नुकसान को बजाज के एमडी ने ‘मीटू’ मुहिम से जोड़ा, कहा- जीवन और कारोबार में ‘मीटू’ ठीक नहीं

बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने 100सीसी की डिस्कवर बाइक का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘हमने अलग विचार और यूएसपी के साथ नए उत्पाद की शुरुआत की थी लेकिन यह ‘मीटू’ उत्पाद में बदल गया. जीवन और कारोबार दोनों के लिए ‘मीटू’ अच्छा नहीं होता.’

बजाज आॅटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज. (फोटो साभार: ट्विटर/@rohan14291)

बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने 100सीसी की डिस्कवर बाइक का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘हमने अलग विचार और यूएसपी के साथ नए उत्पाद की शुरुआत की थी लेकिन यह ‘मीटू’ उत्पाद में बदल गया. जीवन और कारोबार दोनों के लिए ‘मीटू’ अच्छा नहीं होता.’

बजाज आॅटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज. (फोटो साभार: ट्विटर/@rohan14291)
बजाज आॅटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज. (फोटो साभार: ट्विटर/@rohan14291)

मुंबई: बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज ने 100 सीसी की डिस्कवर बाजार में उतारने को अपने करिअर की ‘सबसे बड़ी चूक’ करार दिया. साथ ही 100 सीसी की डिस्कवर के कारण कंपनी को हुए नुकसान से मीटू आंदोलन से जोड़ डाला.

पिछले कुछ महीनों में #मीटू अभियान के तहत अलग-अलग क्षेत्रों की महिलाओं ने अपने साथ हुए उत्पीड़न और शोषण पर मुखर होकर अपना अनुभव सोशल मीडिया पर साझा किया है. इन महिलाओं ने जब अपनी आपबीती सार्वजनिक की तो बड़े-बड़े पदों पर बैठे तमाम आरोपियों को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर होना पड़ा और तमाम लोगों को उनके संस्थानों ने निष्कासित भी किया. 

सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इसे आरोपियों के करिअर के लिए ‘नुकसान’ के तौर पर देखा और महिलाओं को ही इसके लिए ज़िम्मेदार ठहराया. अब कुछ लोग कथित ‘नुकसान’ की तुलना मीटू अभियान से कर रहे हैं. इस मामले में ताज़ा नाम बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव बजाज का जुड़ा है.

राजीव बजाज ने 100 सीसी की डिस्कवर बाइक का ज़िक्र करते हुए कहा, ‘हमने अलग विचार एवं यूएसपी के साथ नए तरह के उत्पाद के साथ शुरुआत की थी लेकिन यह ‘मीटू’ उत्पाद में बदल गया. जीवन और विपणन दोनों के लिए ‘मीटू’ अच्छा नहीं होता.’

उन्होंने कहा कि इस मोटरसाइकिल की विफलता के कारण कंपनी देश में दूसरे स्थान पर लुढ़क गई.

राजीव बजाज ने कहा कि डिस्कवर जब 125सीसी के संस्करण में पेश की थी तो यह एक अलग तरह की मोटरसाइकिल थी. तब डिस्कवर माइलेज और ताकत दोनों का मिश्रण थी और यही कारण है कि उसकी बिक्री जोरदार थी.

उन्होंने कहा, ‘एक तरह का लालच पैदा हो गया था. हमारे विपणन के लोगों ने कहा अगर 125 सीसी की डिस्कवर इतनी बिक रही है तो 100 सीसी की कितनी बिकेगी. हमने इस विचार पर काम किया और 100 सीसी की डिस्कवर लेकर आए. हमने अपना स्थान खो दिया और पांच साल बाद हमारा प्रदर्शन भी खराब हो गया.’

बजाज ने कहा, ‘हमने अलग विचार एवं यूएसपी के साथ नए तरह के उत्पाद के साथ शुरुआत की थी लेकिन यह ‘मीटू’ उत्पाद में बदल गया. जीवन और मार्केटिंग दोनों के लिए ‘मीटू’ अच्छा नहीं होता.

हालांकि वह रेसिंग मोटरसाइकिल बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई कंपनी केटीएम की संभावनाओं के लेकर आशावान नजर आए. कंपनी ने 2007 में केटीएम में निवेश किया था.

उन्होंने कहा कि बजाज ऑटो अगले साल ई-वाहन बाजार में उतरने की योजना बना रही है. हालांकि उन्होंने सस्ते ई-वाहन बाजार में उतारे जाने को लेकर उद्योग पर चुटकी लेते हुए कहा कि वे इस तरह के वाहनों के साथ सौतेला व्यवहार कर रहे हैं.

बजाज ने कहा, ‘हम दोपहिया या तिपहिया टेस्ला लाकर सुर्खियों में आ सकते थे… हम प्रयास करेंगे एवं 2019 में ऐसा करेंगे.’

मालूम हो कि इससे पहले केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी इसी तरह मीटू आंदोलन का मखौल बनाया था. नवभारत टाइम्स कि ख़बर के अनुसार तेलंगाना के हैदराबाद में बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों की चुटकी लेते हुए कहा था, ‘कांग्रेस के पास देशहित का कोई एजेंडा नहीं है. सिवाय मोदी रोको, मोदी रोको ही बोलते रहते हैं. कांग्रेस के साथ जाने वाले सभी विपक्षी दल सुन लें, जब-जब कांग्रेस के साथ जिस किसी भी पार्टी ने गठबंधन किया है, उसको मिटने से दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाई है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘बाद में कहीं ऐसे हालात न हो जाएं, सारी विपक्षी पार्टियां गठबंधन कर लें और बाद में जब कांग्रेस से धोखा खा जाएं तो #मीटू कैंपेन चलाने के लिए मजबूर हो जाए.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)