छत्तीसगढ़ के बेमेतरा ज़िले में हुई एक अन्य घटना में ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर कथित तौर पर लैपटॉप के साथ मिला बीएसएफ जवान ड्यूटी से हटाया गया. कांग्रेस ने ईवीएम स्टॉन्ग रूम की सुरक्षा बढ़ाए जाने को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल की.
रायपुर: मध्य प्रदेश के बाद छत्तीसगढ़ में भी ईवीएम की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं. मीडिया में आई ख़बरों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में पुलिस ने दो लोगों को संदिग्ध परिस्थितियों में एक ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के पास से लैपटॉप के साथ पकड़ा है.
जगदलपुर में बीते गुरुवार को दो लोगों को स्ट्रॉन्ग रूम के पास से पकड़ा गया. समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में पुलिस ने बताया कि दोनों कर्मचारियों ने जियो कंपनी में नौकरी करने की बात कहीं है. पुलिस ने बताया कि जांच के बाद ही इस मामले में ठीक से कुछ बताया जा सकता है.
Chhattisgarh: 2 persons detained in possession of laptops from a strong room in Jagdalpur y'day. Police say, "they're saying they're employed with Jio. It's being investigated if they've IDs. It's not possible to enter strong room without IDs.We can say anything only after probe" pic.twitter.com/oZWHNkk5rV
— ANI (@ANI) December 6, 2018
वहीं वेबदुनिया वेबसाइट ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस द्वारा तीन लोगों के पकड़े जाने की बात कहीं है. वेबसाइट ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया है कि पकड़े गए लोगों के नाम- सूरज मंडावी, उमापति तिवारी और विजय है. तीनों युवकों ने ख़ुद को भोपाल निवासी और जियो टॉवर में काम करने वाला बताया.
एबीपी न्यूज़ के अनुसार, इस मामले में कलेक्टर के निर्देश पर दो पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं पकड़े गए दोनों युवकों से पुलिस पूछताछ कर रही है.
एबीपी की रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि जगदलपुर कलेक्टर की तरफ से जानकारी दी गई है कि महिला पॉलीटेक्निक परिसर धर्मपुरा में पहली मंजिल पर स्थित स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के तीन स्तर हैं. परिसर की कुछ दूरी पर स्थित रिलायंस टावर के मेंटेनेंस के लिए दो कर्मचारी मौजूद थे. ईवीएम में किसी तरह से छेड़छाड़ नहीं हुई है.
इस घटना के इतर छत्तीसगढ़ के बेमेतरा में एक बीएसएफ जवान को कथित तौर पर स्ट्रॉन्ग रूम परिसर में लैपटॉप के संग पाया गया. इसके बाद उन्हें ड्यूटी से हटा दिया गया है.
इस संबंध में बेमेतरा कलेक्टर महादेव कावरे ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि मंगलवार को कांग्रेस नेताओं ने बीएसएफ जवान विक्रम कुमार मेहरा द्वारा एक लैपटॉप कंप्यूटर के कथित उपयोग पर आपत्ति जताई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने घटना पर कार्रवाई की है.
मेहरा द्वारा कथित तौर पर इस्तेमाल होने वाले लैपटॉप को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के सामने ज़ब्त कर लिया गया, कलेक्टर ने कहा कि सब-इंस्पेक्टर मेहरा को सुरक्षा ड्यूटी से हटा दिया गया था और एक अन्य अधिकारी को उनके स्थान पर तैनात किया गया है.
कलेक्टर का कहना है कि वे लैपटॉप की जांच कर रहे हैं और उसके अंदर मौजूद सभी सामग्री को देख रहे हैं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.
उन्होंने बताया कि तीन विधानसभा बेमेतरा, नवागढ़ और साजा क्षेत्रों के ईवीएम को बेमेतरा जिला मुख्यालय के स्ट्रॉन्ग रूम रूम में रखा गया था.
इस घटना के इतर छत्तीसगढ़ के ही बेमेतरा में बीएसएफ के एक सब इंस्पेक्टर को कथित तौर पर ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर लैपटॉप का इस्तेमाल करते हुए पाया गया है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया कि कांग्रेस द्वारा मुद्दा उठाए जाने के बाद मंडी स्थित ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर तैनात बीएसएफ के 175वीं बटालियन के विक्रम कुमार मेहरा को ड्यूटी से हटा दिया गया है.
इस बीच ईवीएम की सुरक्षा को लेकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. याचिका में ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा और सख़्त करने की मांग की गई है.
छह दिसंबर को छत्तीसगढ़ के कांग्रेस महासचिव गिरीश देवगन की ओर से यह याचिका दाख़िल की गई है. याचिका में मांग की गई है कि चुनाव आयोग को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की सुरक्षा बनाए रखने के लिए सख़्त निर्देश दिए जाएं.
याचिका में कांग्रेस ने सभी निर्वाचन क्षेत्रों में 50 प्रतिशत बूथों में ईवीएम में इस्तेमाल होने वाली वीवीपैट पेपर स्लिप की गिनती की भी मांग की है. हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 10 दिसंबर तक के लिए टाल दी है.
मालूम हो कि छत्तीसगढ़ की 90 विधानसभा सीटों पर दो चरणों- 12 नवंबर और 20 नवंबर को मतदान कराए गए थे.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)