बीते सोमवार को बुलंदशहर के स्याना गांव में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा के दौरान गोली लगने से सुमित की मौत हो गई थी. इसके अलावा एक पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार की भी मौत हो गई थी.
बुलंदशहर: भविष्य में पुलिसकर्मी बनने का सपना देख रहा सुमित 20 दिन पहले ही खेती बाड़ी में अपने पिता की मदद करने के लिए यहां आया था लेकिन बुलंदशहर में भीड़ द्वारा की गई हिंसा में वह फंस गया और उसकी जान चली गई. सुमित के रिश्ते के एक भाई ने यह बात कही. 20 वर्षीय सुमित पुलिस बनने की राह पर अग्रसर था और वह इसके लिए घर से दूर एक कोचिंग क्लास भी करता था और प्रशिक्षण भी ले रहा था.
गौरतलब है कि सोमवार को बुलंदशहर के स्याना में गोकशी की अफवाह के बाद फैली हिंसा के दौरान गोली लगने से सुमित की मौत हो गई थी. इसके अलावा एक पुलिस अधिकारी सुबोध कुमार की भी मौत हो गई थी. मंगलवार को दोपहर में सुमित के अंतिम संस्कार से पहले उसके शव को पकड़कर रोती उसकी मां कह रही थी, ‘वह पुलिस अधिकारी बनता.’
सुमित के 23 वर्षीय भाई अनुज कुमार ने बताया कि 12वीं के बाद उसने बीकॉम की पढ़ाई शुरू की थी लेकिन एक साल बाद उसने इसे छोड़ दिया. इसके बाद वह बीए (प्राइवेट) करने लगा और बुलंदशहर में लाखोटी के एक कॉलेज से दो साल की पढ़ाई भी पूरी कर ली थी.
कुमार ने कहा, ‘वह दिल्ली पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस में आवेदन करता था. वह पुलिस विभाग में भर्ती होने को लेकर आश्वस्त था और हर सुबह दौड़ने के लिए जाता था. उसने कुछ समय के लिए जिम भी ज्वाइन किया था.’ सोमवार को हिंसा के दिन सुमित का एक दोस्त निकट के गांव बरौली से अपनी शादी का कार्ड देने आया था और जाते हुए उसने सुमित को बस स्टैंड तक छोड़ने के लिए कहा. यह बस स्टैंड चिंगरावती गांव के नजदीक मुख्य सड़क पर है.
वह लोग जब चिंगरावती पुलिस चौकी के नजदीक थे तो वहां हिंसा भड़क उठी, यह स्थान पुलिस थाने के पास है लेकिन सुमित को इस हिंसा की भयावहता के बारे में पता नहीं था.
अनुज ने कहा, ‘यह दो घंटे तक चलता रहा और उसने सोचा कि यह खत्म हो जाएगा. छोटी लड़ाइयां आम तौर पर होती रहती हैं और लोग पुलिस चौकी के बाहर जुटते हैं लेकिन कुछ ऐसा हो जाएगा, इसकी कल्पना भी नहीं थी.’
बता दें कि सुमित के परिवार ने सरकार से 50 लाख रुपये का मुआवज़ा, माता-पिता को पेंशन और मृतक के भाई को पुलिस में नौकरी का आश्वासन देने तक उसका (मृतक का) अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया है.
मृतक सुमित कुमार के पिता अमरजीत ने हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के समान ही अपने बेटे का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान से किए जाने की भी मांग की है.
सुमित (20) का शव कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार को दोपहर करीब ढाई बजे चिंगरावठी स्थित उसके घर पर लाया गया. बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह और स्थानीय विधायक देवेंद्र लोधी भी मौके पर मौजूद थे.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)