नितिन गडकरी बोले, एक बार क़र्ज़ न चुका पाने वाले विजय माल्या को चोर कहना ग़लत

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शराब कारोबारी विजय माल्या को लेकर कहा कि वो पचास साल से ब्याज़ भर रहे थे और अगर एक बार वो डिफाल्ट हो गए तो फ्रॉड कहना सही नहीं है.

नितिन गडकरी और नितिन गडकरी (फोटो: पीटीआई)

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने शराब कारोबारी विजय माल्या को लेकर कहा कि वो पचास साल से ब्याज़ भर रहे थे और अगर एक बार वो डिफाल्ट हो गए तो फ्रॉड कहना सही नहीं है.

नितिन गडकरी और नितिन गडकरी (फोटो: पीटीआई)
नितिन गडकरी और नितिन गडकरी (फोटो: पीटीआई)

मुंबई: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को लेकर गुरुवार को कहा कि एक बार कर्ज नहीं चुका पाने वाले को चोर कहना अनुचित है. उन्होंने कहा कि वो पिछले 40 सालों से नियमित ब्याज भरते रहे हैं. हालांकि गडकरी ने सपष्ट किया कि उनका माल्या से कोई लेना-देना नहीं है.

मालूम हो कि बीते बुधवार को ही ब्रिटेन की अदालत ने माल्या को भारत को सौंपने का फैसला किया है. माल्या पर कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.

टाइम्स ग्रुप द्वारा आयोजित आर्थिक शिखर सम्मेलन में गडकरी कहते हैं, ‘माल्या 40 साल से कर्ज नियमित रूप से भर रहे थे. ब्याज दे रहे थे. उसके बाद वे अड़चन में आए तो वह एकदम चोर हो गए? जो पचास साल ब्याज भरता है वह ठीक है, पर एक बार वह डिफाल्ट हो गया तो सब फ्रॉड हो गया? ये मानसिकता ठीक नहीं है.’

गडकरी ने कहा कि वह जिस ऋण का जिक्र कर रहे थे, वह महाराष्ट्र सरकार की स्वामित्व वाली इकाई सिकॉम से विजय माल्या को 40 साल पहले दी गई था. माल्या ने यह ऋण बिना किसी डिफ़ॉल्ट के समय पर चुकाया गया था. यह बताते हुए कि उतार-चढ़ाव किसी भी व्यवसाय का हिस्सा है, सड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि अगर कोई नीचे की ओर जाता है, तो उसका साथ देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि कारोबार में जोखिम होता है, चाहे बैंकिंग हो या बीमा, उतार-चढ़ाव आते हैं. यदि अर्थव्यवस्था में वैश्विक या आंतरिक कारणों मसलन मंदी की वजह से गलतियां बुनियादी हों तो जो व्यक्ति परेशानी झेल रहा है उसका समर्थन किया जाना चाहिए.

गडकरी ने कारोबारी समस्या को चुनाव में हुई एक हार से जोड़ते हुए कहा कि वह 26 साल की उम्र में एक चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्होंने इस हार को इस तरह नहीं लिया जैसे कि उनका राजनीतिक जीवन समाप्त हो गया.

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, ‘अगर नीरव मोदी या विजय माल्याजी ने (वित्तीय) धोखाधड़ी की है तो उन्हें जेल भेज दो, लेकिन जो भी संकट में आता है और यदि हम उन्हें धोखाधड़ी के रूप में लेबल करते हैं तो हमारी अर्थव्यवस्था प्रगति नहीं करेगी.’

हालांकि नितिन गडकरी इस बयान को लेकर आलोचना का शिकार हुए और सोशल मीडिया पर ट्रोल किए गए. गडकरी ने इस मामले में स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.

उन्होंने कहा, ‘मैंने कहा था कि उनका (विजय माल्या) अकाउंट 40 साल तक प्राइम अकाउंट था और 41वें साल में बिगड़ गया, तो बिजनेस में उतार चढ़ाव होता रहता है. बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है.’

मालूम हो लंदन की एक अदालत ने इसी सप्ताह माल्या के प्रत्यर्पण का आदेश दिया है. हालांकि माल्या ने कुछ दिन पहले ट्वीट कर बकाया कर्ज़ की धन राशि में से मूलधन चुकाने की पेशकश की थी.

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)