बहराइच के खैरा बाजार में दुर्गा पूजा विसर्जन के समय हुए तनाव के मामले में पुलिस ने अब तक 50 लोगों को गिरफ़्तार किया है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि यूएपीए लगाना ग़लत था, इसे अब एफआईआर से हटा दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में दुर्गा पूजा के समय हुए सांप्रदायिक तनाव के मामले में 200 मुस्लिमों के खिलाफ ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि (रोकथाम) क़ानून (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज होने के बाद गिरफ़्तारी के डर से गांव के ज्यादातर मुस्लिम गांव छोड़कर चले गए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक बवाल तब हुआ जब 20 अक्टूबर को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन का एक जुलूस गांव से निकल रहा था. स्थानीय निवासी आशीष कुमार शुक्ला द्वारा बौंडी थाने में दर्ज करवाई गयी एफआईआर के अनुसार वे उस जुलूस में शामिल थे, जब कुछ लोगों द्वारा इस जुलूस पर हमला किया गया.
आशीष का आरोप है कि पिस्तौल, बम और तलवारों से लैस हमलावरों ने इस जुलूस पर हमला किया, जिसमें 50-60 लोग घायल हुए. हालांकि ये लोग कौन हैं, इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है. आशीष ने अपनी एफआईआर में 80 लोगों (सभी मुस्लिम) का नाम लिखवाया है, साथ ही 100-200 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया है.
अख़बार के अनुसार पुलिस ने खैरा से अब तक 19 लोगों को गिरफ्तार किया है और उसका दावा है कि 52 लोगों की पहचान की जा चुकी है. हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यूएपीए लगाना गलत था और वे इसे एफआईआर से हटा देंगे.
55 साल के स्थानीय किसान करामतुल्लाह ने इस अख़बार को बताया कि जैसे ही यह जुलूस जामा मस्जिद के पास पहुंचा, तो इसमें शामिल कुछ लोगों ने सड़क के किनारे खड़े मुस्लिमों पर गुलाल फेंका, जिन्होंने इस पर आपत्ति जताई और इसी बात पर बहस शुरू हो गयी. लोगों ने बीच-बचाव करके मसला सुलझाया। इसके बाद भी जुलूस से कुछ लोगों ने मस्जिद के अंदर गुलाल फेंका, जिसके बाद दोनों समूहों में झड़प हुई.
वहीं गांव के एक अन्य निवासी जगदीश कुमार जायसवाल इस बात से इनकार करते हैं. उन्होंने इस अखबार को बताया, ‘दूसरे समुदाय के लोगों ने बिना किसी उकसावे के हमला किया था.’
उधर गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई है. दुकानें बंद हैं, घरों में ताले लगे हैं और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है.
गांव की एक महिला जैतुना का कहना है कि गिरफ़्तारी के डर से मुस्लिम युवक गांव छोड़कर भाग गए हैं. उनका यह भी आरोप है, ‘झगड़ा हिंदू-मुस्लिम दोनों के बीच हुआ था, लेकिन पुलिस ने सिर्फ मुसलमानों को गिरफ्तार किया। हमें मामले में बुरी तरह फंसाया जा रहा है.’
Bahraich: Villagers of Khaira allege that Muslim youth of their village had fled fearing that they would be arrested. A villager says,"There was a clash between Muslims&Hindus during Durga idol immersion,but police only arrested Muslims. We've been are badly trapped in the case." pic.twitter.com/M9JEF1stIV
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 3, 2018
जैतुना ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि पुलिस ने उन लोगों पर, जो जुलूस में शामिल थे, पत्थरबाज़ी कर रहे थे और जिन्होंने हमारे घर-दुकानों पर हमला किया, के खिलाफ कोई मामला नहीं दर्ज किया। पुलिस हमें परेशां कर रही है.
वहीं पुलिस का कहना है कि यह आरोप निराधार हैं और तथ्यों के आधार पर ही मामला दर्ज किया गया है.
At least 50 people were arrested&team have been formed to investigate the matter.Action has been taken only against the accused. We've videos as proof. Discussions were done with people of both groups.People who are innocent shouldn't be scared: Ravindra Singh,Addtl SP (Bahraich) pic.twitter.com/YNce2OIBZt
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) November 3, 2018
बहराइच के एडिशनल एसपी रविंद्र सिंह ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘तकरीबन 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गयी है. केवल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. हमारे पास सबूत के रूप में वीडियो हैं. निर्दोष लोगों को डरने की ज़रूरत नहीं है.’
यह पूछने पर कि हिंदू समूह के खिलाफ कोई एफआईआर क्यों नहीं हुई, रविंद्र सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘हमारे पास कोई प्रमाण नहीं है कि दो समूहों के बीच झगड़ा हुआ था. हमारे पास जो वीडियो हैं, उसमें जुलूस में शामिल लोग केवल ‘जय श्री राम’ बोलते दिख रहे हैं न कि कोई हिंसा करते हुए.’
गांव की सरपंच सरिता वर्मा के पति हरिनारायण वर्मा का कहना है कि गांव कि 65 फीसदी आबादी मुसलमान है और मुझे नहीं पता कि यह सोच-समझकर किया गया हमला था या नहीं.’