द वायर से बातचीत में श्रीनगर में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, ‘ वीडियो की विश्वसनीयता की जांच की जा रही है.’

फोटो क्रेडिट: Junaid Azim Mattoo/Twitter
कश्मीर घाटी में तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है. हाल ही में एक वीडियो सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर सेना को अपनी जीप के सामने एक युवक को बांध कर चलाते देखा जा सकता है.
इस वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर सेना पर मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगने शुरू हो गए हैं. 11 सेकंड लंबे इस वीडियों में एक युवक को जीप के आगे बांधकर ले जाते हुए देखा जा सकता है. उसके पीछे एक ट्रक भी गुजरता दिखाई देता है. आलोचकों का दावा है कि यह वीडियो कश्मीर का है जहां भारतीय सेना मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाते हुए एक कश्मीरी युवक को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है.
वीडियो कथित तौर पर बड़गाम जिले के बीरवाह क्षेत्र का है जहां रविवार को कुछ शरारती तत्वों ने श्रीनगर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के उपचुनाव को पथराव कर बाधित कर दिया था.
इस मामले को लेकर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कई ट्वीट किए हैं. उमर ने अपने ट्वीट में एक तस्वीर साझा की है, जिसमें उन्होंने पूछा है कि इस कश्मीरी युवक को आर्मी की जीप के सामने इसलिए बांधा गया है, ताकि जीप पर कोई पत्थर न फेंका जाए? ये हैरान कर देने वाला है. उमर राज्य की विधानसभा में बीरवाह सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं.
This young man was TIED to the front of an army jeep to make sure no stones were thrown at the jeep? This is just so shocking!!!! #Kashmir pic.twitter.com/bqs4YJOpJc
— Omar Abdullah (@abdullah_omar) April 14, 2017
नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद अजीम मट्टू ने वीडियों को टिवटर पर पोस्ट करते हुए लिखा,’ यह स्पष्ट नहीं है कि इसे कब और किसने शूट किया है. जीप और उसके पीछे चलने वाले ट्रक का नंबर प्लेट भी स्पष्ट नहीं दिखाई दे रहा है.’
Here's the video of the Kashmiri boy tied to the front of an Army jeep and used as a human shield in Gundipora, Beerwah. @TimesNow? @NewsX? pic.twitter.com/wW2yns2RN3
— Junaid Azim Mattu (@Junaid_Mattu) April 14, 2017
इस वीडियो की सत्यता की पुष्टि अब तक नहीं हो पाई है. द वायर से बातचीत में श्रीनगर में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, ‘वीडियो के कंटेट की विश्वसनीयता की जांच की जा रही है.’