सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 562 एफआईआर दर्ज किए और 323 लोगों को गिरफ़्तार किया. कोर्ट ने रात आठ से 10 बजे के बीच सिर्फ ग्रीन पटाखे जलाने की अनुमति दी थी.
नई दिल्ली/लखनऊ/कोलकाता: दीपावली के एक दिन बाद गुरुवार को दिल्ली में इस साल हवा की सबसे ख़राब गुणवत्ता दर्ज की गई. बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाज़ी के कारण राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ (सीवियर प्लस एमरजेंसी) श्रेणी में प्रवेश कर गया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए कई शहरों में लोगों ने कम से कम रात 12 बजे तक आतिशबाज़ी की, जबकि शीर्ष न्यायालय ने पटाखे जलाने के लिए रात आठ से 10 बजे तक की समयसीमा तय कर रखी थी.
नई दिल्ली में कई घंटे तक पटाखों की तेज़ आवाज़ सुनाई देती रही. मुंबई, कोलकाता, जयपुर एवं अन्य प्रमुख शहरों में भी न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होते देखा गया.
केंद्र द्वारा संचालित सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (एसएएफएआर) के मुताबिक, पटाखों से पैदा हुए धुएं सहित अन्य कारणों से दिल्ली में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 574 तक चला गया जो ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ श्रेणी में आता है.
अधिकारियों ने बताया कि बड़े पैमाने पर हुई आतिशबाज़ी के कारण समूची राष्ट्रीय राजधानी में धुएं की मोटी परत पढ़ गई है और दृश्यता में काफी कमी आ गई है.
एसएएफएआर ने चेताया था कि यदि पिछले साल की तुलना में कम नुकसानदेह पटाखे भी जलाए गए तब भी हवा की गुणवत्ता अत्यंत गंभीर श्रेणी में रहेगी.
शून्य और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’ माना जाता है, 51 और 100 के बीच इसे ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’ माना जाता है, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘काफी खराब’ और 401 और 500 के बीच इसे ‘अत्यंत गंभीर’ माना जाता है.
Received 271 calls on the night of Diwali. B/w 8 pm-12 am we received 125 calls. B/w 6 pm-6 am we received 226 calls. It means the 2 hrs allotted by SC wasn't very effective, crackers were burst till morning. No.of calls this Diwali was more than last yr: Dir, Delhi Fire Services pic.twitter.com/L9vr27l3wr
— ANI (@ANI) November 8, 2018
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अभी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक करीब 574 है. गुरुवार को आधी रात के बाद तड़के दो बजे यह सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में प्रवेश कर गया और शाम तक यह इसी श्रेणी में बना रहेगा.
एसएएफएआर की ओर से जारी परामर्श के मुताबिक, वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘अत्यंत गंभीर और आपातकालीन’ श्रेणी में होने का मतलब है कि ऐसी हवा में ज़्यादा समय तक सांस लेने से स्वस्थ व्यक्ति भी श्वसन संबंधी बीमारियों का शिकार हो सकता है. यह हवा उनके शरीर के अंगों को गंभीर रूप से प्रभावित करती है.
सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली एवं अन्य त्योहारों के दिन सिर्फ रात आठ बजे से रात 10 बजे तक आतिशबाज़ी की अनुमति दी है. न्यायालय ने सिर्फ़ ‘हरित पटाखों’ के निर्माण और बिक्री की इजाज़त दी है, क्योंकि इसमें कम रोशनी, कम आवाज़ और कम नुकसानदेह रसायन निकलते हैं. न्यायालय के आदेश का पालन कराने की ज़िम्मेदारी पुलिस को सौंपी गई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कुछ जगहों पर इसका उल्लंघन होते देखा गया. इन जगहों पर तय समयसीमा के पहले और बाद में बड़े पैमाने पर आतिशबाज़ी हुई.
दिल्ली-एनसीआर में मयूर विहार एक्सटेंशन, लाजपत नगर, लुटियंस दिल्ली, आईपी एक्सटेंशन, द्वारका और नोएडा सेक्टर-78 ऐसे इलाकों में शामिल रहे जहां सुप्रीम कोर्ट के आदेश का खुला उल्लंघन हुआ.
