बीते आठ अगस्त को केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा था कि एनआरआई आरटीआई के दायरे में नहीं आते हैं. हालांकि इस पर सवाल उठने के बाद अब सरकार ने इस फैसले को वापस लिया और कहा कि एनआरआई आरटीआई दायर कर सकते हैं.
नई दिल्ली: सरकार ने अपना रुख बदलते हुए कहा कि अब प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को भी देश में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत आवेदन देकर प्रशासन से जुड़ी जानकारी लेने का हक होगा.
कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आठ अगस्त, 2018 को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि एनआरआई आरटीआई कानून के तहत अर्जी देने के लिए पात्र नहीं हैं.
इस मामले को लेकर आरटीआई कार्यकर्ता कोमोडोर (सेवानिवृत्त) लोकेश बत्रा ने यह रेखांकित करते हुए हाल ही में लिखा था कि पारदर्शिता कानून के तहत प्रत्येक भारतीय को सूचना पाने का अधिकार है.
इस पर लोकसभा में जीतेंद्र सिंह द्वारा दिया गया बयान बदला गया है.
इसके बाद ही मंत्रालय ने अपने रुख में सुधार किया है. मंत्रालय ने इससे पहले अपनी प्रतिक्रिया में कहा था, ‘सिर्फ भारतीय नागरिकों को सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत सूचनाएं मांगने का अधिकार है. एनआरआई आरटीआई के तहत अर्जी देने के लिए पात्र नहीं हैं’.
इस संबंध में नई और सुधार के साथ प्रतिक्रिया को लोकसभा की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है.
जम्मू से भाजपा के लोकसभा सांसद जुगल किशोर ने लोकसभा में पूछा था कि क्या एनआरआई को भी आरटीआई दायर करने का अधिकार है. इस पर प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्य मंत्री जीतेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया था कि सभी भारतीय नागरिक को दायर करने का अधिकार है. हालांकि उस समय उन्होंने कहा एनआरआई को आरटीआई दायर करने का अधिकार नहीं है.
अब सरकार ने लोकसभा कार्यवाही को ठीक करते हुए बताया है कि एनआरआई आरटीआई दाखिल कर सकते हैं. इसे सूचना का अधिकार की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है.
बीते आठ अगस्त को जीतेंद्र सिंह ने ये भी बताया था कि देश के नागरिक केंद्र की 2200 सरकारी विभाग में ऑनलाइन आरटीआई दायर कर सकते हैं. कोई भी भारतीय नागरिक इस लिंक (https://rtionline.gov.in/index.php) पर जा कर ऑनलाइन आरटीआई दाखिल कर सकते हैं.
केंद्र सरकार के अलावा दिल्ली और महाराष्ट्र सरकार के विभागों में भी ऑनलाईन आरटीआई दायर की जा सकती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)