए छात्रों पर पानी की बौछारें फेंकीं. इससे तैश में आकर प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थर और गमले फेंकने शुरू किए. पुलिसकर्मियों ने जवाब में आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज की. लड़कियों समेत बड़ी संख्या में छात्र घायल हुए हैं.’

जनसत्ता के मुताबिक, ‘एसपी ईश सिंघल ने बताया, छात्रों के अचानक हिंसक हो जाने पर पुलिस को लाठी चार्ज करनी पड़ी. हिंसा में पुलिस वाहनों को भी नुकसान पहुंचा है. पांच-छह पुलिस अधिकारियों को चोटें आर्इं हैं. पुलिस लाठी चार्ज में कुछ पत्रकारों को भी चोटें आई हैं. चंडीगढ़ प्रेस क्लब ने इसकी कड़ी निंदा की है.’

पंजाब विवि ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में बेतहाशा फीस वृद्धि की है, जिसके ख़िलाफ़ छात्र आंदोलन कर रहे हैं. बी फार्मा कोर्स की फीस 5080 रुपए से बढ़ाकर 50000 रुपए कर दी गई है. एमए जर्नलिज्म कोर्स की फीस 5290 रुपए से बढ़ाकर 30000 रुपए कर दी है. डेंटल कोर्स की फीस 86400 रुपए से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपए कर दी गई है. विवि के छात्र चाहते हैं कि यह फैसला वापस लिया जाए. हालांकि, पंजाब विश्वविद्यालय 12.5 फ़ीसद फीस वृद्धि को जायज़ ठहराया है.