ऑस्ट्रेलिया के कई शहरों में अडाणी के कोलमाइन प्रोजक्ट के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे छात्र-छात्राएं

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी का माइनिंग प्रोजेक्ट विवादों के घेरे में है. सामाजिक संगठन और पर्यावरणविद इस परियोजना के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

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आॅस्ट्रलिया में अडाणी समूह की कोयला परियोजना के ख़िलाफ़ हुआ प्रदर्शन. (फोटो साभार: ट्विटर/@StrikeClimate)

ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी का माइनिंग प्रोजेक्ट विवादों के घेरे में है. सामाजिक संगठन और पर्यावरणविद इस परियोजना के ख़िलाफ़ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.

आॅस्ट्रलिया में अडाणी समूह की कोयला परियोजना के ख़िलाफ़ हुआ प्रदर्शन. (फोटो साभार: ट्विटर/@StrikeClimate)
आॅस्ट्रलिया में अडाणी समूह की कोयला परियोजना के ख़िलाफ़ हुआ प्रदर्शन. (फोटो साभार: ट्विटर/@StrikeClimate)

सिडनी: भारत का अडाणी समूह जब से ऑस्ट्रेलिया में खदान कारोबार में उतरा है तब से उनका लगातार विरोध किया जा रहा है. बीते शनिवार को अडाणी समूह के ख़िलाफ़ आॅस्ट्रेलिया के विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन किया गया. इन प्रदर्शनों में छात्र-छात्राएं भी शामिल रहे.

गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, मेलबर्न, सिडनी, ब्रिसबेन और केयर्सं शहरों में हुए इन विरोध प्रदर्शनों में 15 हज़ार से ज़्यादा छात्र-छात्राओं और लोगों ने भाग लिया.

छात्र-छात्राएं ने हाथों में ‘स्टॉप अडाणी’ की तख़्तियां लेकर प्रदर्शन में शामिल हुए. ब्रिसबेन में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने अडाणी समूह के मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया.

आॅस्ट्रेलियन यूथ क्लाइमेट कोलिज़न नाम के संगठन का कहना है कि मेलबर्न में अकेले तकरीबन पांच हज़ार लोग प्रदर्शन में शामिल हुए.

मध्य क्वींसलैंड के गैलिली बेसिन में अडाणी समूह की 16.5 अरब डॉलर की कारमाइकल कोयला खान परियोजना के ख़िलाफ़ आॅस्ट्रेलिया में लगातार विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और यह पिछले आठ सालों से विवादों के घेरे में है.

प्रदर्शन में शामिल 24 वर्षीय क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी की छात्रा अप्रिल मैकेब ने कहा कि गैलिली बेसिन स्थित कारमाइकल खदान में बड़ी संख्या में जारी काम ने युवाओं को बदलाव के लिए उकसाव है. अभी तक लोग इस पर बात कर रहे थे, लेकिन अब लोग इसके ख़िलाफ़ प्रदर्शन भी कर रहे हैं.

सिडनी में हुए प्रदर्शनों में शामिल लोगों ने ‘देयर इज़ नो प्लैनेट बी’ (रहने के लिए यहां कोई दूसरा ग्रह नहीं है), ‘मैं शर्त लगाता हूं कि डायनासोर ने भी सोचा होगा कि उनके पास अभी समय है’ और ‘मौसम बदल रहा है तो हम क्यों नहीं’ आदि की तख़्तियां लिए हुए थे.

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, पर्यावरणविदों ने इससे ग्रेट बैरियर रीफ को भारी नुकसान की चेतावनी जताई है. अडाणी के इस प्रोजेक्ट को साल 2015 में तब बड़ा झटका जब सिडनी की एक संघीय अदालत ने इसे मिली पर्यावरणीय मंज़ूरी को वापस लेने का फैसला दिया.

बता दें कि बीते पांच दिसंबर को प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के ख़िलाफ़ भी प्रदर्शन किए गए थे क्योंकि कोलमाइन परियोजना का विरोध कर रहे लोगों की उन्होंने आलोचना की थी.

बता दें कि अडाणी ग्रुप की यह कोयला खनन परियोजना मशहूर ‘द ग्रेट बैरियर रीफ’ के नज़दीक है. यह ऑस्ट्रेलिया का बेहद ख़ूबसूरत पर्यटन स्थल है, जहां 600 से अधिक कोरल पाए जाते हैं. यहां रंग-बिरंगी मछलियां, शार्क, डॉल्फिन और स्टारफिश पाए जाते हैं. इस प्रोजेक्ट की वजह से इन सब जीवों पर बुरा असर पड़ेगा.

पर्यावरणविदों के अनुसार, खदान से कोयला लादने वाले जहाज़ ‘द ग्रेट बैरियर रीफ’ से होकर गुज़रेंगे जिस कारण समुद्री जीवों का जीवन बुरी तरह प्रभावित होगा.

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया का एक बड़ा तबका इस परियोजना का विरोध कर रहा है. इसमें आॅस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर इयान और ग्रेग चैपल भी शामिल हैं. उनका कहना था कि यह परियोजना पर्यावरण विरोधी है. चैपल बंधुओं ने इस परियोजना के कारण ऑस्ट्रेलिया में भारत की बुरी छवि निर्मित होने की भी बात कही थी.