महाराष्ट्र कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रंजीत देशमुख के बेटे और भाजपा विधायक रहे आशीष देशमुख ने भी कांग्रेस का दामन थामा.
नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के पुत्र एवं विधायक मानवेंद्र सिंह बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए.
पार्टी के संगठन महासचिव अशोक गहलोत, राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह की मौजूदगी में मानवेंद्र सिंह ने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की.
राजस्थान के बाड़मेर इलाके में असर रखने वाले मानवेंद्र सिंह के अलावा महाराष्ट्र में भाजपा के विधायक रहे आशीष देशमुख भी कांग्रेस में शामिल हुए. देशमुख महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रंजीत देशमुख के पुत्र हैं.
कांग्रेस में शामिल होने से पहले सिंह ने पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी से उनके आवास पर मुलाकात की.
दोनों नेताओं का कांग्रेस में स्वागत करते हुए गहलोत ने कहा, ‘मानवेंद्र सिंह और आशीष देशमुख भाजपा छोड़कर पार्टी में शामिल हुए हैं. देश में सिर्फ दो लोगों, अमित शाह और नरेंद्र मोदी का शासन चल रहा है. भाजपा में लोग परेशान हैं. भाजपा के बहुत सारे नेता कांग्रेस में शामिल होना चाहते हैं.’
गहलोत ने आरोप लगाया कि जसवंत सिंह का भाजपा ने अपमान किया है.
उन्होंने कहा, ‘जसवंत सिंह देश के रक्षा मंत्री, वित्त मंत्री और विदेश मंत्री रहे. वह भाजपा में प्रधानमंत्री पद के योग्य थे, लेकिन उनका टिकट काट दिया गया. उनका अपमान किया गया.’
वहीं मानवेंद्र सिंह ने कहा, ‘मैंने राहुल गांधी से सुबह मुलाकात की औेर उन्होंने मेरा कांग्रेस में स्वागत किया. मेरे साथ बहुत सारे लोग लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं. आप देखेंगे कि आगामी विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में राजस्थान के अंदर बड़ा परिणाम देखने को मिलेगा.’
उधर आशीष देशमुख ने कहा, ‘राफेल मामले को राहुल गांधी जी उठा रहे हैं. यह भ्रष्टाचार का बड़ा मामला है. हम महराष्ट्र के कोने-कोने तक इस मुद्दे को ले जाएंगे. अब नरेंद्र (मोदी) के साथ देवेंद्र (फडणवीस) को भी सत्ता से जाना होगा.’
वहीं केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने इस बारे में कहा, ‘यह मानवेंद्र का अपना फैसला है. उनके पिता जसवंत सिंह ने कांग्रेस से लड़ते हुए अपनी ज़िंदगी गुज़ार दी. भाजपा ने उन्हें वित्त और रक्षा मंत्री बनाकर सम्मान दिया. यह वही कांग्रेस है जिसने पिछले 70 सालों में राजस्थान से किसी राजपूत को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया.’
It's Manvendra Singh's decision. His father Jaswant Singh spent his entire life fighting with Congress. BJP gave him respect as Finance&Defence Min. It's the same Cong party that didn't appoint any Rajput from Rajasthan as minister in Centre in 70 yrs: Rajyavardhan Singh Rathore pic.twitter.com/tuUujXmPHg
— ANI (@ANI) October 17, 2018
मानवेंद्र सिंह ने हाल ही में बाड़मेर के पचपदरा में स्वाभिमान रैली की थी और भाजपा छोड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद से ये कयास लगाया जा रहा था कि वो कांग्रेस का दामन थामने वाले हैं. यह भी चर्चा थी कि कांग्रेस मानवेंद्र को साथ लेने में कतरा रही थी.
2004 लोकसभा चुनाव में बाड़मेर लोकसभा सीट जो कांग्रेस का किला माना जाता था, उसे उसपर मानवेंद्र ने ही जीत दर्ज़ की थी. उन्होंने कांग्रेस के कर्नल सोनाराम को करीब पौने तीन लाख वोटों के बड़े अंतर से पटकनी दी थी. हालांकि यही सोनाराम अब भाजपा से 2014 लोकसभा चुनाव जीत सांसद बन गए हैं.
मानवेंद्र सिंह 2014 के लोकसभा चुनाव के समय से भाजपा से निलंबित चल रहे हैं. इस चुनाव में उनके पिता जसवंत सिंह ने पार्टी के ख़िलाफ़ ताल ठोकते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा, जिसमें वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए कर्नल सोनाराम से 80 हज़ार वोटों से चुनाव हार गए थे.
2014 लोकसभा चुनाव में मानवेंद्र सिंह द्वारा अपने पिता के लिए खुलकर वोट मांगने का प्रदेश भाजपा ने खूब विरोध किया. तत्कालीन उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने सार्वजनिक रूप से मानवेंद्र सिंह से पार्टी से त्याग-पत्र देने की अपील की. उन्होंने ऐसा नहीं करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहने को भी कहा.
जब मानवेंद्र सिंह ने प्रदेश भाजपा की चेतावनी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें पहले राष्ट्रीय कार्यकारिणी और बाद में पार्टी से निलंबित कर दिया. पिछले साढ़े चार साल में न तो मानवेंद्र सिंह ने कभी निलंबन पर ऐतराज जताया और न ही कभी पार्टी ने ही उनकी सुध ली.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)