बुलंदशहर हिंसा: मेरठ पुलिस गांवों में लोगों को दिला रही गोकशी न करने की शपथ

बीते तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली के एक गांव में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह. (फोटो: पीटीआई)

बीते तीन दिसंबर को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली के एक गांव में कथित गोकशी के बाद भड़की हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित कुमार नाम के युवक की मौत हो गई थी.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह. (फोटो: पीटीआई)
इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह. (फोटो: पीटीआई)

मेरठ: बुलंदशहर हिंसा के बाद मेरठ के गांवों में पुलिस द्वारा ग्रामीणों को गोहत्या न करने की शपथ दिलाने के साथ ऐसे लोगों को बहिष्कार करने और उन्हें पुलिस को सौंपने की शपथ दिलाई जा रही है.

घटना के संबंध में एक वीडियो भी सामने आया है. समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से ट्वीट किए गए 27 सेकेंड के वीडियो में पुलिस द्वारा कहा जा रहा है, ‘हम शपथ लेते हैं कि आज के बाद गांव में और गांव के आसपास गोकशी नहीं होने देंगे. जो गोकशी करेगा उसका सामाजिक बहिष्कार करेंगे और पुलिस के हवाले करेंगे. जय हिंद, जय भारत.’

समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मेरठ एसपी राजेश कुमार ने बताया, ‘सभी थानाध्यक्ष गोकशी के लिए कुख्यात किठोर, मलयान जैसे गांवों में मीटिंग कर रहे हैं और गांववालों को गोकशी न करने की शपथ दिला रहे हैं. इसका अच्छा प्रभाव नज़र आ रहा है.’

तीन दिसंबर को स्याना कोतवाली के गांव महाव में गोकशी के बाद हिंसा हो गई थी, जिसमें स्याना पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और चिंगरावठी गांव के युवक सुमित की गोली लगने से मौत हुई थी. इस मामले में एसआई सुभाष चंद्र ने थाना कोतवाली में 27 नामजद और 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

बता दें कि बुलंदशहर हिंसा मामले और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या मामले में मुख्य आरोपी बजरंग दल के नेता योगेश राज को बनाया गया है. बुलंदशहर हिंसा में वांछित एक और अभियुक्त शिखर अग्रवाल है. योगेश और शिखर ने ख़ुद को बेकसूर बताया है. दोनों फिलहाल फ़रार चल रहे हैं.

पुलिस इस संबंध में जम्मू कश्मीर में तैनात जीतू फौजी नाम के जवान समेत तकरीबन 12 लोगों को गिरफ़्तार कर चुकी है. फिलहाल जीतू 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है.