पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने रिज़र्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल के अचानक इस्तीफ़े को हालिया केंद्र सरकार-आरबीआई विवाद से जोड़ते हुए कहा कि ऐसी संस्थाओं को अल्पकालिक राजनीतिक फ़ायदों के लिए ख़त्म करना मूर्खतापूर्ण होगा.
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर उर्जित पटेल के इस्तीफे को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ करार देते हुए कहा कि यह देश की अर्थव्यवस्था को लगा एक ‘गंभीर झटका’ है.
उर्जित पटेल ने सोमवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. उनका इस्तीफा रिज़र्व बैंक बोर्ड की एक महत्वपूर्ण बैठक से 4 दिन पहले आया है.
इस बारे में पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, ‘मैं पटेल को एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री, जो भारत की आर्थिक संस्थाओं और नीतियों को समझता है, के रूप में जानता हूं. उनका ऐसे समय में अचानक इस्तीफ़ा देना, जब देश की अर्थव्यवस्था कई मुश्किलों से जूझ रही है, बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और देश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा झटका है.’
There have been apprehensions expressed earlier by RBI Dy Guv about govt’s intent to raid capital reserves of RBI.I hope the resignation isn't a sign that this may become a reality & isn't a harbinger of Modi govt’s attempts to destroy institutional foundations of India's economy
— ANI (@ANI) December 10, 2018
उन्होंने आगे लिखा कि इससे पहले आरबीआई के डिप्टी गवर्नर द्वारा केंद्र सरकार द्वारा आरबीआई के रिज़र्व को इस्तेमाल करने को लेकर आशंकाएं जता चुके हैं. मैं आशा करता हूं कि पटेल का इस्तीफ़ा इन आशंकाओं के सच्चाई में बदलने का इशारा न हो.
उन्होंने आगे लिखा, ‘किसी भी संस्था को बनाने में बहुत समय और मेहनत लगती है, लेकिन वे बहुत कम समय में ख़त्म हो सकती हैं.आज़ादी के बाद से ही आरबीआई जैसी संस्थाओं ने देश की प्रगति में बड़ा योगदान दिया है. ऐसी संस्थाओं को अल्पकालिक राजनीतिक फायदों के लिए खत्म करना मूर्खतापूर्ण होगा.’
पूर्व प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि पटेल का इस्तीफा मोदी सरकार के भारत की अर्थव्यवस्था की नींव को नुकसान पहुंचाने के प्रयासों की शुरुआत न हो.
आरबीआई के 24वें गवर्नर उर्जित पटेल ने सोमवार को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफ़ा दिया. उनका कार्यकाल पूरा होने में अभी 10 महीने थे.
सितंबर 2016 में उन्हें तीन साल के लिए इस पद पर गवर्नर नियुक्त किया गया था. उन्होंने पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की जगह ली थी.
हाल ही में रिजर्व बैंक की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब मोदी सरकार के साथ चल रहे गतिरोध से संबंधित सवाल पूछा गया तो उर्जित पटेल ने इस पर कोई भी जवाब देने से मना कर दिया था. ऐसा माना जा रहा था केंद्र की ओर से रिजर्व बैंक पर दबाव डाला जा रहा है और बैंक की स्वायत्तता को प्रभावित किया जा रहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)