प्रवर्तन निदेशालय ने विदेशी मुद्रा विनिमय धोखाधड़ी के एक मामले में मानवाधिकार निगरानी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के दो ठिकानों पर छापा मारा था.
बेंगलुरु: एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी की कार्रवाई के बाद संस्था ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार मानवाधिकार संगठनों के साथ ऐसा व्यवहार कर रही है जैसे वो अपराधी संगठन हों.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मानवाधिकार निगरानी संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के ख़िलाफ़ विदेशी मुद्रा विनिमय धोखाधड़ी के एक मामले में गुरुवार को उसके दो ठिकानों पर तलाशी ली.
एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के कार्यकारी निदेशक आकार पटेल ने बेंगलुरु एक बयान में कहा, ‘सरकारी प्राधिकार लगातार मानवाधिकार संस्थाओं के साथ अपराधी संगठनों की तरह व्यवहार करते आ रहे हैं.’
विदेश मुद्रा विनिमय प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के तहत केंद्रीय जांच एजेंसी दस्तावेज़ों की तलाश कर रही है.
उन्होंने कहा कि ईडी विदेशी अंशदान नियमन अधिनियम (एफसीआरए) के धन से संबंधित एनजीओ के खातों की केंद्रीय गृह मंत्रालय की पहले से चल रही जांच के संदर्भ में फेमा के संभावित और कथित उल्लंघन की पड़ताल कर रही है.
पटेल ने कहा, ‘एक संगठन के तौर पर हम क़ानून व्यवस्था को लेकर प्रतिबद्ध हैं. भारत में हमारा परिचालन हमेशा हमारी राष्ट्रीय नीतियों के अनुसार रहा है. पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांत हमारे काम का अहम हिस्सा हैं.’
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि आपातकाल के दौर के उत्पीड़न ने भारत के इतिहास पर धब्बा लगाया. यहां हम प्रधानमंत्री के साथ सहमत नहीं हो सकते हैं क्योंकि दुर्भाग्यवश भारत पर वह काली छाया फिर से मंडराने लगी है.’
पटेल ने कहा, ‘मानवाधिकारों की रक्षा करने, जैसी कि उन्होंने शपथ भी ली है, के बदले भारत सरकार उन लोगों को निशाना बना रही है जो मानवाधिकारों की रक्षा के लिए लड़ते हैं.’