तेलंगाना में टीआरएस प्रमुख के. चंद्रशेखर राव ने ही सिर्फ शपथ ली है, बाकी कैबिनेट का गठन चुनाव आयोग द्वारा राजपत्र अधिसूचना जारी करने के बाद होगा.
हैदराबाद: तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को जबरदस्त जीत दिलाने वाले के. चंद्रशेखर राव ने बृहस्पतिवार को देश के सबसे नए प्रदेश में लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभाला.
पांच राज्यों के चुनाव नतीजों में तेलंगाना राज्य के नतीजे भी सामने आए, जिसमें टीआरएस को एकतरफा जीत मिली. बुधवार को राव को विधायक दल का नेता चुन लिया गया था.
तेलंगाना में केसीआर के नाम से लोकप्रिय राव को हैदराबाद स्थित राजभवन के लॉन में आयोजित समारोह में राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई.
टीआरएस के विधान पार्षद और पूर्ववर्ती सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे मोहम्मद महमूद अली ने भी मंत्री के रूप में शपथ ली.
केसीआर ने बुधवार को कहा था कि पांच छह दिन बाद उनके नए कैबिनेट की घोषणा हो जाएगी.
इससे पहले सितंबर में 64 वर्षीय राव ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश कर प्रदेश में समय पूर्व चुनाव कराने का फैसला किया था. उनकी मंशा प्रदेश में आम चुनाव से अलग विधानसभा चुनाव कराने की थी. यह एक प्रकार का जुआ था जिसमें वह सफल रहे.
टीआरएस को प्रदेश की 119 में से 88 पर जीत मिली है जो दो तिहाई बहुमत है.
Hyderabad: K Chandrasekhar Rao takes oath as the Chief Minister of Telangana pic.twitter.com/BseNTRQqMF
— ANI (@ANI) December 13, 2018
राव भी गजवेल विधानसभा सीट से 58,290 वोटों के अंतर से जीतें हैं.
विधायक दल की बैठक से बाहर आने के बाद, टीआरएस प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा कि चूंकि चुनाव आयोग को राजपत्र अधिसूचना जारी करनी है, इसलिए पूर्ण कैबिनेट के गठन में कुछ दिन लग सकते हैं.
विधानसभा चुनाव में विपक्ष के चार राजनीतिक दलों के साथ महागठजोड़ करने वाली कांग्रेस को सूबे में 19 सीटों से ही संतोष करना पड़ा है. कांग्रेस की अगुवाई में गठित ‘प्रजा कुटमी’ गठबंधन में शामिल चंद्रबाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी को केवल दो सीटे मिली हैं. इन चुनावों में तेलंगाना जन समिति (तेजस) और भाकपा का खाता भी नहीं खुला.
अलग तेलंगाना राज्य के गठन के लिए आंदोलन चलाने वाले केसीआर ने सूबे में नायडू का मुक़ाबला करने के लिए ‘तेलंगाना गौरव’ का आह्वान किया था. राव की पार्टी ने आंध्र के मुख्यमंत्री को बाहरी व्यक्ति के रूप में संबोधित किया.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गजों को चुनाव प्रचार के लिए उतारने वाली भाजपा केवल एक ही सीट जीत पाई.
दो विधायकों के समर्थन के बाद टीआरएस की ताकत और बढ़ गई है. पार्टी को कांग्रेस के बागी एल. रामुलु नाइक और टीआरएस के बागी कोरूकांति चंदर का समर्थन मिला है.
नाइक ने वायरा सीट से जबकि चंदर ने फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर रामगुंडम से जीत हासिल की थी.
अलग थलग कर दिए गए केसीआर ने एनटी रामाराव द्वारा स्थापित तेदेपा को 2001 में छोड़ दिया था और अलग राज्य की मांग करते हुए टीआरएस का गठन किया था. दो जून 2014 को नया तेलंगाना राज्य अस्तित्व में आया था.
पर्यवेक्षकों ने चुनाव में जबरदस्त जीत का श्रेय केसीआर की लोकलुभावन योजनाओं को दिया है. इसमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना और किसानों के लिए जीवन बीमा योजना शामिल है.
राज्य विधानसभा चुनाव समाप्त हो जाने के बाद केसीआर अब अगले साल होने वाले आम चुनावों पर ध्यान दे रहे हैं. जैसा कि उन्होंने कहा था कि जीत टीआरएस को राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने में सक्षम बनाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)