सबसे ज़्यादा 81 प्रतिशत मतदान सेरछिप सीट पर होने की ख़बर है. इस सीट पर मुख्यमंत्री लाल थानहावला चुनाव लड़ रहे हैं. त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे ब्रू समुदाय के लोगों ने भी किया मतदान.
नई दिल्ली/आइजोल: मिज़ोरम विधानसभा चुनाव में बुधवार को 75 फीसदी मतदाताओं ने वोट दिया. चुनाव उपायुक्त सुदीप जैन ने नई दिल्ली में इस बाबत जानकारी दी. प्रदेश की सभी 40 सीटों के लिये मतदान कराया गया.
उधर, राजधानी आइज़ोल में मुख्य चुनाव अधिकारी आशीष कुंद्रा ने संवाददाताओं से कहा कि सबसे ज़्यादा 81 प्रतिशत मतदान सेरछिप सीट पर होने की ख़बर है. इस सीट पर मुख्यमंत्री लाल थानहावला चुनाव लड़ रहे हैं.
त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे ब्रू समुदाय के लोगों ने मामित ज़िले के कान्हमुन गांव में मतदान किया. यहां मतदान के लिए 15 अस्थायी केंद्र बनाए गए थे. इन केंद्रों पर 52 प्रतिशत मतदान होने की ख़बर है.
चुनाव से क़रीब दो सप्ताह पहले एसबी शशांक की जगह कार्यभार संभालने वाले कुंद्रा ने कहा, ‘मैं मिज़ो लोगों को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनावों के लिए बधाई देता हूं. म़िजो सिविल सोसाइटी, खासतौर पर यंग मिज़ो एसोसिएशन को मेरा विशेष आभार. उन्होंने हरसंभव तरीके से चुनाव अधिकारियों की मदद की.’
कुंद्रा ने बताया कि कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम में ख़राबी के कारण मतदान प्रक्रिया में देरी ज़रूर हुई.
उन्होंने कहा कि विभिन्न मतदान केन्द्रों पर 42 वीवीपीएटी, 25 बैलट यूनिट और 19 नियंत्रण इकाइयों को बदला गया है.
पूर्वोत्तर राज्य में सभी 40 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ. राज्य में कुल 7,70,395 मतदाता हैं जिनमें 3,94,897 महिला मतदाता हैं. चुनावी मुक़ाबले में 209 प्रत्याशी मैदान में है जिनमें से 15 महिलाएं हैं.
कुल 1,179 मतदान केंद्रों में से 47 ‘संवेदनशील’ हैं और इतने ही ‘अति संवेदनशील’ श्रेणी में रखे गए थे.
मुख्यमंत्री ललथनहवला दो सीटों सेरछिप और चंपई साउथ से चुनाव लड़ रहे हैं.
राज्य में जहां एक ओर मुख्यमंत्री ललथनहवला तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में जुटे हैं वहीं भाजपा की कोशिश पूर्वोत्तर में कांग्रेस को उसके आखिरी गढ़ से उखाड़ फेंकने की है. वर्ष 2013 में भाजपा यहां खाता भी नहीं खोल पाई थी.
सत्तारूढ़ कांग्रेस और मुख्य विपक्षी एमएनएफ ने सभी 40 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं जबकि भाजपा ने 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं.
चुनाव कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस बल के साथ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 40 कंपनियां तैनात की गई थीं.
प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केंद्र केवल महिलाओं के लिए बनाया गया था, जहां महिलाकर्मियों को ही तैनात किया गया है. इन मतदान केंद्रों का नाम ‘डिंगडी’ (जो कि एक फूल है) रखा गया था.
चुनाव के मद्देनज़र पड़ोसी देश म्यांमार तथा बांग्लादेश और पड़ोसी राज्य त्रिपुरा, असम तथा मणिपुर से लगने वाली सीमाओं को रविवार से सील कर दिया गया है.
मिजोरम में तीन निर्वाचन अधिकारी नशे में पाए गए, ड्यूटी से हटाए
मिजोरम के लुंगलेई ज़िले में दो पीठासीन अधिकारियों समेत तीन निर्वाचन अधिकारी कथित तौर पर नशे की हालत में अन्य अधिकारियों से मारपीट की कोशिश करते हुए पाए गए जिसके बाद उन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि तीन व्यक्तियों को तत्काल प्रभाव से चुनाव ड्यूटी से हटा दिया गया है और संबंधित अधिकारियों को उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू करने के लिए कहा गया है.
