उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि मोदी सरकार ओबीसी समुदाय के हितों की अनदेखी कर रही है और देश के शिक्षण संस्थानों में संघ के लोगों की भर्ती की जा रही है. कुशवाहा लंबे समय से सीट बंटवारे को लेकर नाराज़ चल रहे थे.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से इस्तीफा दे दिया है. कुशवाहा 2019 लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर कुशवाहा नाराज़ चल रहे थे.
आज यानि कि सोमवार दोपहर में ही केंद्रीय मानव संसाधन राज्य मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने मंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. कुशवाहा ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंडे को लागू किया जा रहा है और ओबीसी समुदाय की अनदेखी की जा रही है.
कुशवाहा ने कहा कि देश के शिक्षण संस्थानों में ओबीसी का हक मार कर संघ के लोगों को भर्ती कराया जा रहा है.
RLSP Chief Upendra Kushwaha after his resignation as Union Minister: Narendra Modi ji couldn't meet expectations of the people of Bihar. Nothing was done for special status. Bihar is still where it was earlier. Education & health system is non-existent.Nothing was done for Bihar. pic.twitter.com/3D2QbVW8y4
— ANI (@ANI) December 10, 2018
बीते कुछ महीनों से बिहार में भाजपा की मुख्य सहयोगी दल जेडीयू के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर उपेंद्र कुशवाहा भाषणों से हमला कर रहे थे. कुशवाहा के इस्तीफे के बाद बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर समीकरण बदलने की उम्मीद जताई जा रही है.
रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे हैं. दूसरी ओर भाजपा और जदयू के बीच बराबर-बराबर सीटों पर चुनाव लड़ने की सहमति बनी है.
रालोसपा के एक वरिष्ठ नेता ने इस्तीफ़े से पहले कहा था, ‘कुशवाहा सोमवार को भाजपा से अपनी राह अलग करने की घोषणा कर सकते हैं. वह केंद्रीय मंत्री के पद से भी इस्तीफा दे देंगे.’
बता दें कि पिछले महीने ही कुशवाहा ने मुंगेर की एक सभा में कहा था कि वो एनडीए में हैं, लेकिन अपमान सहकर नहीं रह सकते हैं.
एनडीटीवी की ख़बर के अनुसार, बीते दिनों मोतिहारी में कुशवाहा ने कहा था कि लोग उनके भविष्य की रणनीति को लेकर आस लगाए बैठे हैं. उन्होंने कहा, ‘उनको मैं साफ़ करना चाहता हूं कि सुलह-समझौता करने के उनके सभी प्रयासों को अब तक सफलता नहीं मिली है. इसलिए आने वाले दिनों में उन्होंने रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता की पंक्तियां बोली कि ‘अब याचना नहीं रण होगा संघर्ष बड़ा भीषण होगा.’
RLSP Chief Upendra Kushwaha: State govt has failed. Nitish ji's agenda is to destroy me and my party. This was started by BJP. In Bihar election, seats of all allies were increased. But injustice was done to RLSP. https://t.co/oiwyCPkyeT
— ANI (@ANI) December 10, 2018
मालूम हो कि कुशवाहा ने भाजपा पर मंदिर मुद्दे को लेकर भी हमला बोला था. उन्होंने कहा था कि ये मुद्दा उठाकर भाजपा जनता का ध्यान भटकाने का काम कर रही है.
उन्होंने कहा था कि सरकार और राजनीतिक दलों का ये काम नहीं कि कहां मंदिर या मस्जिद बने.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि अगर मंदिर बनाना है तो उचित तरीके से बनाइये. ये देश संविधान से चलता है और संविधान धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत से चलता है.
एनडीए से बाहर आने के बाद कुशवाहा के महागठबंधन (राजद, कांग्रेस और हम) के साथ जाने के कयास लगाए जा रहे हैं. पिछले महीने उन्होंने शरद यादव और बिहार में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से भी मुलाक़ात की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)