पीएमओ ने वापस लौटाया नाराज़ किसान का मनीऑर्डर, कहा- ऑनलाइन भेजो पैसे

महाराष्ट्र के किसान संजय साठे ने 750 किलो प्याज़ के महज़ 1,064 रुपये मिलने से नाराज़ होकर इसे मनीऑर्डर के ज़रिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था. पीएमओ ने इसे लेने से इनकार करते हुए उन्हें डिजिटल माध्यम से पैसे भेजने को कहा है.

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New Delhi: Prime Minister Narendra Modi looks on during the launch of India Post Payments Bank (IPPB), in New Delhi on Saturday, Sept 1, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9 1 2018 000073B)

महाराष्ट्र के किसान संजय साठे ने 750 किलो प्याज़ के महज़ 1,064 रुपये मिलने से नाराज़ होकर इसे मनीऑर्डर के ज़रिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजा था. पीएमओ ने इसे लेने से इनकार करते हुए उन्हें डिजिटल माध्यम से पैसे भेजने को कहा है.

New Delhi: Prime Minister Narendra Modi looks on during the launch of India Post Payments Bank (IPPB), in New Delhi on Saturday, Sept 1, 2018. (PTI Photo/Subhav Shukla) (PTI9 1 2018 000073B)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फोटो: पीटीआई)

नासिक: प्याज की फसल के उचित दाम न मिलने से नाराज महाराष्ट्र के नासिक जिले के किसान संजय साठे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए मनीऑर्डर को पीएमओ ने लेने से इनकार कर दिया है.

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार पीएमओ ने संजय को मनीऑर्डर वापस भेजते हुए कहा कि वह किसी भी तरह मनीऑर्डर स्वीकार नहीं करते. अगर उन्हें पैसे भेजने ही हैं, तो वह आरटीजीएस (RTGS) या फिर अन्य ऑनलाइन ट्रांसफर माध्यम से पैसे भेजें.

प्रधानमंत्री कार्यालय के मनीऑर्डर न स्वीकार करने से साठे काफी आहत हैं. उन्हें दुख इसके अस्वीकार होने का नहीं बल्कि पीएमओ द्वारा राहत की बजाय डिजिटल ट्रांसफर का विकल्प देने का है.

अख़बार की खबर के अनुसार उन्होंने कहा, ‘जब मैंने पैसे भेजे थे तो लगा था कि शायद किसानों का कुछ भला हो जाएगा.’

मालूम हो कि नासिक के निफाड तहसील के संजय साठे को अपनी 750 किलो प्याज़ की फसल को सिर्फ 1064 रुपये में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा था. इसके बाद अपना विरोध दर्ज करवाने के लिए उन्होंने प्याज़ बेचने के बाद मिले पैसों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेज दिया था.

तब उन्होंने बताया था कि इस सीजन में उन्होंने 750 किलो प्याज़ उपजाई और उसे बेचने निफाड थोक बाजार गए. वहां पहले उन्हें 1 रुपये प्रति किलो की पेशकश की गई, लेकिन काफी मोलभाव के 1.40 रुपये प्रति किलोग्राम का सौदा तय हुआ और साठे को 750 किलोग्राम प्याज़ की फसल महज 1064 रुपये में बेचनी पड़ी.

उन्होंने तब बताया था, ‘चार महीने के परिश्रम की मुझे ये कीमत मिली. मैंने 1064 रुपये प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आपदा राहत कोष में दान कर दिये हैं. मुझे वह राशि मनी ऑर्डर से भेजने के लिए 54 रुपये अलग से खर्च करने पड़े.’

उन्होंने यह भी कहा था कि ‘मैं किसी राजनीतिक पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करता, लेकिन दिक्कतों के प्रति सरकार की उदासीनता से नाराज हूं.’

उनके मनीऑर्डर भेजने की खबर आने के बाद पीएमओ सक्रिय हुआ था और बताया जाता है कि इस घटना की जांच के आदेश दिए गए थे.

बता दें कि महाराष्ट्र से लगातार ये ख़बरें आ रही हैं कि इस क्षेत्र में प्याज के किसान अपने उत्पाद को कम दाम में बेचने को मजबूर हैं.

हाल ही में येओला तहसील में अंडरसुल के निवासी चंद्रकांत भीकन देशमुख ने प्याज का कम दाम मिलने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को 216 रुपये का मनी ऑर्डर भेजा था.

देशमुख ने बताया था कि येओला में पांच दिसंबर को हुई कृषि उत्पादन बाजार समिति (एपीएमसी) की नीलामी में 545 किलोग्राम प्याज की बिक्री के बाद उन्हें यह राशि प्राप्त हुई.

नासिक जिले का भारत में प्याज उत्पादन का 50 प्रतिशत हिस्सा है. जिले के किसान दावा कर रहे हैं कि अच्छी फसल होने के कारण उन्हें उनकी उपज की अच्छी कीमत नहीं मिल रही है.

ख़बरों के अनुसार नासिक जिले में कर्ज और कम कीमत मिलने के कारण बीते दो दिन में दो प्याज किसानों ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी.

केवल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश में भी थोक मंडी में प्याज की कम कीमत मिलने से किसान परेशान हैं.

मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नीमच मंडी में प्याज पचास पैसे प्रति किलोग्राम और लहसुन दो रुपये प्रति किलोग्राम थोक के भाव बिकने के के चलते किसान या तो अपनी फसल वापस ले जा रहे हैं या फिर मंडी में ही छोड़ जा रहे है.