परिवार ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के समान ही युवक का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से करने, 50 लाख रुपये का मुआवज़ा, माता-पिता को पेंशन और भाई को नौकरी देने की भी मांग की है.
बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के स्याना गांव में कथित गोकशी के बाद हुई हिंसा में मारे गए युवक के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये का मुआवज़ा, माता-पिता को पेंशन और मृतक के भाई को पुलिस में नौकरी का आश्वासन देने तक उसका (मृतक का) अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है.
मृतक सुमित कुमार के पिता अमरजीत ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के समान ही अपने बेटे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किए जाने की भी मांग की है.
बता दें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी की अफवाह के बाद मचे बवाल में गुस्साई भीड़ ने स्याना थाने पर हमला किया, जिसमें उपद्रव के दौरान चली गोली से इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की मौत हो गयी.
सुमित (20) का शव कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे चिंगरावठी स्थित उसके घर पर लाया गया. बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह और स्थानीय विधायक देवेंद्र लोधी भी मौके पर मौजूद थे.
पुलिस ने बताया कि हिंसा में गोली लगने से घायल हुए सुमित को मेरठ के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पिता अमरजीत कुमार ने पत्रकारों से कहा, ‘हम प्रदर्शन कर रहे हैं. हम तब-तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे, जब-तक सरकार 50 लाख रुपये का मुआवजा, पेंशन और सुमित के बड़े भाई विनीत को पुलिस में नौकरी देने का लिखित आश्वासन नहीं दे देती.’
वहीं विनीत ने आरोप लगाया कि पोस्टमॉर्टम में देरी के कारण शव को घर लाने में देरी हुई.
उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए कोई प्रबंध नहीं किए गए थे. पोस्टमॉर्टम के लिए, हमें सोमवार से शाम से लेकर आज तक इंतजार करना पड़ा. हम मंगलवार करीब एक बजे के बाद मेरठ से घर के लिए निकल पाए.’
इस घटना में पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार सिंह की हत्या के लिए बजरंग दल के नेता योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया है. मामले में अब तक पांच लोगों को अब तक गिरफ़्तार किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)