राजस्थान में मतदान के दौरान कई जगहों पर ईवीएम ख़राब होने की सूचना. ईवीएम ख़राब होने के चलते केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को साढ़े तीन घंटे तक मतदान के लिए इंतज़ार करना पड़ा.
जयपुर: राजस्थान में विधानसभा की 199 सीटों के लिए शुक्रवार को हुए मतदान में लगभग 73.62 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. दो-तीन छोटी-मोटी घटनाओं को छोड़कर प्रदेश में मतदान पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा.
मतदान का अंतिम आंकड़ा देर रात तक ही आ पाएगा क्योंकि डाक मतों व सेवा मतों को अभी इसमें जोड़ा जाना बाकी है. इसके साथ ही कुछ मतदान केंद्रों में मतदान देर शाम तक जारी था.
राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी आनंद कुमार ने जयपुर में संवाददाताओं को बताया कि नियमों के अनुसार पांच बजे तक मतदान केंद्र में मतदाताओं की कतार में लगने वाले लोग मतदान कर सकते हैं इसलिए कई जगह मतदान की प्रक्रिया अभी चल रही है.
उन्होंने कहा कि डाक मतों व सर्विस मतों को इसमें जोड़ा जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि शाम सात बजे तक 72.62% मतदान हो चुका था.
उन्होंने बताया कि राज्य की पोकरण विधानसभा सीट पर सबसे अधिक 87.07 प्रतिशत व सुमेरपुर विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 59.97 प्रतिशत मतदान हुआ है.
कुमार ने हालांकि 2013 के पिछले चुनाव की तुलना में मतदान प्रतिशत कम रहने पर निराशा जताई. 2013 में कुल मिलाकर 75.23% मतदान हुआ था.
कुमार ने कहा कि लोगों को जागरूक करने के अभियान तथा अन्य गतिविधियों के चलते मतदान अधिक रहने की उम्मीद थी.
वहीं विशिष्ट पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एनआरके रेड्डी ने बताया कि दो-तीन छोटी घटनाओं को छोड़कर राज्य भर में मतदान शांतिपूर्ण रहा. इन घटनाओं के कारण मतदान की प्रक्रिया बाधित नहीं हुई.
उन्होंने बताया कि बीकानेर के कोलायत तथा सीकर में दो गुटों में झड़प हुई. वहीं अलवर के शाहजहांपुर के एक गांव में कुछ लोगों ने मतदान केंद्र में घुसने की कोशिश की. वहां अर्धसैनिक बलों को हालात पर काबू पाने के लिए हवा में गोली चलानी पड़ी. इस घटना के कारण मतदान बाधित हुआ.
बीकानेर के कोलायत में एक मतदान केंद्र के बाहर दो गुट आपस में उलझ गए. एक वाहन फूंक दिया गया. सीकर में भी ऐसी झड़प हुई लेकिन मतदान अप्रभावित रहा.
कुमार ने बताया कि कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम व वीवीपैड मशीनों को बदलना पड़ा हालांकि यह संख्या बहुत मामूली रही.
कई जगहों पर ईवीएम ख़राब होने की सूचना
कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम के काम नहीं करने की खबरें भी आई हैं. दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, ईवीएम में खराबी के कारण केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को साढ़े तीन घंटे तक कतार में खड़ा रहना पड़ा.
रिपोर्ट के अनुसार, मेघवाल सुबह आठ बजे मतदान करने पहुंचे, लेकिन ईवीएम में ख़राबी के चलते 11:30 बजे अपना वोट डाल पाए. अर्जुन मेघवाल सुबह आठ बजे बीकानेर पूर्व के बूथ नंबर 172 पर मतदान के लिए पहुंचे और लाइन में लग गए.
इसके अलावा वसुंधरा राजे सरकार में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री कालीचरण सराफ को भी करीब 25 मिनट तक मतदान केंद्र के बाहर कतार में खड़ा रहना पड़ा.
दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, सराफ जैसे ही मतदान केंद्र पर पहुंचे तो उन्हें जानकारी मिली कि ईवीएम ख़राब हो गई. इस कारण वे कतार में लग गए और लोगों से बातचीत करने लगे. दौसा, सीकर, उदयपुर सहित कई जिलों में ईवीएम ख़राब होने के कारण कुछ देर के लिए मतदान बाधित हुआ.
मालूम हो कि राज्य में कुल मिलाकर 4,74,37,761 मतदाता हैं. इनमें 2,47,22,365 पुरुष व 2,27,15,396 महिला मतदाता हैं. इनमें से पहली बार मतदान कर रहे युवा मतदाताओं की संख्या 20,20,156 हैं.
राज्य में स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सुरक्षा चाक-चौबंद है. राज्य की पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व गुजरात से लगती सीमाओं पर कड़ी नाकेबंदी है.
मतदान निष्पक्ष व शांतिपूर्ण ढंग से कराने का ज़िम्मा 1,44,941 जवानों पर होगा जिनमें केंद्रीय सुरक्षा बलों की 640 कंपनियां तैनात थे. राज्य में कुल 387 नाके और चेक पोस्ट बनाए गए थे.
राजस्थान में अपने राजनीतिक भाग्य को आजमाने उतरे कुछ प्रमुख चेहरों में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे झालरापाटन से, कांग्रेस पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सचिन पायलट टोंक से व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरदारपुरा से चुनाव मैदान में हैं.
राज्य की रामगढ़ विधानसभा सीट से बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी लक्ष्मण सिंह का निधन होने के कारण वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)