महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने सिंचाई प्रोजेक्ट के क़र्ज़ के लिए मंदिर ट्रस्ट से संपर्क किया था, जिसके बाद ट्रस्ट के अध्यक्ष और भाजपा नेता सुरेश हवारे ने बिना किसी ब्याज और समय सीमा के यह क़र्ज़ देने का फ़ैसला लिया.
मुंबई: महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में शिरडी में साईं बाबा की समाधि का प्रबंधन करने वाली संस्था श्री साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट एक बांध से नहरों का नेटवर्क बनाने के लिए 500 करोड़ रुपये का क़र्ज़ प्रदान करेगी, लेकिन इस पर न ही कोई ब्याज लिया जायेगा, न ही ट्रस्ट द्वारा इसे चुकाने के लिए समय सीमा तय की गयी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार महाराष्ट्र की भाजपा सरकार ने सिंचाई प्रोजेक्ट के लिए कर्ज़ देने के लिए ट्रस्ट से संपर्क किया था, जिसके बाद ट्रस्ट के अध्यक्ष और भाजपा नेता सुरेश हवारे ने यह फैसला लिया.
इससे पहले कभी भी किसी राज्य सरकार द्वारा संचालित कॉर्पोरेशन द्वारा बिना ब्याज के इतनी बड़ी राशि बतौर कर्ज नहीं दी गयी है.
1 फरवरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में इस कर्ज के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी और बीते शनिवार इस कर्ज को दो किश्तों में देने का आदेश दिया गया.
ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए कहा, ‘साईंबाबा मंदिर ट्रस्ट ने राज्य सरकार के गोदावरी-मराठवाड़ा सिंचाई विकास निगम के साथ इस संबंध में सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं. मंदिर ट्रस्ट के इतिहास में यह एक अनोखा मामला होगा.’
इस अधिकारी ने यह भी बताया कि यह प्रोजेक्ट लंबे समय से लंबित है. 1,200 करोड़ रुपये की कुल लागत वाले इस प्रोजेक्ट के लिए ट्रस्ट 500 करोड़ रुपये देगी. जल संसाधन विभाग ने चालू वर्ष में 300 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया है, जबकि अगले वर्ष के बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान करने का प्रस्ताव रखा गया है.
उन्होंने यह भी बताया कि दायीं और बायीं नहर का काम दो साल में पूरा होने की उम्मीद है. हालांकि उन्होंने इसके भुगतान का विवरण देने से इनकार कर दिया.
प्रवरा नदी पर निलवंडे बांध बना है, और इससे नासिक में सिन्नर और अहमदनगर जिले में संगमनेर, अकोले, रहाता, राहुरी और कोपरगांव तहसील के 182 गांवों के लाभान्वित होने की उम्मीद है.
प्रदेश के जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि निलवंडे बांध पानी का संग्रह कर रहा है लेकिन दायीं और बाईं तरफ नहरों के निर्माण की जरूरत है जिससे इसका उपयोग सिंचाई और पीने के पानी के लिए किया जा सके.
ट्रस्ट के इस अधिकारी के मुताबिक शिरडी मंदिर में रोजाना 70 हज़ार श्रद्धालु आते हैं और त्योहारों के समय यह संख्या 3.5 लाख को पार कर जाती है. लेकिन इस मुताबिक इलाके में पानी की भीषण कमी है.
उन्होंने बताया, ‘हमारा प्रस्ताव है कि अहमदनगर जिले में आने वाली सभी तहसीलों की मांग पूरी हो सके. एक बार यह प्रोजेक्ट पूरा हो गया तो अकोले, संगमनेर, राहुरी, कोपरगांव और शिरडी को इससे लाभ मिलेगा।
इस अधिकारी ने बताया कि मंदिर ट्रस्ट लगातार सामाजिक कार्य के लिए धन प्रदान करता है लेकिन निलवंडे बांध के लिए ‘बड़ी’ धनराशि प्रदान की गयी है और यह एक अलग तरह का कार्य है.
इससे पहले इस साल जून में निलवंडे बांध को प्रधानमंत्री कृषि संजीवनी योजना के तहत 2,232 करोड़ रुपये मिले थे.
इससे पहले शिरडी के इस मंदिर ट्रस्ट द्वारा वहां 350 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे हवाई अड्डे के निर्माण के लिए महाराष्ट्र एयरपोर्ट डेवलपमेंट कंपनी को 50 करोड़ रुपये दिए थे. काकड़ी गांव में बना यह हवाई अड्डा अब शुरू हो चुका है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)