पुलिस ने आदेश का उल्लंघन होने की बात कबूली और कहा है कि दोषियों के ख़िलाफ़ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि वे उल्लंघनों पर लगाम लगाने के लिए लगातार गश्त कर रहे हैं.
72 FIRs were registered under Explosives Act and 75 people were arrested. 1705 kg of non-green, non-certified firecrackers were recovered. SC had allotted 8 pm-10 pm as the time to burst crackers, 562 FIRs were registered for violation of SC order, 323 people arrested: Delhi DCP pic.twitter.com/GrQyQZRdgg
— ANI (@ANI) November 8, 2018
दिल्ली के डीसीपी ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ‘विस्फोटक अधिनियम के तहत 75 एफआईआर दर्ज किए गए और 75 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इसके अलावा 1705 किलोग्राम ग़ैर हरित पटाखे बरामद किए गए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने के संबंध 562 एफआईआर दर्ज किए गए है और 323 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.’
दीपावली पर आग लगने की 300 घटनाएं, दो बच्चों की मौत
दिल्ली में इस साल दीपावली पर पटाखों की वजह से आग लगने की 300 से अधिक घटनाएं सामने आईं जिनमें एक मामले में दो बच्चों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हो गये. आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
दिल्ली अग्निशमन सेवा के एक अधिकारी ने बताया कि उनके कार्यालय में दीपावली की आधी रात तक रिकॉर्ड संख्या में 271 आग लगने की सूचनाएं आईं और गुरुवार को सुबह आठ बजे तक 74 ऐसे फोन और आए.
Received 271 calls on the night of Diwali. B/w 8 pm-12 am we received 125 calls. B/w 6 pm-6 am we received 226 calls. It means the 2 hrs allotted by SC wasn't very effective, crackers were burst till morning. No.of calls this Diwali was more than last yr: Dir, Delhi Fire Services pic.twitter.com/L9vr27l3wr
— ANI (@ANI) November 8, 2018
उन्होंने बताया कि हालांकि बीते साल की तुलना में इस साल अधिक फोन आए पर पटाखों की वजह से आग लगने की घटनाओं में कमी आई है. इसके पूरे आंकड़े अभी आने शेष हैं.
दिल्ली अग्निशमन सेवा को बीते साल 204 फोन कॉल्स आईं थीं.
सदर बाजार क्षेत्र में फिल्मिस्तान सिनेमा के पास बनी झुग्गियों में आग लगने से दो बच्चों- दस साल के गणेश और आठ साल की स्वाति की मौत हो गई. उनकी मां सुमन (28), पचपन फीसदी और पांच साल का भाई ध्रुव 70 फीसदी तक जल गए हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
इस घटना में संभवतया आग देर रात के बाद दो बजकर 18 मिनट पर रसोई गैस के सिलेंडर से लगी और उनकी झुग्गी में फैल गई.
एक अन्य घटना में बवाना इलाके में बनी एक फैक्ट्री में आग लग गई. यहां पर दमकल की 18 गाड़ियों को भेजा गया.
उन्होंने बताया दिल्ली के पश्चिमी और उत्तरपश्चिम जिलों से सबसे अधिक कॉल्स आईं.
उन्होंने कहा, ‘बीते साल पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा था पर हमें करीब 200 फोन कॉल्स आए. इस साल पटाखे फोड़ने पर रोक थी और केवल हरित पटाखों की बाज़ार में बिक्री की अनुमति थी लेकिन तब भी आग लगने के मामलों को लेकर बार बार फोन कॉल्स आते रहे.’
दिल्ली में धूल प्रदूषण कम करने के लिए पानी का छिड़काव होगा
दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग ने गुरुवार को कई इलाकों में पानी छिड़कने का अभियान चलाया ताकि प्रदूषण रोकने के प्रयासों के तहत, धूल के कणों को उड़ने से रोका जा सके.
यह उपाय तब किया जा रहा है जब दीपावली के अगले दिन राजधानी में हवा की गुणवत्ता काफी ख़राब दर्ज की गई.
एक अधिकारी के अनुसार, विभाग के कर्मचारियों ने आईटीओ, रोहिणी, द्वारका, रिंग रोड और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य इलाकों में पानी छिड़का.
उन्होंने बताया कि अगले कुछ दिन तक पानी का छिड़काव चलता रहेगा.
