सुबह हुई हल्की बारिश पर वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली ने कहा कि यह वायु प्रदूषण को ओर बिगाड़ देती है. मामूली बारिश से हवा में बहुत ज़्यादा नमी पैदा होती है और हवा भारी होकर अधिक हानिकारक कणों को जकड़े रहती है.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार को धुंध की मोटी चादर छाई रहने के साथ-साथ, वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी रही. अधिकारियों ने चिंता जताई कि शहर में हल्की सी बारिश भी प्रदूषण के स्तर को और बिगाड़ देगी.
सुप्रीम कोर्ट की ओर गठित किए गए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण अधिकरण (ईपीसीए) द्वारा दिन के समय ही निर्माण कार्य करने के निर्देश के बावजूद प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के डेटा के मुताबिक, समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 403 दर्ज किया गया जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है.
वायु गुणवत्ता सूचकांक में शून्य से 50 अंक तक हवा की गुणवत्ता को ‘अच्छा’, 51 से 100 तक ‘संतोषजनक’, 101 से 200 तक ‘सामान्य’, 201 से 300 के स्तर को ‘ख़राब’, 301 से 400 के स्तर को ‘बहुत ख़राब’’ और 401 से 500 के स्तर को ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है.
दिल्ली के 17 इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ और 14 इलाकों में ‘बहुत ख़राब’ दर्ज की गई.
मंगलवार को दिल्ली की हवा में अतिसूक्ष्म कणों- पीएम 2.5 का स्तर 238 और पीएम 10 का स्तर 399 दर्ज किया गया.
केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूर्वानुमान प्रणाली (सफर) ने राजधानी में बादल छाए रहने और कुछ जगहों पर हल्की बारिश होने का अनुमान जताया है.
हालांकि सफर की एक रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस तरह की छिटपुट बारिश बाद में वायु प्रदूषण को ओर बिगाड़ देती है. बारिश व्यापक जगह में और देर तक होना ज़रूरी है ताकि प्रदूषण दूर हो. मामूली बारिश से हवा में बहुत ज़्यादा नमी पैदा होती है और हवा भारी होकर अधिक पार्टिकुलेट मैटर को जकड़े रहती है.’
ईपीसीए ने सोमवार को चेताया था कि अगर दिल्ली की वायु गुणवत्ता इसी तरह गिरती रही तो वह गैर सीएनजी चालित निजी तथा वाणिज्यिक वाहनों के उपयोग पर पूर्ण रोक लगा देगा.
ईपीसीए के अध्यक्ष भूरे लाल ने एक पत्र में कहा, ‘मौसम प्रतिकूल रहने और वायु गुणवत्ता के ‘बहुत ख़राब’ या ‘गंभीर’ श्रेणी में बने रहने की मौजूदा स्थिति कायम रहने की सूरत में सीएनजी से चलने वाले वाहनों को छोड़ कर, अन्य सभी निजी और व्यावसायिक वाहनों पर पूर्ण रोक लगाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता ताकि प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके.’
ईपीसीए ने स्पष्ट किया है कि ख़राब वायु गुणवत्ता को देखते हुए राष्ट्रीय राजधानी में नए ट्रकों को प्रवेश की अनुमति नहीं हैं. इसके अलावा सुबह 6:00 से शाम 6:00 बजे तक ही निर्माण कार्यों की अनुमति दी है.
दिल्ली में पिछले दो दिनों से वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में बनी हुई है. दीपावली के अगले दिन शहर में साल भर में प्रदूषण का सबसे ऊंचा स्तर दर्ज किया गया था जब एक्यूआई 642 पहुंच गया था.
कार्यबलों ने वॉट्सऐप पर की बैठक
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के नेतृत्व वाले 10 सदस्यीय कार्यबल ने बीते सोमवार को भारी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध हटाने का फैसला लिया.
सोमवार को वॉट्सऐप पर हुई बैठक में राष्ट्रीय राजधानी में भारी वाहनों के प्रवेश की समयावधि को भी बदलने की सिफारिश की. भारी वाहन अब सुबह छह बजे से शाम छह बजे के बीच चल सकेंगे.
वॉट्सऐप पर ही नौ नवंबर को भी कार्यबल की बैठक हुई थी जब निर्माण गतिविधियों और दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध को बढ़ाने समेत दूसरे अहम फैसले लिए गए थे.
दिल्ली में धुंध भरी सुबह, हल्की बारिश भी हुई
राष्ट्रीय राजधानी में मंगलवार की सुबह धुंध भरी रही और कुछ इलाकों में हल्की बारिश भी दर्ज की गई. मौसम विज्ञान विभाग ने यह जानकारी दी. दिल्ली-एनसीआर में न्यूनतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है.
मौसम विभाग ने मंगलवार को दिन भर शहर में बादल छाए रहने के साथ ही हल्की बारिश की संभावना भी जताई है. विभाग के अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी के मध्य और पूर्वी हिस्सों हल्की बारिश के साथ धुंध भी दर्ज की गई.
उन्होंने बताया कि हवा में आर्द्रता का स्तर 86 प्रतिशत दर्ज किया गया. सोमवार को अधिकतम और न्यूनतम तापमान क्रमश: 30.2 और 14.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)