पाकिस्तान के लेग स्पिनर दानिश कनेरिया पर इंग्लिश काउंटी मैचों में स्पॉट फिक्सिंग करने के लिए 2012 के बाद से आजीवन प्रतिबंध लगा हुआ है. इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड ने उन पर यह प्रतिबंध लगाया था.
कराची: पाकिस्तान के प्रतिबंधित लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने गुरुवार को स्पॉट फिक्सिंग में शामिल होने की बात कबूल कर ली है और देश के क्रिकेट प्रेमियों से माफी की मांग की है.
कनेरिया ने कहा, ‘मैं क्रिकेट बोर्ड, अपने प्रशंसकों और पाकिस्तानी लोगों से कहना चाहूंगा कि मेरी स्थिति समझें और मुझे माफ कर दें. मैंने एक सटोरिये (अनु भट्ट) से संपर्क रखकर और अधिकारियों को इसकी इत्तिला नहीं करके गलती की, जिसका मैंने ख़ामियाज़ा भुगता.’
उन्होंने कहा, ‘मैं इस समय काफी निराश हूं क्योंकि छह साल तक झूठ बोलने के बाद इस तरह स्वीकार करना आसान नहीं है. मुझे अब ऐसा करना पड़ा क्योंकि यह मेरे ऊपर बोझ बना हुआ था और मैं स्पॉट फिक्सर बुलाए जाने के कलंक को ज़्यादा सहन नहीं कर सकता. ’
कनेरिया दिसंबर में 38 साल के हो जाएंगे. उन्होंने 61 टेस्ट में 261 विकेट लिए हैं.
उन्होंने कहा कि वह अपनी ज़िंदगी को सुधारना चाहते हैं और उन्होंने उम्मीद जतायी कि क्रिकेट अधिकारी उनकी माफी को स्वीकार करेंगे और उनसे सहानुभूति दिखाएंगे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने जो कुछ किया, वो गलत था. उम्मीद करता हूं कि लोग मुझे माफ कर देंगे. ’
कनेरिया ने कहा, ‘इस मामले में मेरे खाते चेक किए गए हैं और फिर दोबारा चेक किए जा सकते हैं. मेरी गलती इस व्यक्ति (कथित रूप से मैच फिक्सर) अनु भट्ट के करीब होना था जो पाकिस्तान आने और फिर 2005-06 में भारत जाने के बाद हमारे लिए पारिवारिक मित्र की तरह बन गया था. उसने लगभग मुझे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया था.’
मालूम हो कि कनेरिया ने इस हफ्ते अल-जज़ीरा नेटवर्क को दिए इंटरव्यू में स्वीकार किया कि 2009-10 में इंग्लिश काउंटी मैचों के दौरान वह अनु भट्ट के साथ स्पॉट फिक्सिंग में शामिल रहे थे. कनेरिया पर इंग्लिश काउंटी मैचों में स्पॉट फिक्सिंग करने के लिए 2012 के बाद से आजीवन प्रतिबंध लगा हुआ है. इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड ने उन पर यह प्रतिबंध लगाया था.
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी युवा खिलाड़ियों को यह बताकर खेल को कुछ वापस कर सकता हूं कि इन चीजों में शामिल नहीं हों और अनु भट्ट जैसे लोगों से दूर रहें.’
लेकिन पाकिस्तानी क्रिकेट जगत इस खुलासे से काफी हैरान हैं. पाकिस्तान के पूर्व टेस्ट कप्तान रशीद लतीफ ने कहा, ‘मैं हैरान हूं क्योंकि दानिश के मामले के शुरुआती दिनों में मैंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अधिकारियों से मिलकर उसका पक्ष उनके सामने रखकर कहा कि उसकी बात सुनी जानी चाहिए. मुझे लगा कि वह बेकसूर है.’
पूर्व लेग स्पिनर अब्दुल कादिर ने कहा कि कनेरिया के गुनाह कबूल करने से पाकिस्तान क्रिकेट की छवि खराब हुई है.
कादिर ने कहा, ‘अल्लाह जाने कि ये खिलाड़ी क्या सोचते हैं. हमें गलत कारणों से सुर्ख़ियों में रहना पड़ रहा है. मुझे यह जानकर बहुत दुख हुआ कि उसने हमसे छह साल तक झूठ बोला.’
पूर्व टेस्ट सलामी बल्लेबाज मोहसिन खान ने कहा, ‘कनेरिया ने छह साल बाद ही सही, ठीक किया. मुझे लगा कि उसकी अंतरात्मा उसे कचोट रही होगी. उस पर पहले ही आजीवन प्रतिबंध लगा हुआ है.’
एनडीटीवी के अनुसार उन्होंने आगे कहा, ‘अधिकारियों को उससे बात करनी चाहिए और उस पर लगे प्रतिबंध को कम करने की कोशिश कर सकते हैं क्योंकि इस घटना से पाकिस्तान क्रिकेट के लिए बहुत बुरा हुआ है.’
इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड ने कनेरिया पर प्रतिबंध तो लगाया ही साथ ही एसेक्स टीम के एक खिलाड़ी मेरवीन वेस्टफील्ड को मामले में शामिल होने के चलते जेल भी भेजा था.
कनेरिया ने 2010 में इंग्लैंड के दौरे पर अपना आख़िरी टेस्ट खेला था जिसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें टीम से वापस बुला लिया था, जब उन्हें यह बताया गया कि इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड काउंटी मैचों में फिक्सिंग के लिए लेग स्पिनर की जांच कर रहा था.
यह इंग्लैंड के 2010 दौरे पर पाकिस्तान के तत्कालीन कप्तान सलमान बट और तेज़ गेंदबाज़ों, मुहम्मद आसिफ़ और मोहम्मद आमिर को भी स्पॉट फ़िक्सिंग में शामिल पाया गया था और बाद में पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था.
तीनों ने 2016 में अपने प्रतिबंध की अवधि समाप्त कर वापस क्रिकेट में लौट आए हैं. मोहम्मद आमिर की पाकिस्तान टीम में वापसी हो चुकी है जबकि सलमान और आसिफ़ अभी घरेलू क्रिकेट खेल रहे हैं.
पिछले साल पीसीबी ने पाकिस्तान सुपर लीग में स्पॉट फिक्सिंग की जांच भी शुरू की थी और पूछताछ के परिणामस्वरूप बल्लेबाजों, शरजील ख़ान, ख़ालिद लतीफ़, शाहज़ेब हसन और नासिर जमशेद को अलग-अलग अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)