नई दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय में सकारात्मकता बढ़ाने के साथ ही ताल-मेल बढ़ाने और स्वस्थ वातावरण के निर्माण के उद्देश्य से श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.
नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग की ओर से एक कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस आयोजन पर सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि सीबीआई में जल्द ही ज्योतिषी, तांत्रिक और सपेरे भी नज़र आएंगे.
मालूम हो कि सीबीआई में सकारात्मकता और ताल-मेल का संचार करने के उद्देश्य से श्रीश्री रविशंकर की संस्था की ओर से तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है.
जांच एजेंसी की ओर से जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, वर्कशॉप आयोजित करने का उद्देश्य सीबीआई में सकारात्मकता बढ़ाने के साथ ही विभाग में ताल-मेल बढ़ाना और स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना है.
इस आयोजन को लेकर एक ट्वीट में प्रशांत भूषण ने कहा है, ‘सीबीआई के निदेशक पद से आलोक वर्मा को हटाकर भ्रष्ट अधिकारी नागेश्वर राव को कार्यकारी निदेशक बना दिया गया. सीबीआई संगठन में सकारात्मकता और स्वस्थ वातावरण बनाने के लिए अब ‘डबल श्री’ की कार्यशाला आयोजित करा रही है. जल्द ही हम सीबीआई में तांत्रिक, ज्योतिषी और सपेरे भी देखेंगे.’
After removing Alok Verma as Dir CBI, and installing tainted officer Nageshwar Rao as acting Director, CBI organises a workshop by double Sri for "positivity & healthy atmosphere in CBI"! Soon we will see tantriks, astrologers & snake charmers in CBI! pic.twitter.com/td09wWuGc6
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) November 9, 2018
बीते शुक्रवार को सीबीआई द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ के अनुसार, आर्ट ऑफ लिविंग की कार्यशाला 10, 11 और 12 नवंबर को सीबीआई के नई दिल्ली स्थिति मुख्यालय में आयोजित की जाएगी. इस कार्यशाला में इंस्पेक्टर रैंक से लेकर सीबीआई के निदेशक पद तक के तकरीबन 150 अधिकारी शामिल होंगे.
मालूम हो कि सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच मचे घमासान के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने बीते 24 अक्टूबर को दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था. दोनों अधिकारियों ने एक-दूसरे के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में मीट कारोबारी मोईन क़ुरैशी को क्लीनचिट देने में कथित तौर पर घूस लेने के आरोप में सीबीआई ने बीते दिनों अपने ही विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई गई थी. अस्थाना पर आरोप है कि उन्होंने मोईन क़ुरैशी मामले में हैदराबाद के एक व्यापारी से दो बिचौलियों के ज़रिये पांच करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी.
जिसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर ही इस मामले में आरोपी को बचाने के लिए दो करोड़ रुपये की घूस लेने का आरोप लगाया. दोनों अफसरों के बीच मची रार सार्वजनिक हो गई तो केंद्र सरकार ने दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया. साथ ही अस्थाना के ख़िलाफ़ जांच कर रहे 13 सीबीआई अफसरों का भी तबादला कर दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने बीते 26 अक्टूबर को केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) से कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जज की निगरानी में वह निदेशक आलोक वर्मा के ख़िलाफ़ लगाए गए आरोपों की जांच दो हफ्ते में पूरी करे.