केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के ख़िलाफ़ दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में एक निजी आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की है.
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एमजे अकबर के खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाने वाली पत्रकार प्रिया रमानी के समर्थन में ‘द एशियन एज’ अखबार में काम कर चुकीं 20 महिला पत्रकार आईं हैं.
एनडीटीवी की खबर के मुताबिक इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान जारी कर प्रिया रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से गुजारिश किया है कि अकबर के खिलाफ मामले में उन्हें सुना जाए.
महिलाओं ने दावा किया है कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन शोषण किया है और कुछ इसकी गवाह हैं.
पत्रकारों ने अपने हस्ताक्षर कर संयुक्त बयान में कहा, ‘रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं है. हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से आग्रह करते हैं कि याचिकाकर्ता के हाथों हममें से कुछ के यौन उत्पीड़न को लेकर और अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर विचार किया जाए जो इस उत्पीड़न की गवाह थीं.’
मीनल बघेल, मनीषा पांडेय, तुषिता पटेल, कणिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार बादाम, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, कनीजा गजारी, मालविका बनर्जी, एटी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा, रेशमी चक्रवर्ती, किरण मनराल और संजरी चटर्जी ने बयान पर हस्ताक्षर किया है.
डेक्कन क्रॉनिकल की एक पत्रकार क्रिस्टीना फ्रांसिस ने भी इस बयान पर हस्ताक्षर किए हैं. अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी.
इससे पहले प्रिया रमानी ने सोमवार को कहा कि वह केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर द्वारा उनके ख़िलाफ़ अदालत में दायर मानहानि की शिकायत का सामना करने के लिए तैयार हैं और उन्होंने अकबर के बयान पर निराशा जताते हुए कहा कि अकबर डरा धमकाकर पीड़ितों को चुप कराना चाहते हैं.
अफ्रीका से लौटने के बाद एमजे अकबर ने कई महिलाओं द्वारा उनके ख़िलाफ़ लगाए यौन उत्पीड़न के आरोपों को रविवार को ख़ारिज करते हुए इन्हें झूठा, मनगढ़ंत और बेहद दुखद बताया.
उन्होंने रमानी के ख़िलाफ़ सोमवार को दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में एक निजी आपराधिक मानहानि शिकायत दायर की है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)