दिल्ली में छायी धुंध की मोटी चादर, सुबह हुआ ठंड का एहसास
दिल्ली में गुरुवार की सुबह ने बेहद करीब आ चुकी ठंड का एहसास कराया. शहर पर धुंध की मोटी चादर भी छायी रही.
मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि दीपावली पर हुई आतिशबाज़ी के धुएं, गर्द और कोहरे का असर सूर्योदय के बाद तक नजर आया और हवा ठंडी थी.
अधिकारी ने बताया कि गुरुवार का न्यूनतम तापमान 10.5 दर्ज किया गया जो इस मौसम के औसत तापमान से तीन डिग्री कम था.
उन्होंने बताया कि अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने और आसमान साफ रहने का अनुमान है.
सुबह साढ़े आठ बजे आपेक्षिक आद्रता 86 फीसदी दर्ज की गई.
कल का अधिकतम तापमान 27.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 12.56 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
लखनऊ और उत्तर प्रदेश के दूसरे शहरों में भी दीपावली के अगले दिन दिखाई दी धुंध
उत्तर प्रदेश की राजधानी समेत राज्य के प्रमुख शहरों में भी राष्ट्रीय राजधानी की तरह दीपावली की अगली सुबह धुंध नज़र आई.
उच्चतम न्यायालय ने इस बार दीपावली पर पटाखे फोड़ने के लिए रात आठ से दस बजे तक की समयसीमा तय की थी. इसके बावजूद इन शहरों में जमकर आतिशबाज़ी हुई और रात दस बजे के बाद भी पटाखों की आवाज़ सुनी जाती रही.
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की तरह ही उत्तर प्रदेश की राजधानी में भी दीपावली के अगले दिन जब लोगों ने आंखें खोलीं तो चारों तरफ धुंध थी.
वातावरण में बढ़ गए प्रदूषण से होने वाले नुकसान पर रोशनी डालते हुए मशहूर छाती और श्वांस रोग विशेष डॉ. एसके कटियार ने गुरुवार को बताया कि पटाखों के धुएं से बुज़ुर्ग लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
उन्होंने बताया कि यह धुआं अस्थमा और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) से पीड़ित रोगियों के लिये काफी नुकसान देह है. विशेषकर दमा से पीड़ित बच्चों और बुजुर्ग लोगों को इससे काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
कोलकाता के कई हिस्सों में वायु गुणवत्ता अत्यंत ख़राब
कोलकाता के कुछ हिस्सों में दीपावली के एक दिन बाद गुरुवार को वायु गुणवत्ता अत्यंत ख़राब रही क्योंकि लोगों ने रात आठ से दस बजे तक पटाखे जलाने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया.
गुरुवार को शहर के उत्तरी हिस्से में बीटी रोड पर रवींद्र भारती स्वचालित वायु निगरानी केंद्र में पीएम 2.5 का स्तर 330 दर्ज किया गया. मध्य कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल निगरानी केंद्र में यह 373 रहा.
अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के वायु गुणवत्ता सूचकांक के अनुसार पीएम 2.5 का स्तर 211 एक्यूएल पर बहुत अस्वास्थ्यकर रहा. इस स्तर का तात्पर्य है कि हर व्यक्ति गंभीर स्वास्थ्य दुष्प्रभावों की चपेट में आ सकता है.
वैसे दूतावास के एक अधिकारी ने कहा कि दूतावास का सूचकांक केवल हो ची मिन्ह सरानी के आसपास के क्षेत्र की वायु गुणवत्ता पेश करता है और यह पूरे शहर का परिचायक नहीं है.
जब वायु प्रदूषण सूचकांक के बारे में पूछा गया तो पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष कल्याण रुद्र ने मंगलवार को काली पूजा और बुधवार को दीपावली के दिन वायु प्रदूषण में सुधार या गिरावट के बारे में कोई निष्कर्ष देने से इनकार कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘हम निगरानी केंद्र दीपावली के बाद एक हफ्ते तक स्थिति की निगरानी करेंगे और भविष्य में किसी स्थिति से निपटने की कार्ययोजना तैयार करेंगे जैसा कि उच्चतम न्ययालय के निर्देश में कहा गया है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)