सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि के मालिकाना हक़ को लेकर दायर अपीलों की सुनवाई जनवरी तक टाल दी है. इसके बाद विहिप ने कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण के लिए अनंतकाल तक इंतज़ार नहीं कर सकती. केंद्र क़ानून बनाए.
नई दिल्ली: राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सोमवार को दायर अपीलों की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगले साल जनवरी में एक उचित पीठ के सामने इस मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मामले की सुनवाई जनवरी तक टाल दिए जाने के बाद केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा, ‘हिंदुओं का सब्र टूट रहा है. मुझे भय है कि हिंदुओं का सब्र टूटा तो क्या होगा?’ केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री ने कहा कि ‘श्रीराम’ हिंदुओं की आस्था की आधारशिला हैं.
मालूम हो कि प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय एक पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि के मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा.
Ab Hinduon ka sabr tut raha hai. Mujhe bhay hai ki Hinduon ka sabr tuta toh kya hoga: Union Minister Giriraj Singh on #RamTemple matter pic.twitter.com/XqWsuIk8lJ
— ANI (@ANI) October 29, 2018
सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस ने इसे हिंदू-मुस्लिम मुद्दा बनाने का फैसला किया है. हिंदुओं का धैर्य जवाब दे रहा है. मुझे भय है कि हिंदुओं का धैर्य जवाब देने पर क्या होगा.’
मालूम हो कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के ख़िलाफ़ करीब 14 अपीलें दायर की गई हैं. चार दीवानी मुक़दमों में फैसला सुनाया गया था. उच्च न्यायालय ने अयोध्या की 2.77 एकड़ ज़मीन को तीन पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला के बीच बराबर-बराबर बांटने का फैसला सुनाया था.
गिरिराज सिंह के बयान के बाद विपक्षी दलों ने उन पर हमला शुरू कर दिया है. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट में कहा, ‘काहे बड़बड़ा रहे हैं फालतू का? किसी का सब्र नहीं टूटा है. ठेकेदार मत बनिए, हमसे बड़े हिंदू नहीं है आप? आपको चुनाव का डर है. ये मगरमच्छी रोना रोने से फुर्सत मिले तो युवाओं की नौकरी, विकास और जनता की सेवा की बात करिए.’
काहे बड़बड़ा रहे है फ़ालतू का? किसी का सब्र नहीं टूटा है। ठेकेदार मत बनिए, हमसे बड़े हिंदू नहीं है आप? आपको चुनाव का डर है। ये मगरमच्छी रोना रोने से फ़ुर्सत मिले तो युवाओं की नौकरी, विकास और जनता की सेवा की बात करिए। अपने दोस्त पलटूराम की तरह बेमतलब बिहारियों को बदनाम मत करिए। https://t.co/32PLtUT3Ge
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 29, 2018
गिरिराज के अलावा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी हमला बोलते हुए तेजस्वी ने लिखा, ‘अपने दोस्त पलटूराम की तरह बेमतलब बिहारियों को बदनाम मत करिए.’
यह कोई पहली दफा नहीं है जब गिरिराज सिंह ने इस तरह का बयान दिया है. इससे पहले उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न पसंद करने वालों को पाकिस्तान जाने की नसीहत तक दे दी थी.
गिरिराज ने रविवार को शशि थरूर के प्रधानमंत्री मोदी को लेकर दिए बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘थरूर प्रधानमंत्री पर इस तरह की टिप्पणी कर सिर्फ़ उनका नहीं बल्कि देश के करोड़ों हिंदुओं का अपमान कर रहे हैं. अगर ये पाकिस्तान होता तो उनकी ज़ुबान चुप करा दी गई होती.’
थरूर ने कहा था, ‘एक असाधारण रूपक है जिसका ज़िक्र आरएसएस के अनाम सूत्र ने एक पत्रकार से किया था. मैंने उसका संदर्भ अपनी किताब में दिया है. उसने कहा था कि मोदी शिवलिंग पर बैठे उस बिच्छू की तरह हैं, जिसे आप हाथ से हटा नहीं सकते और चप्पल से मार भी नहीं सकते.’
राम मंदिर के लिए अनंत काल तक इंतज़ार नहीं कर सकते, सरकार कानून लाए: विहिप
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सोमवार को कहा कि वह राम मंदिर के निर्माण के लिए अदालत के फैसले का अनंतकाल तक इंतज़ार नहीं कर सकती. साथ ही विहिप ने सरकार से राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने के लिए क़ानून लाने की अपील भी की.
विहिप के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने मोदी सरकार से संसद के शीतकालीन सत्र में इस विषय पर कानून बनाने का आग्रह किया.
उन्होंने कहा, ‘पांच अक्टूबर को संतों की उच्चाधिकार समिति की बैठक हुई है जिसमें यह निर्णय हुआ कि उच्चतम न्यायालय के फैसले का अनिश्चितकाल तक इंतज़ार नहीं किया जा सकता.’
विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया है. ऐसे में हमारे रुख़ को बल मिलता है कि राम मंदिर के निर्माण के लिए अनंत काल तक इंतज़ार नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए केंद्र सरकार क़ानून लाए.
विहिप के कार्याध्यक्ष का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के विषय को अगले वर्ष जनवरी तक आगे बढ़ा दिया.
कुमार ने कहा कि राम मंदिर के निर्माण के लिए जनमत बनाने की पहल करते हुए विहिप सभी राज्य के राज्यपालों को ज्ञापन दे रही है. इसके बाद नवंबर महीने में देश भर में विहिप कार्यकर्ता क्षेत्र की जनता के साथ अपने सांसदों एवं जनप्रतिनिधियों से मिलेंगे और राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने पर ज़ोर देंगे.
विहिप के कार्याध्यक्ष ने कहा कि दिसंबर माह में राम मंदिर के निर्माण के लिए देशभर के प्रमुख धार्मिक स्थलों पर यज्ञ, पूजा और अनुष्ठान किया जाएगा.
आलोक कुमार ने कहा, ‘इसके बाद हम प्रयाग में कुंभ के दौरान 31 जनवरी से फरवरी के पहले सप्ताह तक आयोजित होने वाली धर्म संसद में स्थिति की समीक्षा करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे.’
उल्लेखनीय है कि न्यायालय ने राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को अगले साल जनवरी के पहले हफ्ते में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया है जो सुनवाई की तारीख तय करेगी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा कि उचित पीठ अगले साल जनवरी में सुनवाई की आगे की तारीख तय करेगी.