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं उनमें गवर्नमेंट जे. बुआना कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर जेम्स आरटी खुमा भी शामिल हैं. खुमा लुंगलेई विधानसभा सीट में मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी हैं.
लुंगलेई की उपायुक्त सह जिला निर्वाचन अधिकारी अंकिता चक्रवर्ती ने एक आदेश में कहा, ‘वह डीसी कार्यालय के परिसर में नशे की हालत में पाए गए. वह अभद्र व्यवहार कर रहे थे और अन्य लोगों की मौजूदगी में एक वरिष्ठ अधिकारी से शारीरिक तौर पर मारपीट की कोशिश कर रहे थे.’
उन्होंने गवर्नमेंट जे. बुआना कॉलेज के प्रिंसिपल को गंभीर दुर्व्यवहार के मामले पर विचार करते हुए खुमा के ख़िलाफ़ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया.
थोरंग सीट में सचान मतदान केंद्र के पीठासीन अधिकारी, पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता (राजमार्ग) लालरामलुना शराब पीने के बाद सैकुटी हॉल में चुनाव सामग्री एकत्रित करने आए थे.
चक्रवर्ती ने कहा, ‘चुनाव के दिन यह आधिकारिक ड्यूटी के गंभीर उल्लंघन का मामला है.’ उन्होंने पीडब्ल्यूडी के लुंगलेई के अधीक्षक अभियंता से अधिकारी के ख़िलाफ़ विभागीय कार्रवाई शुरू करने के लिए कहा.
वेस्ट तुईपुई निर्वाचन क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर तीसरे निर्वाचन अधिकारी एस. लालरिंगथंगा भी ड्यूटी पर नशे की हालत में पाए गए. वह रुआलालउंग के सरकारी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर हैं.
चक्रवर्ती ने लुंगलेई साउथ के उप मंडलीय शिक्षा अधिकारी को दिए आदेश में कहा, ‘यह चुनावी ड्यूटी का उल्लंघन और गंभीर दुर्व्यवहार है. आपको तुरंत प्रभाव से उन्हें निलंबित करने का निर्देश दिया जाता है.’
108 साल के बुजुर्ग ने किया मतदान
मिज़ोरम विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने वाले 108 वर्षीय रोचिंगा सबसे बुज़ुर्ग मतदाता थे. 40 सदस्यीय विधानसभा का चुनाव बुधवार को शांतिपूर्ण सम्पन्न हो गया.
राज्य विधानसभा चुनाव में 96, 104 और 106 वर्ष की आयु वाले बुज़ुर्गों ने भी मतदान किया.
रोचिंगा, प्रेसबाइटेरियन गिरजाघर के सबसे बुज़ुर्ग सदस्य हैं और आइजोल पूर्वी-I विधानसभा क्षेत्र के रहने वाले हैं. वह अपने एक पड़ोसी के साथ लाठी टेकते हुए मतदान केंद्र पहुंचे थे.
रोचिंगा ने कहा, ‘मैं कभी चुनाव में मतदान करना नहीं भूलता. यह हमारा कर्तव्य है. अगर हम अपने कर्तव्य को पूरा करने में नाकाम रहते हैं तो फिर अगर सरकार भी अपना कर्तव्य नहीं निभाएगी तो हम कैसे सवाल उठा सकते हैं?’
उनके पड़ोसी ने कहा कि रोचिंगा की राजनीतिक गतिविधियों में बहुत रुचि रही है.
106 वर्षीय दर्रोहनुनी ने मिज़ोरम-त्रिपुरा सीमा से सटे हाछेक सीट के अंतर्गत कवर्थाह मतदान केन्द्र-III में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. वह दूसरे सबसे उम्रदराज़ मतदाता हैं.
गर्म कपड़े पहने दर्रोहनुनी अपनी पोती के साथ व्हीलचेयर पर आए थे.
लुंगलेई चानमारी की रहने वाली 104 वर्षीय एईजिकी ने भी मिज़ोरम में अगली सरकार के चयन के लिये मतदान किया.
एईजिकी भी लाठी के सहारे आयी थीं.
सुदूर दक्षिण मिजोरम के सियाहा सीट पर 96 वर्षीय नुछुंगी और सरछिप छिम वेंग मतदान केन्द्र पर दरलियांजिंगी (90) ने बुधवार अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.