बीते 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए जनवरी में तारीख तय की जाएगी और मामले को उचित पीठ के पास भेजा जाएगा.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या जमीन विवाद मामले की जल्द सुनवाई के लिए दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही कहा है कि अयोध्या मामले की सुनवाई के लिए जनवरी में तारीख तय की जाएगी और मामले को उचित पीठ के पास भेजा जाएगा.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई और जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि कोर्ट ने पहले ही अपीलों को जनवरी में उचित पीठ के पास सूचीबद्ध कर दिया है.
अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से उपस्थित वकील बरूण कुमार के मामले पर शीघ्र सुनवाई करने के अनुरोध को खारिज करते हुए पीठ ने कहा, ‘हमने आदेश पहले ही दे दिया है. अपील पर जनवरी में सुनवाई होगी. अनुमति ठुकराई जाती है.’
उत्तर प्रदेश सरकार और रामलला की ओर से उपस्थित सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने लंबे समय से मामले के लंबित रहने का हवाला देते हुए अपीलों को शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया था.
Supreme Court has rejected plea seeking early hearing in Ayodhya title suit in connection with Ram Janmabhoomi Babri Masjid case. pic.twitter.com/JHRmEqtdU6
— ANI (@ANI) November 12, 2018
बीते 29 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर अपीलों को जनवरी, 2019 में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा.
भूमि विवाद मामले में ये अपील इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई है. उचित पीठ मामले में अपील पर सुनवाई की तारीख तय करेगी.
मुख्य न्यायाधीश ने कहा था, ‘हम जनवरी में उचित पीठ के सामने अयोध्या विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करेंगे.’
इससे पहले तीन न्यायाधीशों की एक पीठ ने 2:1 के बहुमत से 1994 के अपने फैसले में मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा ना मानने संबंधी टिप्पणी पर पुनर्विचार का मुद्दा पांच सदस्यीय संविधान पीठ के पास भेजने से इनकार कर दिया था.
अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई के दौरान यह मुद्दा उठा था.
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने तब कहा था कि दीवानी वाद पर साक्ष्यों के आधार पर फैसला किया जाएगा. पीठ ने यह भी कहा था कि इस मामले में पिछले फैसले की कोई प्रासंगिकता नहीं है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ कुल 14 अपीलें दायर हैं. हाईकोर्ट ने चार दीवानी मुकदमों पर अपने फैसले में 2.77 एकड़ जमीन को तीनों पक्षों—सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)