गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर पथराव करने के साथ बुलंदशहर के चिंगरावठी पुलिस चौकी और पुलिस के कई वाहनों में आग लगा दी. मामले की एसआईटी जांच के आदेश. इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात लोग नामज़द हैं.
मेरठ: उत्तर प्रदेश के मेरठ मंडल से जुड़े बुलंदशहर जनपद में सोमवार को कथित तौर पर गोकशी के बाद मचे बवाल में गुस्साई भीड़ ने स्याना थाने के इंस्पेक्टर की पत्थर या किसी भारी वस्तु मार कर हत्या कर दी. वहीं गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई है.
बुलंदशहर में हुई घटना में पांच पुलिस कर्मी तथा करीब आधा दर्जन आम लोगों को भी मामूली चोटें आई है. भीड़ की हिंसा में कई गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया गया है तथा तीन कारों को आग लगा दी गई. बताया जा रहा है कि इस हिंसा में तीन गांव के करीब 400 लोग शामिल है.
गोकशी की ख़बर से गुस्साई भीड़ ने इस दौरान पुलिस पर पथराव करते हुए उसके कई वाहनों और चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी. मामले की सूचना मिलने के बाद कई थानों की पुलिस और आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए और हालात को काबू में करने के प्रयास किए जा रहे हैं.
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इस मामले की जांच एडीजी इंटेलीजेंस को सौंपी है जो 48 घंटे के अंदर रिपोर्ट देंगे इसके साथ ही मेरठ रेंज के महानिरीक्षक की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया है.
मेरठ मंडल आयुक्त अनीता सी. मेश्राम ने इस मामले में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की मौत की पुष्टि की है.
One police inspector dead during a clash with people protesting against illegal slaughterhouses in Bulandshahr pic.twitter.com/Ugts7FDtsI
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 3, 2018
उधर, लखनऊ में सोमवार शाम एडीजी कानून व्यवस्था आनंद कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि बुलंदशहर में हुई हिंसा के दौरान पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत इलाज के दौरान हुई. संभवत: उन्हें कोई पत्थर या भारी वस्तु लगी थी. कथित गोकशी की घटना के बाद पथराव में एक थाना इंचार्ज और एक अन्य की मौत के मामले की जांच एडीजी इंटलीजेंस करेंगे और 48 घंटे के अंदर अपनी गोपनीय रिपोर्ट सौंपेंगे.
उन्होंने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक मेरठ की अध्यक्षता में एक एसआईटी का भी गठन किया गया है जिसमें तीन से चार अधिकारी शामिल होंगे जो पूरी घटना की गहनता से जांच कर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेंगे.
एडीजी आनंद ने बताया कि ज़िलाधिकारी बुलंदशहर ने इस घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दे दिए है. अभी इस संबंध में एक मामला गोकशी का दर्ज किया गया है जिसमें सात नामज़द हैं लेकिन अभी सुरक्षा की दृष्टि से इन लोगों के नाम नहीं बताए जा सकते हैं.
उन्होंने बताया कि उपद्रव के दौरान सुमित नाम के एक युवक की भी मौत इलाज के दौरान मेरठ के अस्पताल में हो गयी है. उसे गोली लगी थी. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किसकी गोली से हुई है.
एडीजी के मुताबिक कथित गोकशी की घटना के बाद एफआईआर लिख ली गई थी लेकिन भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया था. इसी जाम को हटाने के दौरान भीड़ उग्र हो गई और दोपहर 12 से डेढ़ बजे के बीच पथराव और हिंसा हुई.
उन्होंने कहा कि ज़िले में पांच कंपनी आरएएफ तथा छह कंपनी पीएसी पहले से ही तैनात थी और पुलिस बल भेजा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय के इज़्तेमा में शामिल लोग वहां हैं जिन्हें पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में वहां से निकाला जा रहा है. नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, बुलंदशहर में बीते शनिवार को तबलीगी इज़्तेमा शुरू हुआ है. तीन दिन तक चलने वाले इस धार्मिक आयोजन में शिरकत करने के लिए देश-विदेश से मुसलमान बुलंदशहर पहुंचे हुए हैं.
बुलंदशहर सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, थाना कोतवाली क्षेत्र के गांव महाव के जंगल में रविवार की रात अज्ञात लोगों ने कथित तौर पर करीब 25-30 गोवंश काट डाले थे. यह सूचना मिलने पर लोगों में आक्रोश फैल गया. गुस्साए लोग घटनास्थल पर पहुंचे और कथित तौर पर काटे गए गोवंश के गोवंश अवशेषों को ट्रैक्टर-ट्रॉली में भरकर सोमवार सुबह चिंगरावठी पुलिस चौकी पर पहुंचे.
गुस्साई भीड़ ने बुलंदशहर-गढ़ स्टेट हाईवे पर ट्रैक्टर ट्रॉली लगाकर रास्ता जाम कर दिया और पुलिस प्रशासन के ख़िलाफ़ जोरदार नारेबाज़ी शुरू कर दी. सूचना मिलने पर एसडीएम अविनाश कुमार मौर्य और सीओ एसपी शर्मा पहुंचे.
इसके बाद लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने पुलिस पर पथराव करना शुरू कर दिया. बेकाबू भीड़ ने पुलिस के कई वाहन फूंक दिए. साथ ही चिंगरावठी पुलिस चौकी में आग लगा दी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)